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    जम्मू श्रीनगर हाईवे बंद होने से सेब उत्पादकों को करीब 1200 करोड़ रुपये का नुकसान, रेल सेवा से भी राहत नहीं

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 07:58 PM (IST)

    कश्मीर में राजमार्ग बंद होने से सेब व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है। लगभग 2500 ट्रक रास्ते में फंसे हैं जिससे फल सड़ रहे हैं। व्यापारियों को एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हुआ है। केंद्र सरकार ने रेल सेवा शुरू की है लेकिन यह अपर्याप्त है। सेब की खेती 35 लाख लोगों की आजीविका है और राजमार्ग बहाली की तत्काल मांग की जा रही है।

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    रेल सेवा पर कश्मीर से लगभग 16-17 लाख टन माल दिल्ली पहुंचाने में ही लगभग 17-18 वर्ष लग जाएंगे।

    नवीन नवाज,जागरण, श्रीनगर। कश्मीर में सेब की लाली और उसकी खुशबु स्थानीय फलोत्पादकों और व्यापारियों को हंसा नहीं रही है, बल्कि रुला रही है। कारण-हाईवे बंद होने के कारण लगभग अढ़ाई हजार ट्रक रास्ते में फंसे पड़े है। कईयों का माल मंडियों में पहुंचने से पहले ही खराब हो गया है।

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    फलोत्पादक और व्यापारी लगभग एक हजार करोड़ रूपये का घाटा होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कश्मीर से दिल्ली तक विशेष रैपिड कार्गाे रेल सेवा भी बहाल कर दी है जो रोजाना 185 टन के करीब माल लेकर जाएगी। लेकिन यह अपर्याप्त है,क्योंकि स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक,अगर इसी रेल सेवा पर आश्रित रहे तो कश्मीर से लगभग 16-17 लाख टन माल दिल्ली पहुंचाने में ही लगभग 17-18 वर्ष लग जाएंगे।

    आपको बता दें कि कश्मीर में लगभग 25-25 लाख टन से ज्यादा सेब पैदा होता है और उसमें से लगभग 17 लाख टन देश के विभिन्न राज्यों में निर्यात होता है। निर्यात के लिए सेब व्यापारी श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही मुख्य तौर पर आश्रित हैं।

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    हालिया बारिश और बाढ़ व भूस्खलन के कारण 275 किलोमीटर लंबा श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बनिहाल-रामबन-उधमपुर सेक्शन पर कई जगह क्षतिग्रस्त हो चुका है और उसे वाहनों की आवाजाही के लिए बंद करना पड़ा है। हालांकि इसे आंशिक रूप से बहाल किया गया है,लेकिन क्षतिग्रस्त हिस्सों से ट्रकों की आवाजाही को बंद रखा गया है।

    प्रशासन ने नाराज उत्पादकों-व्यापारियों ने दो दिन बंद रखी मंडी

    हाईवे बंद होने से क्षुब्ध कश्मीर के सेब उत्पादकों और व्यापारियों ने दो दिन से मंडी भी बंद रखी है। एशिया की दूसरी सबसे बड़ी फल मंडी सोपोर के अध्यक्ष फैयाज अहमद फैयाज उर्फ काका जी ने कहा कि इस वर्ष सेब की बंपर फसल से हम सभी खुश थे,लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था, कि हमारे साथ ऐसा होगा।

    यही मौसम है जब मंडियों में सेब की कीमत अच्छी मिलत है और हाइवे के लगातार बंदहोने के कारण हमारी हमारी खुशी गम में बदल गई है। निसार यत्तु नामक एक सेब उत्पादक ने कहा कि हम अपनी आंखो के सामने अपनी मेहनत की बरबादी देख रहे हैं,इससे ज्यादा तकलीफ क्या होगी। हम तो यह सोचकर परेशान हैं कि हम अपना खर्च कहां से निकालेंगे।

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    सेब की खेती से जुड़े हैं 35 लाख लोग

    कश्मीर के आर्थिक मामलों के जानकार फैयाज वानी के अनुसार, सेब की खेती जम्मू और कश्मीर में लगभग 35 लाख लोगों का जीवन यापन करती है।और कश्मीर, स्थानीय अर्थव्यवस्था को 17,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा के वार्षिक कारोबार से पोषण प्रदान करती है। यह क्षेत्र ग्रामीण जीवन के हर पहलू से जुड़ा हुआ है, स्कूल की फीस और दहेज से लेकर स्वास्थ्य व्यय और छोटे-मोटे कर्ज़ों तक।

    दो से तीन हजार ट्रक हाईवे पर फंसे

    कश्मीर वैली फ्रूट ग्रौअर्ज एंड डीलर्स ऐसाेसिएशन के अध्यक्ष बशीर अहमद बशीर ने कहाकि हम लोग देश के विभिन्न बाजारों तक फलों की ढुलाई के लिए श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्भर है। मौजूदा समय में सेब और नाशपाती से लदे लगभग 2000-3000 ट्रक राजमार्ग पर विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। ये जल्दी खराब होने वाले फल हैं इसलिए अब तक अधिकांश फल सड़ चुके होंगे,कयेांकि कई ट्रक लगभग 20 दिनों से फंसे हुए हैं।"

    उन्होंने बताया कि प्रत्येक ट्रक में 10-15 लाख रुपये मूल्य के 700-1200 सेब के डिब्बे होते हैं। लंबे समय तक बंद रहने के कारण 30 लाख सेब के डिब्बे सड़ गए होंगे। अब तक फल उत्पादकों और व्यापारियों को अब तक लगभग एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुक्सान हो चुका है और यह नुक्सान हर दिन बढ़ रहा है।

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    कश्मीर घाटी की सभी 12 मंडियां हाईवे बंद होने से प्रभावित

    सोपोर मंडी के अध्यक्ष फैयाज अहमद फैयाज ने कहा कि घाटी में 12 फल मंडिया हैं और सभी हाइवे के बंद होने से प्रभावित हैं। हमने दो दिन से मंडी बंद रखी है,मजबूरी है। हमारी मंडी से रोजाना 400--500 सेब के ट्रक निकलते थे जो किसी दिन एक हजार तक भी पहुंच जाते हैं। हमारी मंडी से निकले कई ट्रक न केवल हाइवे पर फंसे हुए हैं, बल्कि कई ट्रक मंडी में ही लदे हुए हैं। सेब ट्रकों, फल मंडियों और गोदामों में सड़ रहे हैं और नुकसान बढ़ता ही जा रहा है।"

    कश्मीर के सेबों के लिए एक ट्रेन अपर्याप्त

    शोपियां के अगलर मंडी में पसरे सन्नाटे में सेब के डिब्बों के पास बैठे एक व्यापारी ने कहा कि यहां माल कौन उठाएगा, जब हाइव पर ही सड़ना है। शोपियां मंडी के महासचिव शकील अहमद और कश्मीर वैली फूट ग्रौअर्ज एसोसिएशन के अध्यक्ष बशीर अहमद बशीर ने रेल सेवा का जिक्र करते हुए कहा कि यह स्वागत योग्य है, लकिन अपर्याप्त है। शकील अहमद ने कहा रोजाना 185 टन माल जाएगा तो 17 लाख टन कितने दिन में जाएगा,इस लिहाज से तो आपको 16-17 वर्ष लग जाएंगे।यह रेल सेवा आठ-दस टक माल ले जाएगी जो शोपियां मंडी में दो से तीन घंटे में ट्रकों के जरिए निकल जाता है।

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    हाईवे पर फंसे ट्रक चालकों ने भी किराये बढ़ाए

    ताहिर अब्बास नामक एक व्यापारी ने कहा कि हाइवे बंद होने से ट्रक चालको ने भी अपनी किराया दरें बढ़ा दी हैं।रेलवे ने कार्गाे सेवा शुरु की है,लेकिन यह अपर्याप्त है। सड़क बंद होने से हमारी पूरी सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। मांग कम हो रही हे और हमारे माल की कीमत भी गिर रही है। यहां घरेलू बाजार में भी अब सेब के दाम गिर रहे हैं। आज अत्याधुनिक तकनीक के दौर में जब,हमारे पास दुनियाभर की मशीनें हैं, हाइवे का बंद होना कई सवाल पैदा करता है। हाइवे बहाली का काम सेना को सौंप देना चाहिए।

    सेब कारोबार को अब तक 1200 करोड़ से अधिक नुकसान हो चुका

    नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और विधायक डा बशीर अहमद वीरी ने राजमार्ग बहाली की तत्काल मांग करते हुए कहाकि सेब कारोबार को अब तक 1200 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान हो चुका है। उत्पादकों का कहना है कि राजमार्गों का कुप्रबंधन हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ को तोड़ रहा है। लाखों लोगों का पेट भरने वाला हमारा बागवानी का क्षेत्र, सेब का कारोबार हाईवे बंद होने के कारण कारण बर्बादी के कगार पर पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि यह राजनीति नहीं है। यह अस्तित्व की लड़ाई है। जब सेब बाज़ारों तक नहीं पहुंच पाते, तो पूरी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा जाती है।

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    सीएम उमर ने रेल सेवा में बढ़ोतरी की बात की है

    कश्मीर की जीवन रेखा की रक्षा के लिए हाईवे बहाली पर तत्काल कार्रवाई ही एकमात्र उपाय है, कृषि एवं बागवानी मंत्री जावेद अहमद डार ने कहा कि आज रेल कार्गाे सेवा बहाल हुई है। यह नियमित तौर पर चलेगी। सेब व्यापारियों का कहना सही है कि यह अपर्याप्त है, इसलिए मुख्यमंत्री ने इसमें बढ़ौत्तरी के लिए केंद्र सकार से आग्रह किया है। हाइवे को यथासंभव बहाल करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। हाइवे पर फंसे ट्रकों को जल्द उनकी मंंजिल तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था की जा रही है। मुगल रोड से ट्रकों को रवाना किया जा रहा है।