कश्मीर में पटरी पर लौट रहा पर्यटन, एलओसी पर गुरेज महोत्सव की तैयारी, जानें क्या होगा खास?
कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे गुरेज में छह अगस्त से दो दिवसीय गुरेज महोत्सव का आयोजन कर रहा है। इस महोत्सव में पर्यटकों को गुरेज की शीना संस्कृति से अवगत होने का अवसर मिलेगा। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में कमी आई थी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। कश्मीर में सुरक्षा एवं विश्वास के वातावरण की बहाली के बीच श्री अमरनाथ यात्रा के सफल संचालन का असर अब पर्यटन पर भी नजर आने लगा है। पर्यटकों की आमद लगातार बढ़ रही है।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे गुरेज में छह अगस्त से दो दिवसीय गुरेज महोत्सव होगा। इसमें गुरेज की शीना संस्कृति से लोगों को अवगत होने का अवसर भी मिलेगा। बता दें कि कुछ वर्षों से कश्मीर में पर्यटन बढ़ रहा है, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद घाटी में पर्यटकों की आमद ठप हो गई थी।
प्रशासन ने भी गुरेज, बंगस, लोलाब समेत 50 से ज्यादा पर्यटनस्थल बंद कर दिए थे। सभी पर्यटनस्थलों का सुरक्षा आडिट किया। विभिन्न राज्यों में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ संवाद-संपर्क बनाकर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन से फिर घाटी में पर्यटकों को आकर्षित करने का प्रयास किया।
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संबंधित अधिकारियों ने बताया कि अभी बेशक होटलों में शत प्रतिशत आक्यूपेंसी नहीं है,लेकिन इससे इन्कार नहीं किया जा सकता कि पर्यटकों की भीड़ बढ़ रही है। सात जुलाई तक कश्मीर में 738537 देशी और 15319 विदेशी पर्यटक आ चुके हैं। इनमें से करीब साढ़े तीन लाख पर्यटक जिनमें अमरनाथ यात्री भी शामिल हैं, एक माह माह के दौरान आए हैं।
यात्रा स्थानीय पर्यटन उद्योग के लिए बूस्टर डोज साबित हो रही है। श्रद्धालओं के साथ अन्य पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। इसी गति को बनाए रखने के लिए बंद पड़े विभिन्न पर्यटन स्थल खोलने की प्रक्रिया मे तेजी लाने के साथ पर्यटकों के लिए विभिन्न स्थलों पर महोत्सव आयोजित किए जा रहे हैं।
पर्यटन मेलों का आयोजन किया जाएगा
प्रदेश प्रशासन चाहता है कि पर्यटक श्रीनगर,पहलगाम,गुलमर्ग, सोनमर्ग से आगे भी जाएं इसलिए विगत चार-पांच वर्ष में पर्यटकों के लिए एक नए आकर्षण का केंद्र बने आफबीट और ग्रामीण पर्यटनस्थलों पर पर्यटन मेलों का आयोजन किया जाएगा।
इसी क्रम में गुरेज घाटी जो बांडीपोर में एलओसी पर है, को पर्यटकों के लिए खोला गया है। गुरेज में छह-सात अगस्त को गुरेज महोत्सव होगा। गुरेज में स्थानीय और विदेशी दोनों पर्यटक जा सकते हैं। गुरेज के विधायक नजीर अहमद गुरेजी ने कहा कि यहां अगस्त में महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसकी तैयारियां चल रही हैं।
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आर्य का वंशज कहते हैं
गुरेज के मूल निवासी शीना समुदाय से हैं। इनकी भाषा, संस्कृति और रहन-सहन आम कश्मीरियों से अलग है। इन्हें आर्य का वंशज कहते हैं। महोत्सव में गुरेज की सदियों पुरानी संस्कृति को जानने का अवसर मिलेगा। वहां खेल कूद,पोलो,रस्साकशी, दमाली व अन्य कई रोमांचकारी गतिविधियां होंगी।
टूर आपरेटरों के संवाद का असर
ट्रैवल एजेंटस एसोसिएशन आफ कश्मीर के रौऊफ त्रम्बू ने कहा कि जिस तरह से यहां उपराज्यपाल प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा का बंदोबस्त किया है और जिस तरह से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विभिन्न राज्यों में टूर आपरेटरों के साथ स्वयं सवांद किया, उसका असर हो रहा है। यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है।
जिस तरह से पर्यटकों में उत्साह देखा जा रहा है,उसके आधार पर कह सकता हूं कि हमारे लिए सितंबर-अक्टूबर कोई आफ सीजन नहीं हरेगा, यहां नवंबर-दिसंबर में भी पर्यटकों की भीड़ रहेगी। लोग गुरेज को देखना चाहते हैं,इसलिए मुझे लगता है कि गुरेज महोत्सव सिर्फ गुरेज में नहीं बल्कि घाटी में अन्य जगहों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाएगा।
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