Machail Yatra में इस बार हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध होने की उम्मीद नहीं, यात्रा शुरू होने में मात्र नौ दिन शेष
किश्तवाड़ में आगामी मचैल यात्रा 25 जुलाई से शुरू होने वाली है लेकिन हेलीकाप्टर सेवा की उपलब्धता पर अनिश्चितता बनी हुई है। पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा कारणों से अमरनाथ यात्रा में भी हेलीकाप्टर सेवा नहीं दी जा रही है। 2008 से शुरू हुई मचैल यात्रा में हेलीकाप्टर सेवा बुजुर्गों के लिए महत्वपूर्ण सुविधा थी। इस वर्ष अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है जिससे श्रद्धालु निराश हैं।

संवाद सहयोगी, जागरण, किश्तवाड़। जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिला में इस बार वार्षिक मचैल यात्रा के दौरान मां चंडी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध होने के आसार नहीं हैं।
मचैल यात्रा 25 जुलाई से शुरू होने जा रही है और मात्र नौ दिन शेष है, लेकिन हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने को लेकर अभी तक कोई सरकारी आदेश जारी नहीं हुआ है। बता दें कि पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा के मद्देनजर इस बार श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान भी हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है।
मचैल यात्रा में श्रद्धालुओं विशेषकर बुजुर्गों की सुविधा के लिए वर्ष 2008 में हेलीकाप्टर सेवा शुरू की गई थी, जो पिछले 17 वर्षों से लगातार जारी थी। इस बार भी श्रद्धालुओं को उम्मीद थी कि उन्हें हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध होगी, लेकिन, अभी तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
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बता दें कि मचैल यात्रा में जम्मू-कश्मीर के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश व दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु भाग लेने आते हैं। सूत्रों के अनुसार, मचैल यात्रा के दौरान हेलीकाप्टर चलाने के लिए जम्मू में डिवीजनल कमिश्नर के कार्यालय में टेंडर की प्रक्रिया काफी समय पहले पूरी कर ली गई थी।
8200 रुपये गुलाबगढ़ से मचैल आने-जाने का किराया भी तय किया गया था। इस किराये को अभी सार्वजानिक नहीं किया गया था, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई भी आदेश नहीं मिला है। हालांकि अब यात्रा में पैदल चलने का रास्ता सिर्फ सात किलोमीटर रह गया है।
अगर चशोती का पुल जल्द बन जाता है तो उसके बाद सिर्फ तीन किलोमीटर का सफर रह जाएगा। वह भी चढ़ाई के बिना। वहीं, इस यात्रा की देखरेख का जिम्मा किश्तवाड़ के अतिरिक्त जिला उपायुक्त पवन कोतवाल को सौंपा गया है।
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उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे पास कोई भी आदेश नहीं है कि इस बार हेलीकाप्टर चलेंगे या नहीं। उच्चाधिकारियों की तरफ से जो भी फैसला आएगा, उसी के मुताबिक काम करेंगे।
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