आकाश प्राइम डिफेंस सिस्टम का भारत ने किया सफल परीक्षण, 15 हजार फीट से मिसाइलों ने लगाए सटीक निशाने
भारतीय सेना ने लद्दाख में 15000 फीट से अधिक ऊंचाई पर आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया है जिससे तेज गति से चलने वाले लक्ष्यों पर सीधा प्रहार किया। आकाश प्राइम को 15 हजार फीट तक की ऊंचाई पर स्थापित किया जा सकता है। यह लगभग 25-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्य को मार सकती है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन के ड्रोन हमलों को सटीक प्रहारों से नाकाम बनाने वाली भारतीय सेना की एयर डिफेंस यूनिट ने लद्दाख के उच्चतम पर्वतीय क्षेत्र में आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया।
15 हजार फीट से मिसाइलों ने लगाए सटीक निशाने
आकाश प्राइम को 15 हजार फीट तक की ऊंचाई पर स्थापित किया जा सकता है। यह लगभग 25-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्य को मार सकती है। सफल परीक्षण से चीन और पाकिस्तान को भी स्पष्ट संदेश गया है कि भारतीय सेना लगातार मजबूत हो रही है।
लद्दाख में अत्यधिक ठंड, कम आक्सीजन में स्वदेशी रूप से विकसित आकाश प्राइम के मिसाइलों ने 15 हजार फीट से हवा में तेजी से उड़ रहे दो टारगेट एयरक्राफ्ट मार गिराए।
सतह से हवा में प्रहार करने वाले इस नए मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण एयर डिफेंस यूनिट ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर किया।
इस प्रणाली को डीआरडीओ ने ही विकसित किया है
इस प्रणाली को डीआरडीओ ने ही विकसित किया है। यह प्रणाली लद्दाख के चुनौतीपूर्ण मौसम में सटीक प्रहार करने में सक्षम पाई गई। जल्द ही इसे दुश्मन की हवाई चुनौतियों का सामना करने के लिए मैदान में लाया जाएगा।
सेना की हवाई सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी
आकाश प्राइम प्रणाली से एयर डिफेंस की तीसरी व चौथी रेजिमेंट का गठन होगा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा ड्रोन के हमले करने के बाद से सेना की हवाई सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में बड़े पैमाने पर काम हो रहा है। बता दें कि सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के चीनी विमानों के साथ तुर्किये के ड्रोन हमले नाकाम किए थे।
उच्चतम पर्वतीय क्षेत्रों व अत्यधिक ठंड में कारगर
आकाश प्राइम एयर डिफेंस के लिए इस्तेमाल की जा रही मौजूदा आकाश प्रणाली का संशोधित रूप है। यह प्रणाली स्वदेशी सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी से लैस है। इसमें किए गए अन्य सुधार सुनिश्चित करते हैं कि इसका सटीकता से उच्चतम पर्वतीय इलाकों की अत्यधिक ठंड में इस्तेमाल हो सके।
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