Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kupwara Cloudburst: अब उत्तरी कश्मीर के वारनू लोलाब में फटा बादल, अचानक आई बाढ़ से लोगों में हड़कंप

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 04:19 PM (IST)

    उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में बादल फटने से बाढ़ आई जिससे हड़कंप मच गया। हालांकि जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। किश्तवाड़ में बादल फटने से आई बाढ़ में बचाव कार्य जारी है जहाँ कई लोग हताहत हुए हैं।

    Hero Image
    स्कूल शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए।

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर के जिला कुपवाड़ा में लोलाब के ऊंचे इलाके वारनो वन में बादल फटने की घटना हुई। आज सोमवार दोपहर बाद अचानक आई बाढ़ की वजह से क्षेत्र में पानी का बहाव बढ़ गया जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में यह चौथी ऐसी बड़ी घटना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने क्षेत्र में कम से कम तीन और दिनों तक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है, बादल फटने की कई घटनाओं के बीच प्रशासन ने जोखिम वाले क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है।

    यह भी पढ़ें- Kishtwar Cloudburst: जीएमसी जम्मू में कई घायलों की हालत में सुधार के बाद छुट्टी, 46 अभी भी उपचाराधीन

    अधिकारियों ने डल झील क्षेत्र के आसपास सभी गतिविधियों को रोक दिया है। नदियों और नालों के पास रहने वाले निवासियों को हर दम सचेत रहने को कहा है।

    किश्तवाड़ में बारिश के बीच बचाव कार्य जारी

    जिला किश्तवाड़ में लगातार भारी बारिश और खराब मौसम के बावजूद खोज और बचाव अभियान पांचवें दिन में जारी रहा। बादल फटने से आई अचानक बाढ़ में चिशौती में अब तक 64 से ज्यादा लोग मारे गए जबकि सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं। इस घटना में 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं।

    आज अभियान का पांचवां दिन है और लापता लोगों के पार्थिव शरीर बरामद करने के लिए संयुक्त प्रयास जारी हैं। बारिश के कारण मौसम चुनौतीपूर्ण है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), सीआईएसएफ, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), नागरिक प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवक बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।

    यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में वनों के कटाव-जलवायु परिवर्तन से आसमां से बरस रही आपदा, एक सप्ताह में 4 बार फटे बादल

    स्कूल शिक्षा निदेशालय ने जारी की एडवाइजरी

    बादल फटने की घटनाओं के मद्देनजर कश्मीर स्कूल शिक्षा निदेशालय ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमें सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों और संस्थानों के प्रमुखों को छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित मानक संचालन प्रक्रियाओं को लागू करने का निर्देश दिया है।

    उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारियों, विशेष रूप से प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में स्थित संस्थानों को अत्यधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। कर्मचारियों को भारी वर्षा, अचानक बाढ़ और बादल फटने से संबंधित सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में सक्रिय रूप से जागरूक और प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।"

    ..जलाशयों के पास स्थित स्कूलों के लिए एहतियाती उपाय : नदियों, नालों और झीलों सहित जलाशयों के आसपास स्थित स्कूलों को हाई अलर्ट पर रखा जाना चाहिए। संबंधित HOI को स्कूल समुदाय और बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक सावधानियाँ बरतनी होंगी। इसमें शामिल हैं:

    निगरानी: जल स्तर और मौसम पूर्वानुमान की निरंतर निगरानी के लिए एक प्रणाली स्थापित करना।

    निकासी योजनाएं: सुनिश्चित करें कि निर्दिष्ट सुरक्षित क्षेत्रों सहित एक स्पष्ट और अच्छी तरह से तैयार की गई निकासी योजना लागू हो।

    संचार: स्थानीय अधिकारियों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के साथ खुला और लगातार संवाद बनाए रखें।

    यह भी पढ़ें- In Pics: जीवन बचाने की आस में जीतोड़ प्रयास, जम्मू संभाग में बाढ़ प्रभावित इलाकों में अभियान चला रही सेना की दो कमानें

    जवाबदेही: यह सुनिश्चित करने के लिए कि छात्र किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में सुरक्षित रहें, सभी स्कूल कर्मचारियों का सहयोग आवश्यक है। इन निर्देशों का पालन करने में किसी भी प्रकार की विफलता को एक गंभीर चूक माना जाएगा। आदेश में कहा गया है कि इन सुरक्षा उपायों को लागू करने में विफलता के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी घटना या नुकसान की व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी पूरी तरह से संबंधित संस्थान के प्रमुख की होगी।