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    Kishtwar Cloudburst: जीएमसी जम्मू में कई घायलों की हालत में सुधार के बाद छुट्टी, 46 अभी भी उपचाराधीन

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 03:31 PM (IST)

    किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने से घायल हुए लोगों का जीएमसी जम्मू में इलाज चल रहा है जिनमें से दो की हालत गंभीर है। कुछ घायलों के स्वास्थ्य में सुधार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है जबकि 46 अभी भी उपचाराधीन हैं। कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने बचाव कार्यों में कमियों पर चिंता जताई है।

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    कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा कि एडवाइजरी के बावजूद लोगों को वहां जाने क्यों दिया गया

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। किश्तवाड़ जिले के चशोती में बादल फटने की घटना के घायलों का राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में उपचार जारी है। इन घायलों में से दो की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं कुछ घायलों की हालत में सुधार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। अभी 46 घायल जीएमसी जम्मू में उपचाराधीन हैं।

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    राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में कुल 75 घायल इलाज के लिए आए। रविवार को एक घायल शमशेर सिंह पुत्र दौलत राम निवासी पुरखु को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया। जीएमसी प्रशासन के अनुसार 13 और घायलों को छुट्टी दे दी गई। दो मरीज बिना बताए ही अस्पताल से अन्य अस्पतालों में उपचार के लिए चले गए हैं।

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    डाक्टरों का कहना है कि दो मरीजों की हालत गंभीर है। अन्य सभी की हालत खतरे से बाहर है। ऐसे में इनकी हालत में सुधार आते ही इन्हें भी घरों को भेज दिया जाएगा। अधिकांश घायलों को फ्रेक्चर हुआ है। 25 मरीजों की सर्जरी हुई है।

    एडवाइजरी के बावजूद लोगों को क्यों जाने दिया

    जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने किश्तवाड़ में हाल ही में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ को बेहद दुखद बताया है। उन्होंने बचाव कार्यों व निवारक उपायों में खामियों पर चिंता जताई है।

    कर्रा ने कहा यह एक बेहद दुखद घटना है। हम बचाव कार्यों की निगरानी करेंगे। इसके लिए 48 घंटे पहले एक एडवाइजरी जारी की गई थी लेकिन सवाल यह है कि उसके बाद भी लोगों को वहां कैसे जाने दिया गया बचाव कार्यों में निश्चित रूप से कुछ खामियां हैं।

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    कठुआ में अचानक आई बाढ़ पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है, लेकिन हमें यह देखना होगा कि क्या सरकार और उसके संबंधित विभाग पूरी तरह से तैयार हैं। क्या बचाव कार्य समय पर हो रहे हैं या नहीं। किश्तवाड़ में जरूरी सेवाओं को बहाल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।