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    देश की रक्षा को तैयार हो रहे NCC Cadet, सियाचिन ग्लेशियर में ट्रैकिंग करने निकले, करेंगे हर चुनौती का सामना

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 01:23 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर लद्दाख एनसीसी निदेशालय के कैडेट सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सैनिकों से देशसेवा सीख रहे हैं। विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र में उन्हें पर्वतारोहण का प्रशिक्षण मिल रहा है। सियाचिन के आधार शिविर में कैडेट ओपी बाबा के मंदिर भी गए और ओपी बाबा की कहानी से प्रभावित हुए। ये कैडेट 31 जुलाई तक सियाचिन ग्लेशियर में रहेंगे।

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    इन एनसीसी कैडेट को सियाचिन में सैनिकों के साथ ट्रैकिंग का अवसर मिलेगा।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू कश्मीर, लद्दाख एनसीसी निदेशालय के कैडेटों इस समय सियाचिन ग्लेशियर के अत्याधिक ठंडे माहाैल में भारतीय सैनिकों के जवानों से चुनौतियों के बीच देशसेवा करना सीख रहे हैं।

    विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र में पर्वतारोहण करने के साथ ये कैडेट सियाचिन के आधारशिविर परतापुरा में उच्चतम पर्वतीय इलाकों में भारतीय सैनिकों के जीवन को करीब से देख रहे हैं। इस दौरान उन्हें पर्वतारोहण, राक क्राफ्ट व आइस क्राफ्ट का प्रशिक्षण भी मिल रहा है।

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    सियाचिन ग्लेशियर के आधार शिविर में एनसीसी कैडेटों को ओपी बाबा के मंदिर में जाने का अवसर भी मिला। पहली बार सियाचिन के अाधार शिविर पहुंचे एनसीसी कैडेट ओपी बाबा की कहानी सुनकर खासे प्रभावित हुए।

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    ओपी बाबा के रूप में पूजे जाने वाले सैनिक ओम प्रकाश 1980 के दशक के अंत में, सियाचिन ग्लेशियर की उंचाइ पर तैनात थे। क्षेत्र के बिला काम्प्लेक्स की मलौन पोस्ट पर गश्त के दौरान वह देशसेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त होकर वहीं विलीन हो गए। उसके बाद सियाचिन में सैनिक उनकी अदृश्य उपस्थिति को महसूस करते आए हैं।

    सैनिकों का मानना है कि ओपी बाबा उनके सपनों में आकर आने वाले खतरों के बारे में उन्हें सचेत करते हैं। सियाचिन में तैनात सैनिक ओपी बाबा को अपना रक्षक मानते हैं। सियाचिन में उनके मंदिर में उन्हें नियमित रूप से सलामी व रिपोर्ट दी जाती है।

    इसी बीच जम्मू कश्मीर एनसीसी निदेशालय के कैडेटों का यह दल 31 जुलाई तक सियाचिन ग्लेशियर में रहेगा। इस दौरान उन्हें सैनिकों के साथ सियाचिन ग्लेशियर के उच्च इलाकों में ट्रैकिंग करने का अवसर भी हासिल होगा। बीस सदस्यीय इस दल के सदस्य भारतीय सेना के अधिकारी बनने के सपने संजोए हैं, ऐसे में सियाचिन ग्लेशियर का दौरा सेना में शामिल होने के उनके जज्बे को और मजबूती देगा।

    कैडेट करीब ये यह देख रहे हैं कि सियाचिन ग्लेशियर की अत्याधिक ठंड, कम आक्सीजन वाले वातावरण में भारतीय सेना के जवान पाकिस्तान सैनिकों के सामने डटे हुए हैं। सियाचिन का दौर कर रहे बीस सदस्यीय एनसीसी दल में 10 लड़कियां व 10 लड़कें शामिल हैं। उन्होंने लेह में 17 जुलाई को ग्रुप कमांडर एनसीसी, श्रीनगर ब्रिगेडियर दीपक सज्जनहार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

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    एनसीसी कैडेट सियाचिन की सुरक्षा में तैनात परतापुर ब्रिगेड का दौरा करने के साथ सेना के वरिष्ठ कमांडरों व युद्ध नायकों से बातचीत कर रहे हैं। यह दल 31 जुलाई तक सियाचिन ग्लेशियर के दौरे पर रहेगा।