एलजी मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पीड़ित परिवारों के लिए लाॅन्च किया वेब पोर्टल, तेज मदद मिलने की उम्मीद
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए एक वेब पोर्टल लॉन्च किया है। यह पोर्टल पीड़ितों को राहत अनुकंपा नियुक्ति और अन्य सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा। गृह विभाग द्वारा विकसित यह आतंकवाद प्रभावित परिवारों का जिलावार डेटा एकत्र करेगा और पारदर्शिता बढ़ाएगा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। आतंकी हिंसा से प्रभावितों को न्याय सुनिश्चित बनाने और उनके विभिन्न मुद्दों के समाधान की दिशा में एक और बड़ी पहल करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पीड़ित परिवारों के लिए एक समर्पित पोर्टल का उद्घाटन किया।
आपको बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आतकी हिंसा के पीड़ितों के मुद्दों के समाधान के लि सभी मामलों की स्वयं निगरानी कर रहे हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि इस पोर्टल के अलावा जिला उपायुक्त, जिला एसएसपी और मंडलायुक्त कार्यालय स्तर पर विशेष प्रकोष्ठ भी बनाए गए हैं जो आतंकवाद पीड़ित मामलों के पंजीकरण और उन पर ही कार्यवाही की समय-समय पर समीक्षा करेंगे।
आज पोर्टल को जारी करने से पूर्व उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के दिशा निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में संबधित जिला उपायुक्त और जिला एसएसपी कार्यालय में आतंकी हिंसा के पीड़ितों के लिए हैल्पलाइन स्थापित की जा चुकी हैं। इन हैल्पलाइन पर पीड़ित अपनी समस्याओं को दर्ज करा,यथासंभव समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
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आज यहां राजभवन में आतंकी हिंसा के पीड़ितों के लिए समर्पित पोर्टल का उद्घाटन करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यह पहल केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद से पीड़ित लोगों को राहत, अनुकंपा नियुक्ति और अन्य प्रकार की सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और त्वरित करेगी।
उन्होंने कहा कि गृह विभाग द्वारा एनआईसी के सहयोग से विकसित यह वेब पोर्टल, आतंकवाद प्रभावित परिवारों का व्यापक जिलावार डेटा एकत्र करने और बनाए रखने के लिए एक केंद्रीकृत मंच के रूप में कार्य करेगा। पीड़ितों या उनके रिश्तेदारों की संपत्ति पर किसी भी अतिक्रमण का विवरण भी एकत्र किया जा रहा है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यह पोर्टल सुनिश्चित करेगा कि आतंकी हिंसा से संबधित कोई भी वैध मामला अनसुलझा न रहे और पात्र परिवारों को वित्तीय राहत, अनुग्रह राशि और अनुकंपा रोजगार के रूप में समय पर सहायता प्रदान की जाए। यह पोर्टल किसी भी फर्जी या एकाधिक दावों को समाप्त करना भी सुनिश्चित बनाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन आतंकी हिंसा के पीड़ितों को हर संभव मदद प्रदान करने, उन्हें न्याय दिलाने के लिए संकल्पबद्ध है।इसी सकंल्पबद्धता के तहत जम्मू (0191-2478995) और कश्मीर (0194-2487777) दोनों प्रांतों में टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर भी स्थापित किए गए हैं, ताकि किसी भी उपेक्षित या लंबित दावे के पंजीकरण में आसानी हो।
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यह टोल-फ्री हेल्पलाइन संबधित मंडलायुक्तो के कार्यालय में हैं। आतंकवाद प्रभावित परिवारों को लंबित सरकारी सहायता जैसे मुआवज़ा, अनुग्रह राशि और अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित शिकायतों या प्रश्नों को प्राप्त करने के लिए इन हेल्पलाइनों पर नागरिक इंटरफेस के रूप में समर्पित नियंत्रण कक्षों के माध्यम से ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हेल्पलाइनों में प्रशिक्षित कर्मचारी तैनात किए गए हैं और इन्हें केंद्रीकृत एप्लिकेशन के साथ एकीकृत किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक दावे का औपचारिक रूप से पंजीकरण हो और उस पर कार्रवाई की जाए।
शिकायतों और लंबित दावों पर नियमित निगरानी, समन्वय और अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के कार्यालयों में विशेष निगरानी प्रकोष्ठों का गठन किया गया है। यह विशेष प्रकोष्ठ समय-समय पर लंबित और निपटाए गए मामलों की स्थिति की समीक्षा करेंगे, प्रसंस्करण में देरी या बाधाओं का विश्लेषण करेंगे और दावों का समय पर और न्यायसंगत समाधान सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय करेंगे।
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