लद्दाख में कर्फ्यू का तीसरा दिन, केंद्र ने की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा, दोपहर बाद प्रतिबंधों में ढील की संभावना
लेह में कर्फ्यू के तीसरे दिन गृह मंत्रालय की टीम ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। लद्दाख में स्थिति शांतिपूर्ण है लेकिन लोगों को ज़रूरी सामान की कमी हो रही है। ज़िला मजिस्ट्रेट ने सभी स्कूल और कॉलेज दो दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया है। पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनों के बाद दंगाइयों की तलाश जारी रखी है और 50 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।

डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। लेह शहर में लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू जारी रहने के बीच गृह मंत्रालय की एक टीम ने शुक्रवार को समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए कई बैठकें कीं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लद्दाख में समग्र सुरक्षा स्थिति शांतिपूर्ण रही। लोगों को आवश्यक वस्तुएँ खरीदने की सुविधा देने के लिए दिन में बाद में प्रतिबंधों में ढील दिए जाने की संभावना है।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंगा-रोधी उपकरणों से लैस पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान सुनसान सड़कों पर गश्त करते देखे गए। कई इलाकों में लोगों ने शिकायत की कि उन्हें राशन, दूध और सब्जियों सहित आवश्यक आपूर्ति की कमी हो रही है।
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लेह के ज़िला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने शुक्रवार से दो दिनों के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, आंगनवाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय टीम सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए गुरुवार को लेह पहुंची थी। जिसने शुक्रवार को जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के साथ अलग-अलग बैठक कर स्थिति की जानकारी ली।
वहीं पुलिस ने बुधवार को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन जिसमें भाजपा कार्यालय को भी आग के हवाले कर दिया गया था, के पीछे के लोगों की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी जारी रखी।
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अधिकारी ने कहा, "हमने दंगाइयों और उन्हें भड़काने वालों की पहचान शुरू कर दी है। अब तक हमने 50 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। हम हिंसा को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसमें शामिल हरेक व्यक्ति को इसके परिणाम भुगतने होंगे।"
सूत्रों ने बताया कि राजनीतिक नेताओं को भी बख्शा नहीं जा रहा है, जिनमें वांगचुक भी शामिल हैं।
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