कश्मीर के खेल मैदानों पर सुरक्षाबलों का कब्जा; महबूबा मुफ्ती बोलीं, 'इन्हें छीनने से अलगाव और गहरा होगा'
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के खेल मैदानों पर सुरक्षाबलों के कब्जे पर चिंता जताई है। श्रीनगर के चाटाबल और बघाट बरज़ुल्ला में खेल मैदानों का दौरा करते हुए उन्होंने कहा कि इन मैदानों के छिन जाने से युवाओं में अलगाव गहरा होगा। उन्होंने सेना और पुलिस अधिकारियों से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया क्योंकि ये मैदान युवाओं के लिए सामुदायिक मेलजोल के महत्वपूर्ण स्थान हैं।

डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। कश्मीर के खेल मैदानों पर सुरक्षाबलों के कब्जे को लेकर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि इन मैदानों को छीनने से युवाओं में अलगाव और गहरा होगा।
महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर के चाटाबल और बघाट बरज़ुल्ला में स्थित खेल मैदानों का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों, खासकर युवाओं, को इन महत्वपूर्ण खुले स्थानों के छिन जाने का डर है। ये स्थान घनी आबादी वाले इलाकों में मनोरंजन और खेल के मैदानों के रूप में काम करते हैं।"
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उन्होंने आगे कहा, "स्थानीय निवासियों, खासकर युवाओं में यह चिंता बढ़ रही है कि खेल और सामुदायिक मेलजोल के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले इन महत्वपूर्ण खुले स्थानों पर सेना या पुलिस बल कब्ज़ा कर सकते हैं। इससे वे स्वस्थ जुड़ाव के एकमात्र उपलब्ध माध्यम से वंचित हो जाएंगे।"
महबूबा ने सेना-पुलिस से पुनर्विचार का आग्रह किया
महबूबा मुफ्ती ने सेना और पुलिस दोनों अधिकारियों से ऐसे किसी भी कदम पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जेनरेशन जेड को हाशिये पर न धकेला जाए। ऐसा करने के दीर्घकालिक गंभीर परिणाम हो सकते हैं।"
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खेल के मैदान में ही युवा भविष्य के सपने देखते हैं
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा, "ऐसी जगहों का संरक्षण सिर्फ़ ज़मीन से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि कश्मीर की युवा पीढ़ी के लिए आशा, अवसर और अपनेपन की भावना से जुड़ा है। खेल के मैदान वे होते हैं जहां सामुदायिक बंधन बनते हैं और जहां बच्चे बेहतर भविष्य के सपने देख सकते हैं। इन्हें छीनने से अलगाव और गहरा होगा।"
यह एक गंभीर मुद्दा है इसका समाधान निकालना होगा
पीडीपी अध्यक्ष ने बारामूला के शीरी में भी इसी तरह की शिकायतों का ज़िक्र किया, जहां स्थानीय लोगों का आरोप है कि खुले मैदानों पर धीरे-धीरे कब्ज़ा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "यह एक गंभीर मुद्दा है और हमें इसका समाधान निकालना होगा।"
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