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    महबूबा के बाद विधायक सज्जाद लोन, मीरवाइज ने भी किया 'हाउस अरेस्ट' करने का दावा, बोले- प्रशासन का रवैया क्रूरता भरा

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 02:01 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बाद पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन और हुर्रियत कांफ्रेंस के मीरवाइज उमर फारूक ने भी हाउस अरेस्ट किए जाने का दावा किया है। उन्हें प्रोफेसर गनी भट के जनाजे में शामिल होने से रोका गया जिसे उन्होंने क्रूरता बताया। लोन को सोपोर जाने की अनुमति नहीं दी गई जबकि मीरवाइज को घर में बंद कर दिया गया।

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    मीरवाइज उमर फारूक ने भी उन्हें हाउस अरेस्ट किए जाने का दावा किया है।

    डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बाद पीपुल्स कांफ्रेंस प्रमुख और हंदवाड़ा के विधायक सज्जाद गनी लोन और हुर्रियत कांफ्रेंस के वर्तमान अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने भी उन्हें हाउस अरेस्ट किए जाने का दावा किया है।

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    उन्होंने कहा कि उन्हें घर में बंद कर दिया गया है और बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी के अंतिम जनाजे में शामिल न होने देना सही नहीं है। प्रशासन का यह रवैया क्रूरता भरा है।

    पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख विधायक सज्जाद लोन ने भी दावा किया कि उन्हें सोपोर जाने की अनुमति नहीं दी गई। लोन ने कहा, "मुझे प्रोफेसर गनी के पैतृक गांव बोटिंगू जाने से रोकने के लिए नजरबंद कर दिया गया।

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    मुझे समझ नहीं आ रहा कि इसकी क्या ज़रूरत है। प्रोफेसर साहब शांतिवादी थे और बहुत पहले सेवानिवृत्त हो चुके थे। एक आखिरी अलविदा ऐसी चीज है जिसके हम सभी हकदार थे।"

    वहीं हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के वर्तमान अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने भी दावा किया कि उन्हें बुधवार देर रात को ही नजरबंद करने का दावा किया है।

    मीरवाइज ने एक्स पर कहा, "मुझे इस बात का बेहद दुख है कि अधिकारियों ने प्रोफेसर साहब के परिवार को जल्दबाजी में उनका जनाजा पूरा करने के लिए मजबूर किया। मुझे अपने घर में बंद कर दिया गया है और उनकी अंतिम यात्रा में उनके साथ चलने का अधिकार नहीं दिया जा रहा है।"

    अलगाववादी नेता ने कहा कि भट के साथ उनका 35 साल का दोस्ती का रिश्ता रहा है।

    उन्होंने कहा, "कई अन्य लोग भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए तरस रहे थे। उनके जनाजे में शामिल होने और उन्हें अंतिम विदाई देने के सुकून से भी वंचित रहना एक असहनीय क्रूरता है।"

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    इससे पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी दावा किया कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल गनी भट के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए सोपोर जाने से रोकने के लिए उन्हें नज़रबंद किया गया है।

    उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "प्रोफ़ेसर अब्दुल गनी भट के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए हमें सोपोर जाने से रोकने के लिए आज राजनीतिक नेतृत्व को नज़रबंद करने का फ़ैसला जम्मू-कश्मीर की कठोर और अलोकतांत्रिक सच्चाई को उजागर करता है।"

    उन्होंने यह अारोप भी लगाए कि यह "तेज़ी से स्पष्ट" होता जा रहा है कि भाजपा की कश्मीर में शांति या सुधार में "कोई रुचि" नहीं है। आपको बता दें कि भट का लंबी बीमारी के बाद बुधवार शाम सोपोर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया था।

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