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    खुशखबरी! बेरोजागार डेंटल डॉक्टरों को मिल सकता है नौकरी का तोहफा, प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में जल्द निकलेंगी पोस्ट

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 01:09 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में बेरोजगार डेंटल डॉक्टरों के लिए अच्छी खबर है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग उनके लिए पद सृजित करने पर विचार कर रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही 500 से अधिक पद सृजित हो सकते हैं। 17 साल बाद यह प्रक्रिया शुरू होने से डॉक्टरों में रोजगार की उम्मीद जगी है।

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    पहले डेंटल डॉक्टरों की भर्ती 2008 में हुई थी, जिसके बाद से वे आंदोलन कर रहे हैं।फाइल फोटो।

    रोहित जंडियाल, जागरण, जम्मू। करीब 17 वर्ष से जम्मू-कश्मीर की सड़कों पर संघर्ष कर रहे बेरोजगार डेंटल डॉक्टरों को जल्दी ही नौकरी का तोहफा मिल सकता है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग डेंटल डॉक्टरों के लिए पद सृजित करने के विकल्प तलाश रही है।

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    उम्मीद जाहिर की जा रही है कि जम्मू-कश्मीर में पांच से अधिक पद डेंटल डाक्टरों के लिए सृजित हो सकते हैं।

    आपको बता दें कि अंतिम बार जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2008 में डेंटल डाक्टरों के पद सृजित हुए थे। इसके बाद डेंटल कालेजों व नेशनल हेल्थ मिशन में इक्का-दुक्का पदों को छोड़ दिया जाए ता कभी भी डेंंटल डाक्टरों के लिए पद नहीं निकले। इससे बेरोजगार डेंटल डाक्टरों की संख्या बढ़ती गई और उनमें रोष उत्पन्न होता गया।

    डेंटल डॉक्टरों ने इसके बाद रोजगार की मांग को लेकर कई बार आंदोलन किया। लेकिन अब स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रशासनिक विभाग ने पद सृजित करने के लिए प्रक्रिया शुरू की है।

    विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिन प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों और न्यूटाइप प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में डेंटल डाक्टरों के पद नहीं है, वहां पर पद सृजित कर उनकी नियुक्ति हो सकती है।

    प्रशासनिक विभाग ने इसके लिए सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और ब्लाक विकास अधिकारियों से अअपने-अपने जिलों में प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों और न्यूटाइप प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में पदों के बारे में जानकारी भी मंगवाई है।

    इसमें यह भी जानकारी दी गई है कि पद सृजित होने से अनुमानित कितना वित्तीय बोझ सरकार पर बढ़ेगा। जम्मू संभाग में ऐसे 263 प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों और न्यूटाइप प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की जानकारी दी गई है। कश्मीर संभाग में भी ऐसी ही जानकारी दी गई है।

    विभागीय सूत्रों का कहना है कि प्रशासनिक विभाग नए पद सृजित करने और इससे पड़ने वाले वित्तीय बोझ के बारे में सरकार को जानकारी दे रहा है और इसके बाद ही पद सृजित करने पर कोई अंतिम फैसला होगा। फिलहाल इस पर चर्चा हो रही है।

    इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि डेंटल डॉक्टरों के पांच सौ के करीब पद पूरे जम्मू-कश्मीर में सृजित हो सकते हैं। हालांकि अभी इस पर कोई भी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन 17 वर्ष बाद प्रक्रिया शुरू होने सो बेरोजगार डेंटल डाक्टरों को रोजगार की नई उम्मीद जाग सकती है।

    फिर से आंदोलन कर रहे हैं बेरोजगार डेंटल डॉक्टर

    बेरोजगार डेंटल डॉक्टर कुछ सप्ताह से फिर से आंदाेलन कर रहे हैं। दो बार जम्मू व श्रीनगर में रोजगार की मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हें। इन डॉक्टरों का कहना है कि अगर सरकार रोजगार नहीं दे सकती तो फिर बीडीएस की पढ़ाई ही क्यों करवा रही है। उन्हें डेंटल् कालेजों में सीटें कम कर देनी चाहिए।