मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का पेरिस दौरा: जम्मू-कश्मीर पर्यटन उद्योग को नई दिशा देने का प्रयास
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 23-25 सितंबर 2025 तक पेरिस में होने वाले आईएफटीएम टाप रेसा पर्यटन मेले में जम्मू कश्मीर का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस तीन दिवसीय पर्यटन महोत्सव में मुख्यमंत्री के साथ नासिर असलम वानी और जम्मू पर्यटन निदेशक विकास गुप्ता भी शामिल होंगे। फ्रांस यात्रा का खर्च पर्यटन विभाग वहन करेगा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 23-25 सितंबर 2025 तक पेरिस, फ्रांस में होने वाले आईएफटीएम टाप रेसा पर्यटन मेले मं जम्मू कश्मीर का प्रतिनिधित्व करेंगे। आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर के पर्यटन विभाग का कार्यभार स्वयं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला संभाल रहे हैं।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, तीन दिन चलने वाले इस पर्यटन महोत्सव में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में भाग लेने वाले जम्मू कश्मीर के प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी और जम्मू पर्यटन निदेशक विकास गुप्ता भी शामिल हैं। फ्रांस यात्रा का सारा खर्च पर्यटन विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
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संबधित अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों की मंज़ूरी और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही यह दौरा हो रहा है। उन्होंने बताया कि बैसरन पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर में पर्यटन उद्योग को बड़ा धक्का लगा है।
स्थानीय पर्यटन उद्योगको पुन: पटरी पर लाने और देश विदेश के पर्यटकों में जम्मू कश्मीर के शांति-सुरक्षा एवं विश्वास की भावना जगा, उन्हें जम्मू कश्मीर में पर्यटन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए देश विदेश में पर्यटन मेलों में भागीदारी के अलावा रोड शो भी आयोजित किए जा रहे हैं।
गांवों-कस्बों का डिजिटल सशक्तिकरण समावेशी विकास की आधारशिला
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रदेश के हर भाग में विशेषकर दूर दराज के गांवों में दूरसंचार और डिजिटल सेवाओं को सुनिश्चित बनाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि हमारे गांवों और कस्बों का डिजिटल सशक्तिकरण समावेशी विकास की आधारशिला है।
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वह आज यहां एक उच्चस्तरीयबैठक में प्रदेशमें दूरसंचार और डिजिटल संचार अवसंरचना परियोजनाओं की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने संबधित अधिकारियों को दूरसंचार एवं डिजिटल नेटवर्क के विस्तार में सभी बाटलनेक को दूर करने के लिए सभी प्रशासनिक उपाय करने को कहा।
संबधित अधिकारियों ने बताया कि बैठक में दूर-दराज के गांवों, उच्च पर्वतीय इलाकों , डार्क ज़ोन्स और रेलवे सुरंगों तक दूरसंचार व डिजिटल सेवाएंपहुंचाने पर विशेष रूप से चर्चा हुई।
लगभग दो घंटे तक जारी रही बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सतीश शर्मा, मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी, मुख्य सचिव अटल डुल्लू, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरज गुप्ता, कई प्रशासनिक सचिव और बीएसएनएल के अधिकारियों ने प्रदेश में जारी परियोजनाओं की स्थिति और उनके कार्यान्वयन में आ रही चुनौतियों पर चर्चा की।
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बीएसएनएल अधिकारियों ने संशोधित भारतनेट परियोजना के तीसरे चरण की प्रगति के बारे में जानकारी दी, जिसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों और ग्रामीण क्षेत्रों को हाई-स्पीड इंटरनेट मुहैया कराना है।बैठक में दूरसंचार टावर और उपकरण स्थापना के लिए भूमि का शीघ्र आवंटन, और आर एंड बी, पीएमजीएसवाई, बीआरओ तथा वन विभाग जैसे विभागों द्वारा ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए त्वरित ’राइट आफ वे’ अनुमतियों का निर्गमन सबंधी विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
इनके अलावा भारतनेट को चालू कराने के लिए सभी ग्राम पंचायतों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराना, केंद्रीकृत बिलिंग और स्मार्ट मीटरिंग प्रणाली लागू करना और जहा डिजिटल सेवाएं स्थापित की जानी हैं वहां पंचायत या अन्य सरकारी भवनों की उपलब्धता और कार्यक्षमता सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों पर भी गहन विचार विमर्श हुआ है।
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