'सब बर्बाद हो गया, सीएम ने हमसे टोपी उतारकर वोट मांगा था...'; जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों का रो-रोकर बुरा हाल
शोपियां मंडी में सेब उत्पादकों की दुर्दशा पर एक किसान परवेज ने अपनी निराशा व्यक्त की। उसने कहा कि सरकार को उनकी परवाह नहीं है उन्हें अपनी राजनीति की चिंता है। श्रीनगर-जम्मू हाईवे बंद होने से सेब उत्पादकों को भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि उनकी उपज सड़ रही है। परवेज ने उमर अब्दुल्ला पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

राज्य ब्यूरो,जागरण, श्रीनगर। यह कौन सी सरकार है, यह कौन सा मुख्यमंत्री है, जिसे हमारी नहीं अपनी सियासत की फिक्र है। इससे तो गवर्नर राज बेहतर था, मंडी में अपनी आंखों के सामने अपनी सेब की उपज को सड़ते देख हताश परवेज बोल रहा था ।
उसने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने टोपी उतारी और हमने उसे वोट दिया, लेकिन हमे तो कोई भीख भी नहीं देगा। इसे इस्तीफा देना चाहिए। उसके पास खड़े पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता वहीद उर रहमान परा की भी हिम्मत नहीं हुई कि वह कुछ बोलें, क्योंकि परवेज की पीड़ा और उसके सवालों का जवाब उनके पास भी नहीं था।
दक्षिण कश्मीर में जिला शोपियां में कश्मीर का एक तिहाई सेब पैदा होता है। सोपोर मंडी के बाद अगलर शोपियां मंडी ही कश्मीर की सबसे बड़ी फल मंडी है। श्रीनगर-जम्मू हाइवे बंद होने से अगलर शोपियां मंडी में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। व्यापारी हैं, लेकिन खरीद नहीं हो रही है, क्योकि हाइवे बंद हैं। इसका नुकसान सीधा सेब उत्पादकों को हो रहा है, क्येांकि उनक उपज उनके सामने बरबाद हो रही है।
सेब उत्पादकों ने कहा सब बर्बाद हो गया
पीडीपी नेता और विधायक वहीद उर रहमान परा मंडी में सेब उत्पादकों से मिलने आए थे। इसी दौरान उन्होंने परवेज नामक सेब उत्पादक और व्यापारी से पूछ लिया कि क्या स्थिति है। बस फिर क्या था, हताश परवेज फट पड़ा। उसने कहा कि क्या हाल है, सब बरबाद हो गया है।
समझ में नहीं आता कहां जाएं, यह पता नहीं कैसी हुकूमत ओर कैसा सीएम है, जिसके हाथ में कुछ नहीं है। कहता है कि मेरे हाथ में कुछ नहीं है, अगर यह एक किलोमीटर लंबी सड़क नहीं बना सकता तो फिर क्या फायदा इसके सीएम होने का,ऐसी सरकार का । बेहतर है इस्तीफा दे और घर जाकर बैठ जाए।
सीएम उमर को हमारी कोई फिक्र नहीं
परवेज ने कहा कि जब इलेक्शन था तो इसने टाेपी उतारी और कहा कि मुझे मौका दो, मैं आपकी खिदमत करुंगा। इसे हमारी कोई फिक्र नहीं है। यहां जो भी एमएलए, मिनिस्टर हैं,सभी को अपनी गाड़ी चाहिए, अपनी तनख्वाह और सियासत की फिक्र है। हमारी नहीं। हमारे पास एक पैसा भी नहीं है। हमें कोई भीख भी नहीं देगा।
मेहराज मलिक के लिए सभी एकसाथ हो गए, उसके लिए बयान दे रहे हैं, लेकिन हमारी मदद के समय सब चुप हैं। यह क्या कश्मीर का फैसला करेंगे, कश्मीर का फैसला तो परवेज करेगा,हम कश्मीरी करेंगे। इस हुकूमत से तो बेहतर गर्वनर राज था, हमने इतनी मुश्किल ,इतनी सख्ती नहीं देखी थी, सुनवाई होती थी, अब कोई सुनकर राजी नहीं है। बीजेपी की हुकुमत सही थी।
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