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    जम्मू-कश्मीर में हंगुल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए CM Omar Abdullah का बड़ा वचन, बोले- सभी सिफारिशों पर अमल होगा

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 12:26 PM (IST)

    श्रीनगर में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हंगुल और अन्य लुप्तप्राय अनगुलेट्स के संरक्षण के लिए सिफारिशों पर कार्रवाई करने का वादा किया। उन्होंने हंगुल के संरक्षण के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के बीच सहयोग पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हंगुल जैसे जानवरों को बचाने के लिए सरकार पूरी निष्ठा से काम करेगी और पर्यावरणविदों के सुझावों को लागू किया जाएगा।

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    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का वादा हंगुल संरक्षण के लिए सिफारिशों पर होगी कार्रवाई

    राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। श्रीनगर में आयोजित दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हंगुल और अन्य लुप्तप्राय अनगुलेट्स के संरक्षण के लिए सभी सिफारिशों पर कार्रवाई का वचन दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस सम्मेलन में तय की गई सिफारिशों पर पूरी निष्ठा के साथ कार्रवाई करेगी।

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    मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपनी व्यक्तिगत पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि डाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के पास रहने के बावजूद, उन्होंने कभी नंगी आंखों से हंगुल नहीं देखा है। यह एक घातक त्रासदी होगी अगर हमारे बच्चे और नाती-पोते इन प्रजातियों को केवल किताबों में तस्वीरों के माध्यम से ही जानें।

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    उमर अब्दुल्ला ने हंगुल और अन्य लुप्तप्राय वन्य जीवों के संरक्षण कार्यों के व्यावहारिक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक शैक्षणिक अनुसंधान और सरकारी कार्यान्वयन के बीच तालमेल नहीं होगा, हम हंगुल जैसे शानदार जानवरों को खोने का जोखिम उठाते हैं।

    तीन दिवसीय इस सम्मेलन में 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, मध्य पूर्व, मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के प्रख्यात वन्यजीव विशेषज्ञ, संरक्षणवादी और जीवविज्ञानी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने 'पर्वतीय वन्यजीव विज्ञान संस्थान' शीर्षक से एक विज़न दस्तावेज़ जारी किया और प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रशंसा प्रमाण पत्र वितरित किए।

    सकास्ट-के, के प्रो चांसलर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस सम्मेलन में मौजूद पर्यावरणविद्ध और वैज्ञनिक और नीति निर्माता हंगुल व अनगुलेटस के संरक्षण के लिए जो भी सिफारिशें तय करेंगे, हमारी सरकार उन पर पूरी निष्ठा के साथ कार्रवाई करेगी।

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    उन्होंने कहा कि मैं अपनी सरकार और सहयोगियों की तरफ से आप को आश्वस्त करता हूं कि इस सम्मेलन से प्राप्त सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि जब हम अगली बार यहां मिलेंगे, तो हंगुल और मारखोर की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हो चुकी होगी।

    उन्होंने प्रख्यात पर्यावरणविद् एमके रंजीतसिंह के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि वन्य जीवों संरक्षण मानव कल्याण से गहराई से जुड़ा है। संरक्षण केवल जानवरों के बारे में नहीं है—यह मानव अस्तित्व के बारे में भी है। हंगुल, मारखोर या किसी भी संकटग्रस्त प्रजाति का संरक्षण अनिवार्य रूप से जीवन और उस नाज़ुक पारिस्थितिक संतुलन की रक्षा के बारे में है जिस पर हम निर्भर हैं।

    मुख्यमंत्री ने हंगुल व अन्य लुप्तप्राय: वन्य जीवों के संरक्षण कार्याें के व्यावहारिक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधियों को उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया ।

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    अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए, उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यही मेरी आशा है, यही मेरा विश्वास है, और मुझे यकीन है कि अगर हम इसे सही तरीके से अपनाएं - जैसा कि हमने प्रोजेक्ट टाइगर में सफलता और हंगुल और मार्खोर में उत्साहजनक संकेत देखे हैं - तो यह सफलता बढ़ती रहेगी।