जम्मू-कश्मीर बिजली निगम के दैनिक वेतन भोगियों को अब मिलेगा मुआवजा, सरकार ने बनाई यह कल्याणकारी योजना
जम्मू-कश्मीर बिजली विभाग ने दिहाड़ी मजदूरों के लिए कल्याणकारी निधि कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। KPDCL ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है सरकार की मंजूरी का इंतजार है। इस योजना के तहत किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना का शिकार होने पर अस्थायी दैनिक वेतनभोगी बिजली कर्मियों को आर्थिक मदद मिलेगी उपचार का प्रबंध किया जाएगा और आश्रितों को मुआवजा मिलेगा।

नवीन नवाज, जागरण, जम्मू। जम्मू कश्मीर बिजली विभाग ने दैनिक वेतनभाेगी कर्मियों को एक बड़ी राहत पहुंचाते हुए उनके लिए कल्याणकारी निधि कार्यक्रम शुरु करने का निर्णय किया है। प्रस्ताव को कश्मीर बिजली विकास निगम ने मंजूरी दे दीहै और अब सिर्फ सरकार के अनुमोदन का इंतजार है।
इस योजना के तहत अगर कोई अस्थायी, दैनिक वेतनभोगी बिजली कर्मी किसी अनहोनी का शिकार हो जाता है तो उसके लिए आर्थिक मदद सुनिश्चित होगी। उसके उपचार का प्रबंध किया जाएगा और उसे या उसके आश्रितों को पर्याप्त मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
जम्मू कश्मीर बिजली विभाग जो अब कश्मीर बिजली विकास निगम और जम्मू बिजली विकास निगम में विभाजित हो चुका है, में सैंकड़ों दिहाड़ीदार, अस्थायी और संविदा कर्मी हैं, जो नियमितीकरण या प्रतिपूरक नीति के अभाव में, ड्यूटी के दौरान मृत्यु या चोट लगने पर वित्तीय सहायता व मुआवजे से वंचित रह जाते हैं।
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इससे यह कई दिक्कतों का सामना करते हैं और कई दुर्घटना में हमेशा के लिए विकलांग हो जाते हैं और आजीविका के सम्मानजनक साधन से वंचित होकर हमेशा के लिए दूसरों पर आश्रित हो जाते हैं।
बिजली विभाग के कर्मचारी लंबे समय से इन अस्थायी कर्मियों के लिए भी किसी दुर्घटना का शिकार होने की स्थिति में पर्याप्त मुआवजे के प्रविधान की मांग कर रहे थे। बिजली विभाग ने इसे ध्यान में रखतेहुए जम्मू कश्मीर पावर इम्पलायज वेलफेयर फंड को शुरू करने का फैसला किया है यह नियमित कमि्रयों के साथ साथ मुसीबत का शिकार होने वाले दैनिक वेतनभोगियों, अस्थायी और संविदा व आवश्यक्ता के आधार पर नियुक्त किए गए कर्मियों की भी मदद करेगा।
यह कोष उन दैनिक वेतनभोगियों को आर्थिक मुआवजा और चिकित्सा सहायता प्रदान करेगा जो ड्यूटी के दौरान बिजली के झटके से घायल हो जाते हैं या मर जाते हैं। यह निर्णय तीन जुलाई को हुई केपीडीसीएल कीक 20वीं बोर्ड बैठक में लिया गया है। इसमें कर्मचारी कलयाण कोष को फिर से शुरु करने और उसमें दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
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जम्मू और कश्मीर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स एसोसिएशन (जेकेईईजीए) के अध्यक्ष पीरजादा हिदायतुल्लाह ने बताया कि यह पहली बार है शुक्र है कि विभाग ने दैनिक वेतनभोगियों के दर्द और पीड़ा को समझा है और उन्हें कर्मचारी कल्याण कोष में शामिल किया है।
दिहाड़ी मजदूरों सहित बिजली कर्मचारी उच्च जोखिम वाले कार्यों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। वह बिजली के झटके, दुखद मृत्यु या घातक चोटों का शिकार होते हैं या कुछ जीवन भर के लिए विकलांग हो जाते हैं। यह कोष उनके लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच का काम करेगा।"
यह निधि, जिसकी स्थापना 2008 में हुई थी, 2022 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद विद्युत विकास विभाग को कश्मीर और जम्मू विद्युत वितरण निगमों में विभाजित कर दिए जाने के बाद वापस ले ली गई।
इसकी स्थापना समर्पित कर्मचारियों और उनके आश्रितों को आवश्यक वित्तीय सहायता और महत्वपूर्ण राहत प्रदान करने के मुख्य उद्देश्य से की गई थी, लेकिन इसमें दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया था।
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इस निधि के प्रस्ताव के अनुसार, विद्युत निरीक्षणालय, जम्मू और कश्मीर में कार्यरत और इसके विभिन्न निगमों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत जम्मू और कश्मीर विद्युत विकास विभाग के सभी सेवारत कर्मचारी, चाहे उनका पद और पद कुछ भी हो, जिनमें पीडीएल/टीडीएल/आवश्यकता आधार/डीआरडब्ल्यू/कार्य प्रभारित, आकस्मिक कर्मचारी शामिल हैं, विद्युत विकास विभाग के साथ कार्यरत, इस निधि के सदस्य माने जाएंगे और इसके कोष में अंशदान करेंगे।
प्रस्ताव में कहा गया है कि संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी सदस्यों के मासिक अंशदान की कटौती और उचित रसीद के आधार पर संग्रह के लिए जिम्मेदार होंगे और संबंधित स्वीकृति समिति के बैंक खाते में राशि जमा कराना सुनिश्चित करेंगे।
प्रति सदस्य यह वित्तीय सहायता अधिकतम तीन लाख रुपये तक दी जा सकती है। किसी सदस्य की दुर्घटना के बाद मृत्यु होने की स्थिति में, मृतक सदस्य के आश्रितों/कानूनी उत्तराधिकारियों को मृत्यु की तिथि से एक माह के भीतर 15 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा। पूर्ण विकलांगता वाली गैर-घातक, गंभीर दुर्घटना की स्थिति में, पीड़ितों को 5 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे, जबकि स्थायी आंशिक विकलांगता की स्थिति में 2.5 लाख रुपये का प्रावधान है।
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केपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद शाह ने दैनिक जागरण को बताया कि उन्होंने अनुमोदन के लिए सरकार के प्रशासनिक विभाग को प्रस्ताव सौंप दिया है। शाह ने कहा एक बार इसे मंजूरी मिल जाने पर यह कर्मचारियों, विशेषकर दिहाड़ी मजदूरों के लिए एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी उपाय बन जाएगा।"
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