CM Omar ने प्रशासनिक अधिकारियों को पढ़ाया पाठ, बोले-पीएसजीए एक नीतिगत ढांचा नहीं, लोगों के लिए कानूनी विश्वास है
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रशासनिक अधिकारियों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम (पीएसजीए) को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि PSGA नागरिकों को समय पर जवाबदेह और पारदर्शी सेवाएं सुनिश्चित करने का एक कानूनी आश्वासन है। उमर अब्दुल्ला ने नागरिक-केंद्रित शासन पर जोर दिया और विभागों से मासिक अनुपालन रिपोर्ट मांगी।

राज्य ब्यूृरो, जागरण, श्रीनगर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को सभी प्रशासनिक अधिकारियों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम (पीएसजीए) को अक्षरक्ष: लागू करने का निर्देश देते हुए कहा कि यह अधिनियम केवल एक नीतिगत ढांचा नहीं बल्कि लोगों के लिए एक कानूनी आश्वासन है।
पीएसजीए के तहत निर्धारित सेवा-सुविधाओं का वितरण निर्धारित समयावधि में तत्परता से हाना चाहिए। उन्होंने यह निर्देश आज यहां नागरिक सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक मे पीएसजीए के कार्यान्वयन की समीक्षा के दौरान दिए।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बैठक में मौजूद अधिकारियों से कहा कि पीएसजीए का उद्देश्य नागरिकों को आवश्यक सेवाओं की समय पर, जवाबदेह और पारदर्शी आपूर्ति सुनिश्चित करना है। उन्होंने नागरिक-केंद्रित शासन की आधारशिला के रूप में पीएसजीए के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आम लोगों की बुनियादी सेवा ज़रूरतें—पानी और बिजली से लेकर प्रमाणपत्र और मंज़ूरी तक—निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरी होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें- Jammu: व्यक्तिगत विवादों को निपटाने के लिए कानून को हथियार नहीं बनाया जा सकता, फास्ट ट्रैक कोर्ट ने किया स्पष्ट
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों को इधर-उधर भागने पर मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। शासन का मापदंड यह होना चाहिए कि वह नागरिकों की ज़रूरतों पर कितनी तेज़ी और पारदर्शिता से प्रतिक्रिया देता है।उन्होंने दोहराया कि उनका प्रशासन सभी स्तरों पर जन जवाबदेही के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को सभी विभागों में सेवा वितरण की बारीकी से निगरानी करने का निर्देश देते हुए कह कि प्रक्रियात्मक देरी की सभी संभावनाओं केा समाप्त करने के लिए आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए।
प्रशासनिक उत्तरदायित्व की संस्कृति का आह्वान करते हुए, उमर अब्दुल्ला ने कहा, "एक उत्तरदायी और जवाबदेह सरकार सार्वजनिक संस्थाओं में विश्वास की नींव होती है। हम सेवा प्रदान करने में लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
पीएसजीए विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं के समयबद्ध वितरण को अनिवार्य बनाता है और अनुचित देरी के लिए अधिकारियों पर दंड लगाता है। इसे जम्मू-कश्मीर में नागरिकों को सशक्त बनाने और लोक प्रशासन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से नागरिकों के प्रत्येक अनुरोध को प्राथमिकता देने का आग्रह किया और संबंधित अधिकारियों को जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया ताकि लोगों को अधिनियम के तहत उनके अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।
उन्होंने पीएसजीए के तहत शिकायत निवारण तंत्र की भी समीक्षा की और सभी विभागों से मासिक अनुपालन रिपोर्ट मांगी। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक जिम्मेदारी की संस्कृति का आह्वान करते हुए कहा कि एक उत्तरदायी और जवाबदेह सरकार सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास की नींव होती है। हम सेवा वितरण में लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं करेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।