Cm Omar ने केंद्र सरकार को दी चुनौती, कहा - अगर श्रीनगर-जम्मू हाईवे बहाल नहीं हो पा रहा है तो हमें सौंप दें
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के लगातार बंद रहने पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार की आलोचना की और राजमार्ग को जम्मू कश्मीर सरकार को सौंपने की बात कही। उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखने की बात भी कही। कहा कि नए कानून के तहत केवल एक समुदाय को निशाना बनया गया हैलेकिन मैं इस मामले में सर्वाेच्च न्यायालय की समझ का स्वागत करता हूँ।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के लंबे समय से बंद होने पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार इसकी बहाली को सुनिश्चित बनाने में असमर्थ है तो वह इसे हमे सौंप दें।
उन्होंने हाईवे के बंद होने से स्थानीय लोगों को पेश आ रही दिक्कतों के संदर्भ म केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखने की पुष्टि करते हुए बताया कि मैं उनसे जल्द ही मुलाकात करने वाला हूं।
इसके साथ ही उन्होंने वक्फ कानून पर सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश को भी सराहा और कहा कि नया कानून सिर्फ एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने वाला है। आज यहां पत्रकारों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा केंद्र सरकार श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग की बहाली सुनिश्चित करने में विफल रही है।
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हाईवे केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है
यह राजमार्ग केंद्र सरकार और उसके अधीन काम करने वाली एजेंसियों के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि अगर वे इसे संभाल नहीं सकते, तो उन्हें इसे हमें सौंप देना चाहिए। हमारे पास इंजीनियर और कर्मचारी हैं जो सड़क को बहाल कर सकते हैं। अगर यह राजमार्ग मेरे प्रशासन के अधीन होता, तो हम पहले ही इसका समाधान निकाल लेते।
बार-बार आश्वासन के बाद भी हाईवे शुरू नहीं हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क को फिर से खोलने के बारे में केंद्रीय अधिकारियों के बार-बार दिए गए आश्वासन पूरे नहीं हुए, जिसके कारण उन्हें केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर बैठक का अनुरोध करना पड़ा। उन्होंने आगे कहा कि अगर परियोजना जम्मू-कश्मीर सरकार को सौंप दी जाती है, तो वह इसकी बहाली की ज़िम्मेदारी लेने को तैयार हैं।
हाईवे बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही
उन्होंने कहा कि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण स्थानीय लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। घाटी के फल उत्पादकों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है, क्याेंकि वह पनी उपज को बाहरी बाजारों तक सुचारू रूप से पहुंचाने के लिए इसी हाइवे पर निर्भर हैं जो बंद हैं और उनका माल सड़क पर खराब हो रहा है।
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केंद्रीय रेल मंत्री से आग्रह करने पर शुरू हुई रैपिड कार्गो सेवा
रैपिड रेल कार्गाे सेवा की बहाली से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से राजमार्ग के पूरी तरह से चालू होने तक फलों की खेपों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए एक समर्पित मालगाड़ी सुविधा का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि आज शुरु हुई सेवा अब नियमित रहेगी, लेकन यह भी पर्याप्त है।
हाईवे खुलने तक रेलगाड़ियां चलती रहनी चाहिए
"राजमार्ग पूरी तरह से बहाल होने तक रेलगाड़ियां चलती रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार रेलवे अधिकारियों के संपर्क में है और जब तक कोई व्यावहारिक समाधान नहीं निकल जाता, तब तक इस मांग पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केवल फल उत्पादकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि घाटी में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति से भी संबंधित है।
मेहराज के खिलाफ पीएसए लगाने का कोई औचित्य नहीं था
डोडा के विधायक मेहराज मलिक से संबधित सवाल पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आप विधायक के खिलाफ पीएसए लगाने का कोई औचित्य नहीं था। मेरा मानना है कि उन्हें अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए थी और इस मुद्दे को सुलझा लेना चाहिए था। पुलिस अपनी जांच जारी रख सकती है, और अगर कुछ गलत पाया जाता है, तो जवाबदेही तय की जाएगी, लेकिन इस समय उन पर पीएसए के तहत मामला दर्ज करना उचित नहीं है।"
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नए कानून के तहत एक समुदाय को निशाना बनाना दुर्भाग्यपूर्ण
वक्फ और सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के मुद्दे पर, अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नए कानून के तहत केवल एक समुदाय को ही निशाना बनाया गया है। इस विधेयक के तहत एक धर्म की संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है। मैं इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय की समझ का स्वागत करता हूं।
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