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    बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा संपन्न, पवित्र गुफा में सुख-समृद्धि के साथ स्थापित हुई छड़ी मुबारक, लोग बोले-आतंकवाद के मुंह पर करारा तमाचा

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 06:49 PM (IST)

    इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा का शांतिपूर्ण समापन आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश है। पहलगाम में आतंकी हमले के बावजूद प्रशासन और सुरक्षा बलों के प्रयासों से यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हुई जिसमें चार लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भाग लिया। स्थानीय लोगों ने भी यात्रा के सफल आयोजन पर राहत व्यक्त की है जो जम्मू-कश्मीर की सकारात्मक छवि को दर्शाता है।

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    अमरनाथ यात्रा आतंकवाद पर शांति की जीत

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा का शांतिपूर्ण समापन ने आतंकवाद के मुंह पर एक बार फिर जोरदार थप्पड़ जड़ एक स्पष्ट संदेश दिया है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद जीवन की लय को नियंत्रित नहीं कर पाएगा और अगर ऐसा करने के प्रयास भी करेगा तो औंधे मुंह गिर जाएगा।

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    हाालंकि इस वर्ष 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसारन में आतंकी नरसंहार में 26 मासूम पर्यटकों के मारे जाने से उत्पन्न हुई सिथिति के चलते श्री अमराथ जी की वार्षिक यात्रा जैसे विशाल धार्मिक समारोह के आयोजन पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।

    अलबत्ता प्रसाशन के दृढ संकल्प व कड़े प्रयासों ने उस जघन्य आतंकवादी हमले के कुछ ही हफ़्तों बाद श्री अमरनाथ जी की तीर्थयात्रा का सफल आयोजन संभव हो सका और आज शांतिपूर्वक ढंग से इस पवित्र तीर्थ यात्रा का समापन हुआ है ।

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    चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्णायक नेतृत्व में, सुरक्षा बलों ने एक सुनियोजित योजना को क्रियान्वित किया जिससे चार लाख से अधिक तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई। खुफिया एजेंसियों, जमीनी बलों और नागरिक प्रशासन के बीच तालमेल सराहनीय रहा है, जिसने अपने नागरिकों और विरासत दोनों की सुरक्षा के भारत के संकल्प की पुष्टि की है। यात्रा की सफलता केवल एक सैन्य उपलब्धि नहीं है यह लोगों के संकल्प का प्रमाण है।

    इस वर्ष की यात्रा एक आध्यात्मिक यात्रा से कहीं बढ़कर थी ; यह भय फैलाने वालों के विरुद्ध एक शांत, गरिमापूर्ण चुनौती थी। इस पवित्र तीर्थ यात्रा के सुचारू ढंग से आयोजन तथा शांतिपूर्वक ढंग से इसके समापन पर स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली है।

    शु्क्र है अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण संपन्न हुई

    बैशे से व्यावासयी तारिक अहमद सोफी नामक एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा,शुक्र है कि श्री अमरनाथ जी की यात्रा पीसफुली संपन्न हुई और यात्रा के दौरान कोई अप्रिय घटना नही घटी। सोफी ने कहा, जो हालात यहां बैसारन घटना के बाद पैदा हुए थे, उन्हें देखकर मेरी तरह अधिकांश स्थानीय लोगों को यकीन ही नही था कि इस वर्ष यह यात्रा होगी।

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    फिर जब सरकार ने यात्रा की तारीख की घोषणा की। तब भी हमें लगा था कि मौजूदा हालात को देख इस यात्रा में बहुत कम यात्री हिस्सा लेेंगे। लेकिन हमारा यह भ्रम भी गलत साबित हुआ। यात्रा में साढ़े चार लाख यात्रियों ने हिस्सा लिया और वह भी बहुत आराम से। सोफी ने कहा,मैं इसका सारा क्रेडिट प्रशासन विशेषकर एलजी प्रशासन को देता हूं।

    यात्रा के सफलतापूर्वक संपन्न होने से देशभर में गया अच्छा संदेश

    मंजूर अहमद तांतरे नामक एक अध्यापक ने कहा,इस यात्रा का आयोजन हमारी छवि के लिए बहुत जरूरी था। तांतरे ने कहा,बैसारन घटना से हमारी छवि दाव पर लग गई थी। हालांकि सब ने देखा कि उस घटना के विरोध में समूची घाटी के लोग सड़कों पर उतरे थे। लेकिन फिर भी दुनिया में हमारे खिलाफ एक नेगेटिव मैसेज गई थी। लेकिन इस यात्रा के सफल और शांंतिपूर्वक समापन्न ने हमारी लाज रख दी।

    शमसुदीन भट नामक एक और व्यवसायी ने कहा,इस पवित्र यात्रा के सफल आयोजन ने पर्यटकों के यहां फिर से आने के लिए रास्ता हमवार(संतल) कर दिया है। भट ने कहा,तीर्थयात्रियों के लिए थ्री टायर सिकोरिटी के प्रबंध समय की जरूरत थी।

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    उम्मीद है लोगों में कश्मीर को लेकर असुरक्षा की भावना दूर हुई होगी

    फिर भी अगर हमारे तीर्थ यात्रियों को यहां के जमीनी हालात के प्रति किसी प्रकार का भ्रम या डर होता,तो वह सुरक्षा के इतने कड़े प्रबंधों के बावजूद भी यहां नही आते। लेकिन वह आस्था की डोर से बंध कर यहां आए और अपने भोले के दर्शन किए।

    भट ने कहा, लाखों की संख्या में तीर्थयात्रियों के यहां आने से देश व दुनिया भर के उन लोगों जो बैसारन घटना के बाद यहां आने में हिचकिचाहट महसूस कर रहे होंगे,मुझे उम्मीद है कि उनकी वह हिचकिचाहट दूर हुई होगी और वह यहां आ यहां के हसीन नजारों का लुत्फ उठाने के लिए योजनाएं बना रहें होंगे।

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