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    दिल्ली पर सामूहिक दबाव से ही वापस मिल सकता है पूर्ण राज्य का दर्जा, बुखारी ने सभी दलों को एकजुट होने का किया आह्वान

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 05:12 PM (IST)

    अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। अन्य राजनीतिक दलों से भी मिलकर राजनीतिक दबाव बनाने का सुझाव दिया। बुखारी ने कहा कि राज्य का दर्जा जनता से जुड़ा मामला है राजनीतिक नेताओं को आगे आना चाहिए। उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाए और कहा कि उनकी पार्टी ज़मीन और नौकरियों की रक्षा कर रही है।

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    अल्ताफ बुखारी ने कश्मीर में हुई हत्याओं की जांच पर भी टिप्पणी की।

    डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध है और इस प्रयास का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।

    इसी के साथ उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों को भी यह सुझाव दिया कि मिलकर राजनीतिक दबाव बनाए बिना इस मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने सभी राजनीतिक नेताओं से एकजुट होकर इस मांग को गंभीरता से उठाने का आह्वान किया।

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    बुखारी ने कहा कि राज्य का दर्जा प्रेदश की जनता से जुड़ा मामला है और इसे व्यक्तिगत बयानों तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए। लोगों को इस मुद्दे के लिए एकजुट होना चाहिए, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में राजनीतिक नेताओं को भी आगे आना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या उनके अलावा कोई अन्य राजनीतिक दल केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रहा है।

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    बुखारी ने कहा कि कई नेता अपने हित में बोल रहे हैं और समन्वित प्रयासों से बचते हुए चुनिंदा भाषण दे रहे हैं। उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस का नाम लिए बिना कटाक्ष किया कि अगर कोई राज्य के दर्जे के मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है तो वह उनकी पार्टी है। इसके लिए वह सक्रिय रूप से संगठित और लामबंद होकर काम कर रहे हैं।

    विपक्षी दलों के बारे में बुखारी ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि उन्होंने 5 अगस्त, 2019 की घटनाओं के दौरान भाजपा का समर्थन किया था। अगर कांग्रेस ने अलग रुख अपनाया होता तो अनुच्छेद 370 को हटाना संभव नहीं होता। यही राजनीतिक गठबंधन मौजूदा हालात पर असर डाल रहा है।

    उपराज्यपाल के साथ गुप्त बैठकों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बुखारी ने कहा कि उन नेताओं के नाम बताए हैं जिन्हें उनकी पार्टियों ने उपराज्यपाल से मिलने के लिए हटा दिया था। उन्होंने ऐसी बैठकों के नतीजों पर सवाल उठाते हुए पूछा कि लोगों को इनसे क्या फायदा हुआ। उनकी पार्टी ने ज़मीन और नौकरियों की रक्षा की है जबकि अन्य पार्टियों के पास व्यक्तिगत लाभ के अलावा दिखाने के लिए कुछ नहीं है।

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    बुखारी ने पीडीपी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह अब वह पार्टी नहीं रह गई है जिसका नेतृत्व मुफ्ती मोहम्मद सईद करते थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि दिवंगत नेता के प्रति वफादार लोगों को दरकिनार किया जा रहा है। इसी के साथ उन्होंने खुद की पार्टी का जिक्र करते हुए यह दावा किया कि उन्होंने ऐसे नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया, जो जनता के साथ थे, किसी एक परिवार के साथ नहीं।

    बुखारी ने कहा कि जनता ऐसा नेतृत्व चाहती है जो समुदाय में निहित हो, न कि राजनीतिक परिवारों की अदला-बदली में। उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश सहित कई जिलों में विस्तार कर रही है। आगे कई नेताओं के इसमें शामिल होने की उम्मीद है।

    उन्होंने हाल ही में कश्मीर में हुई हत्याओं की जांच कर रही एसआईटी पर भी टिप्पणी की और कहा कि उनका मानना है कि यह मामला एक हत्या का है और वे निष्पक्ष जांच की उम्मीद करते हैं। शासन-प्रशासन के मुद्दे पर उन्होंने प्रमुख जनकल्याणकारी निर्णयों में देरी पर सवाल उठाया और कहा कि सरकार को प्रशासनिक बहानों के पीछे नहीं छिपना चाहिए।  

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