देश की रक्षा के साथ भारतीय सेना राष्ट्र निर्माण में भी निभाती है अहम भूमिका: जनरल उपेन्द्र द्विवेदी
थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने करगिल विजय दिवस पर कहा कि सेना सीमाओं की रक्षा के साथ राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लद्दाख में सेना द्वारा सड़कें पुल और दूरसंचार नेटवर्क बनाए जा रहे हैं जो नागरिकों के लिए भी उपयोगी हैं। सेना वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत विकास कार्य कर रही है सीमांत पर्यटन को बढ़ावा दे रही है जिससे युवाओं को रोजगार मिला है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने शनिवार को कहा कि सेना सिर्फ सीमाओं की रक्षा नहीं करती बल्कि यह राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यह सीमांत इलाकों में जो बुनियादी ढांचा विकसित करती है, वह सिर्फ सेना के लिए नहीं होता बल्कि उसका दोहरा उपयोग होता है। उन्हें विकसरित करते हुए नागरिकों की प्राथमिकताों को भी ध्यान में रखा जाता है।
आज द्रास में करगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विजय दिवस समारोह में ऑपरेशन विजय के वीर बलिदानियों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए थलेसना सेना प्रमुख ने कहा कि इस राष्ट्र निर्माण में हमारी सबसे बड़ी ताकत लगभग 1.3 कराेड़ लोगों के समुदाय पर आधारित हमारा विशाल सैन्य परिवार है।
यह भी पढ़ें- Kargil Vijay Diwas: आतंकवाद का समर्थन करने वालों के लिए काल होगी 'रुद्र ब्रिग्रेड', सेना प्रमुख द्विवेदी का ऐलान
हमारे सेवारत सैनिक, उनके परिवार, हमारे वीर वेटर्नस और वीर बलिदानियों के स्वजन शामिल हैं। लद्दाख में जहां हजारों सैंनिक तैनात हैं, वहीं लद्दाख में सैकड़ों पूर्व सैनिक भी रह रहे हैं। सेना केवल रक्षा ही नहीं करती बल्कि यह अग्रिम सीमांत इलाकों में राष्ट्र निर्माण में भी अहम भूमिका निभाती है। स्थानीय लोगो के लिए विभिन्न बुनियादी सुविधाओं को भी जुटाती है।
लद्दाख का उल्लेख करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि यहां विभिन्न सड़कें, पुल और दूरसंचार का तैयार किया जा रहा नेटवर्क सिर्फ सेना के लिए नहीं है, इसे तैयार करते हुए नागरिक उपयोग को भी प्राथमिकता के तौर पर ध्यान में रखा गया है। यह सेना और स्थानीय नागरिकों दोनों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करते हैं।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत चयनित गांवों में भारतीय सेना द्वारा प्राथमिकता से विकास कार्य चल रहे हैं। स्मार्ट बार्डर्स पहल के तहत लद्दाख और अन्य सुदूर इलाकों में मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के लिए सेना के कम्यूनिकेशन टावर्स का उपयोग हो रहा है। प्राकृतिक आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में सेना अहम भूमिका निभा रही है।
उन्होंने बताया कि लद्दाख में सीमांत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बैटलफील्ड, आध्यात्मिक, पर्यावरण, विरासती और साहसिक पर्यटन जैसे क्षेत्रों में काम किया जा रहा है। इसमें युवाओं को रोजगार मिल रहा है। स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में कैंसर के मरीजों को राहत, 6 जिलों में बनेंगे डे-केयर सेंटर, मिलेंगी यह सुविधाएं
थलसेना प्रमुख ने कहा कि सिर्फ लद्दाख में ही नहीं जम्मू कश्मीर समेत देश के अन्य सीमांत राज्यों में भी सेना स्थानीय युवाओं को टूर गाइड, पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स में प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बना रही है।
जनरल द्विवेदी ने वरिष्ठ वीर सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे हमारे वेटरन्स, आपका योगदान हमारी ताकत है। बेशक आज आपने वर्दी उतार दी हो, लेकिन राष्ट्र के प्रति आज भी आपका जोश और प्रेम अमूल्य और प्रेरणादायक है। आप न केवल हमारी सेना की गौरवशाली विरासत के वाहक बल्कि राष्ट्र निर्माण के एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।