अखिलेश यादव नहीं जानते थे पुलवामा कांड में इस्तेमाल कार का मालिक जैश आतंकी सज्जाद था, पढ़े पूरा मामला
लोकसभा में अखिलेश यादव ने पुलवामा हमले को लेकर सरकार पर निशाना साधा लेकिन वे चूक गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हमले में इस्तेमाल कार के मालिक का पता लगाने में विफल रही जबकि कार मालिक सज्जाद अहमद बट जून 2019 में एक मुठभेड़ में मारा गया था। NIA जांच में सामने आया कि कार सज्जाद ने खरीदी थी जो जैश का आतंकी था।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। लोकसभा में मंगलवार को पहलगाम के बहाने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने पुलवामा कांड को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा, लेकिन वह चूक गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पुलवामा कांड में आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई कार के मालिक का पता लगाने में असमर्थ रही, लेकिन वह यह नहीं जानते कि कार का मालिक सज्जाद अहमद बट जून 2019 में अपने एक साथी तौसीफ संग सुरक्षाबलों के हाथों मारा जा चुका है।
14 फरवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर लिथपोरा पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती आतंकी आदिल डार ने विस्फोटकों से भरी कार के साथ सीआरपीएफ के काफिले के साथ टक्क मारी थी। इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी मौके पर ही बलिदानी हो गए थे। कार के परखच्चे उड़ गए थे। आत्मघाती हमलावर के भी सिर्फ मांस के लोथड़े ही मिले थे।
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने इस मामले की जांच का जिम्मा संभाला और उसने घटनास्थल से मिले कार के टुकड़ों को जमा कर, फारेंसिक और आटोमाेबाइल विशेषज्ञों की मदद से पता लगाया कि हमले में इस्तेमाल कार लाल रंग की मारुति इको है।
बाद में घटनास्थल के आस पास लगे सीसीटीवी की फुटेज की जब जांच हुई तो उसमें भी ईको कार ही नजर आयी थी। एनआईए ने जांच में पता लगाया कि हमले में इस्तेमाल कार का चेसिस नंबर एमए3ईआरएलएफ1एस00183735 और इंजन नंबर जी12बीएन164140 है।
यह कार वर्ष 2011 माडल की थी और इसे सबसे पहले दक्षिण कश्मीर के जिला अनंतनाग में हीवन कालोनी के रहने वाले जलील अहमद हक्कानी ने खरीदी थी। उसके बाद यह कार छह बार बिकी और अंत में पिंगलिश त्राल के रहने वाले सज्जाद अहमद बट ने इसे खरीदा था।
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सज्जाद अहमद बट पहले जैश-ए-मोहम्मद के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर काम करता था। उसे जैश आतंकी तौसीफ अहमद ने भर्ती किया था। जब उसे पता चला कि कार के मालिक का पता एनआईए को चल गया है, वह अपने घर से गायब हो गया और जैश-ए-मोहम्मद का एक सक्रिय आतंकी बन गया। जून 2019 में मरहामा बिजबेहाड़ा में सुरक्षाबलों ने उसे और तौसीफ को एक मुठभेड़ में मार गिराया था।
पुलवामा कांड की जांच और सज्जाद अहमद बट को मार गिराए जाने के अभियान में शामिल रहे जम्मू कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी ने कहा कि सज्जाद ने कार हमले से कुछ दिन पहले ही खरीदी थी। कार का एक बार रंग भी बदला गया था।
कार का चेसिस और इंजन नंबर पता चलने के बाद ही सज्जाद और उसके अन्य साथियों को चिह्नित किया जा सका था। अगर कार के बारे में जानकारी सही नहीं होती तो यह मामला इतनी आसानी से हल भी नहीं होता।
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