खाद्य सुरक्षा विभाग के खुलासे ने उड़ाए सभी के होश, जम्मू-कश्मीर में अभी तक इतना किलो सड़ा गला मास बरामद
जम्मू-कश्मीर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने 11000 किलो से अधिक सड़ा-गला मांस जब्त किया। यह मांस विभिन्न जिलों से पकड़ा गया और जाँच में पता चला कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक था। मुनाफे के लालच में दुकानदार लोगों को यह मांस बेच रहे थे। विभाग ने नमूनों को जाँच के लिए भेजा है।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। खाद्य सुरक्षा विभाग का खुलासा होश उड़ाने वाला है। उनके इस तथ्य से यह साबित होता है कि जम्मू-कश्मीर के लोग पिछले कई सालों से बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहा सड़ा-गला मास खा रहे थे। हद तो यह है कि मुनाफा कमाने के लालच में दुकानदान भी लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे थे।
जम्मू-कश्मीर में घटिया मांस पर चल रही कार्रवाई के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने विभिन्न जिलों से 11,000 किलोग्राम से अधिक मांस जब्त किया है। विभाग ने कहा कि इसकी गुणवत्ता, सुरक्षा और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक संघ (एफएसएसएआई) के मानकों के अनुपालन की कठोर जांच चल रही है।
इस दिशा में मांस के 30 नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं, ताकि यह पता चले कि मांस किस जानवर का है और क्या मांस हलाल आवश्यकताओं का पालन करता है। नाम न बताने की शर्त पर जम्मू-कश्मीर सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ नमूने हैदराबाद में राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र (एनआरसीएम) में मांस प्रजाति पहचान प्रयोगशाला (एमएसआईएल) में विश्लेषण के अधीन हैं।
मांस के भेजे गए नमूनों की हो रही जांच
उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला यह पता लगाएगी कि मांस किस जानवर का था और क्या मांस मशीन से काटा गया था या हाथ से काटा गया था, जो हलाल अनुपालन की पुष्टि करने में एक महत्वपूर्ण कारक है। नमूने राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला (एनएफएल) गाजियाबाद को भी सत्यापित करने और रिपोर्ट करने के लिए भेजे गए कि क्या यह गुणवत्ता और सुरक्षा मापदंडों के अनुरूप है जो कि इसकी स्थिति से स्पष्ट है या नहीं है ।
रिपोर्ट आने के बाद ही विभाग करेगा खुलासा
जेएंडके ड्रग एंड फूड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (डीएफसीओ) के फूड विंग की कमिश्नर, स्मिता सेठी ने बताया कि वह उन परीक्षणों की श्रृंखला पर टिप्पणी नहीं करेंगी, जिनसे जेएंडके से जब्त मांस को गुजरना होगा। उन्होंने कहा कि यह एक तकनीकी मामला है। आयुक्त ने कहा कि नमूना संग्रह की तारीख से दो सप्ताह के भीतर लैब रिपोर्ट की उम्मीद थी। रिपोर्ट मानकों के अनुपालन को स्पष्ट करेगी और आगे की कार्रवाई इन निष्कर्षों पर आधारित होगी।
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दोषियों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई
यह पूछे जाने पर कि क्या उल्लंघन और सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डालने पर कोई एफआईआर दर्ज की गई थी, सेठी ने कहा कि एक बार रिपोर्ट तैयार हो जाने के बाद, चालान प्रस्तुत किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हम इस तरह से एफआईआर दर्ज नहीं करते हैं। उन्होंंने कहा कि प्रक्रिया एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित की गई है, और यह बहुत सख्त है । उन्होंने कहा कि जांच तकनीकी विश्लेषण पर टिकी हुई है, लेकिन हम अन्य उल्लंघनों को भी देख रहे हैं जिनके लिए लैब परीक्षण की आवश्यकता नहीं है।
गलत ब्रांडिंग-गलत लेबलिंग का भी हुआ खुलासा
आयुक्त ने कहा कि आज तक, जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों से 11000 किलोग्राम से अधिक मांस जब्त किया गया था। इसमें बड़ी खेप के साथ-साथ विक्रेताओं और खाद्य व्यवसाय संचालकों से जब्त की गई छोटी मात्रा भी शामिल है। जब्ती में गलत ब्रांडिंग और गलत लेबलिंग के मुद्दों के साथ-साथ अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में संग्रहीत और तैयार मांस का खुलासा हुआ।
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हालांकि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को अब खाद्य पदार्थ ले जाने वाले वाहनों का निरीक्षण करने का अधिकार है, लेकिन रसद संबंधी चुनौतियां इस कार्य को कठिन बना देती हैं। इस मुद्दे के समाधान के लिए, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में एक टास्क फोर्स और जांच दस्तों के गठन का आदेश दिया है ताकि सुरक्षित खाद्य पदार्थ सुनिश्चित किए जा सकें और जम्मू-कश्मीर में नाकों और प्रवेश बिंदुओं पर जांच की जा सके।
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