अभी भी 200 से ज्यादा लोग लापता, चशोती त्रासदी में अब तक 67 की मौत; बचाव अभियान छठे दिन भी जारी
किश्तवाड़ जिले के चशोती में बादल फटने से हुई तबाही के बाद लापता लोगों की तलाश छठे दिन भी जारी रही। बचाव कर्मियों ने मलबे से दो और शव बरामद किए जिससे मरने वालों की संख्या 67 हो गई है। प्रदेश प्रशासन लापता लोगों की प्रामाणिक सूची बनाने में जुटा है। स्थानीय लोग लापता लोगों की संख्या 200 से ज्यादा बता रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। किश्तवाड़ जिले के चशोती में बादल फटने से हुई तबाही में लापता लोगों की तलाश में राहत अभियान छठे दिन मंगलवार को भी जारी रहा।
बचावकर्मियों ने मलबे के नीचे दबे दो और शव निकाले, जिससे इस हादसे में मरने वालों की संख्या 67 पहंच गई है। सेना, एनडीआरएफ, सीआइएसएफ, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और एसडीआरएफ लापता लोगों की खोज में जुटे हैं।
लापता लोगों की संख्या को लेकर बने असमंजस के चलते प्रदेश प्रशसन ने अब सभी संबधित एजेंसियों और संगठनों के माध्यम से एक विस्तृत और प्रामाणिक सूची तैयार करने की प्रकिया शुरू कर दी है।
इसमें मचैल माता की यात्रा के प्रबंधन में शामिल विभिन्न धार्मिक संगठनों, लंगर समितियों के प्रतिनिधियों के अलावा सभी जिलों, तहसीलों में प्रशासन व पुलिस की भी मदद ली जा रही है।
200 लोग अभी भी लापता
बता दें कि चशोती में 14 अगस्त को बादल फटने के बाद आई बाढ़ में जानमाल का व्यापक नुकसान हुआ है। अभी तक 66 लोगों के शव चशोती में मिल चुके हैं, जबकि इस आपदा में एक घायल ने जम्मू अस्पताल में दम तोड़ा है।
स्थानीय व अन्य लोग लापता लोगों की संख्या 200 से ज्यादा बता रहे हैं, जबकि प्रदेश सरकार के अनुसार यह संख्या 100 के करीब हो सकती है और यह संख्या लगातार बदल रही है। कोई लापता अपने घर पहुंच गया है और किसी लापता का शव मिलने से, जहां लापता लोगों की संख्या घट रही है, वहीं मृतकों की संख्या बढ़ रही है।
आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि चशोती में लापता लोगों की सहीं संख्या को लेकर अभी भी कोई अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है, क्योंकि कई श्रद्धालु बाढ़ के समय अपने दल से अलग हो गए थे।
कई लोग जान बचाने के प्रयास में ऐसी जगह पहुंच गए, जहां मोबाइल फोन कनेक्टिविटी नहीं थी और कई आपदा से बचने के बाद अपने घरों के लिए रवाना हो गए और उनके साथ संपर्क न होने की स्थिति में उनके स्वजनों ने उन्हें लापता बता दिया।
उन्होंने बताया कि बीते तीन दिनों में कई ऐसे लोग अपने घर पहुंचे हैं, जिनका चशोती में बाढ़ आने के बाद से अपने स्वजनों से संपर्क टूट गया था और उन्हें लापता अथवा मृत लोगों में शामिल मान लिया गया था। अधिकारी ने बताया कि लापता लोगों की सही संख्या को सत्यापित करने के लिए अब विभिन्न स्तरों पर आंकड़ा जुटाया जा रहा है।
प्रभावित और तीर्थयात्रियों के गृह ज़िलों के उपायुक्तों को लापता व्यक्तियों का पूरा विवरण, जैसे नाम, पता, आधार संख्या (यदि उपलब्ध हो), और संपर्क जानकारी एकत्र करने का निर्देश दिया गया है।
गुमशुदा व्यक्तियों की रिपोर्ट, यात्रा पंजीकरण रिकार्डकॉर्ड (भागीदारी और यात्रा विवरण की पुष्टि), सामुदायिक जानकारी के लिए ग्राम और वार्ड स्तर के अधिकारियों और रिपोर्ट किए गए पीड़ितों के परिवारों के साथ मिलकर काम करने के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं।
इसके अलावा उन इलाकों को भी चिह्नित किया जा रहा है, जहां से मचैल माता की यात्रा में ज्यादातर श्रद्धालु आते हैं। इन इलाकों में संबंधित लोगों से संपर्क कर उनसे उन सभी लोगों का ब्योरा जुटाया जा रहा है, जो माता की यात्रा पर इस वर्ष आए हैं।
विभिन्न गांवों में पटवारी, चौकीदार से भी कहा गया है कि वह अपने अपने कार्याधिकार क्षेत्र में अगर कोई लापता है तो उसका पूरा ब्योरा जुटाएं। सभी थाना प्रभारियों औ चौकी प्रभारियों से कहा गया है कि वह किसी भी लापता की शिकायत मिलने पर उसकी जानकारी साझा करें। लोगों से धैर्य रखने और
अधिकारियों का सहयोग करने की अपील
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ लापता या मृत लोगों की गिनती का सवाल नहीं है, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सूची में शामिल हर नाम सही हो, प्रत्येक पीड़ित परिवार का पूरा ब्योरा उपलब्ध हो। गलत जानकारी से अफवाहें फैलेंगी और पीड़ितों तक पहुंचने में भी दिक्कत होगी।
यह सूची बचाव कार्यों को दिशा देने में मदद करेगी। लेकिन यह सटीक होनी चाहिए। इस सूची में नाम, गांव या गृहनगर और अन्य प्रासंगिक पहचान विवरण शामिल होंगे। इसे आधिकारिक वेबसाइटों और जिला प्रशासन पोर्टलों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा सकता है।
जनता से इस सत्यापन अवधि के दौरान शांत और धैर्य रखने और सूचना एकत्र करने वाले अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील की है।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि लापता लोगों का पता लगाने और परिवारों को समय पर अपडेट और सहायता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम प्रभावित परिवारों की चिंता को समझते हैं।
बचाव दल चौबीस घंटे राहत के लिए काम कर रहे हैं। कहा कि अगर किसी परिवार का कोई सदस्य जो लापता बताया जा रहा है और अब घर पहुंच गया है, उसके में बारे में संबधित अधिकारियों केा सूचित करे।
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