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    जल जीवन मिशन योजना की हकीकत: आजादी के 78 साल बाद भी सोदरा गांव के लोग पानी के लिए प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 05:59 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले का सोदरा गाँव पेयजल संकट से जूझ रहा है। आज़ादी के 78 साल बाद भी यहाँ पानी की उचित व्यवस्था नहीं है लोग प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर हैं। जम्मू कश्मीर जल जीवन मिशन योजना के बावजूद स्थिति जस की तस है जिससे ग्रामीणों में निराशा है।

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    विभाग का कहना है कि फंड की कमी के कारण काम रुका था, जिसे जल्द शुरू किया जाएगा।

    संवाद सहयोगी, जागरण, सुंदरबनी। जम्मू-कश्मीर के जिला राजौरी की तहसील सुंदरबनी के सोदरा गांव में पीने के पानी की कमी एक बड़ा मुद्दा है।

    आज़ादी के 78 साल बाद भी इस गांव में पेयजल आपूर्ति की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं हो सकी है। गांव के लोग प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर हैं, जो न तो पूरी तरह से सुरक्षित हैं और न ही नियमित रूप से साफ किए जाते हैं।

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    गांव के यह हालात जम्मू-कश्मीर प्रशासन के उन तमाम दामों की पोल खोल रहे हैं और यह सवाल खड़ा कर रहे हैं कि क्या सरकारी दावे और योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं।

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    गांव की लगभग आधी आबादी आज भी चाहे सर्दी हो या गर्मी पीने का पानी जुटाने के लिए सुबह तड़के प्राकृतिक जल स्रोतों की ओर रूख करती हैं। इस पर भी हद यह है कि ये स्रोत भी न तो पूरी तरह से सुरक्षित हैं और न ही नियमित रूप से साफ किए जाते हैं।

    गर्मियों के दिनों में जब ये स्रोत सूखने लगते हैं तो लोगों को इनसे भी कई किलोमीटर दूर पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है। महिलाओं और बच्चों पर सबसे ज्यादा बोझ पड़ता है।

    गांव की पेयजल व्यवस्था की जानकारी देते हुए युवा रोहित कुमार ने बताया कि संबंधित विभाग से दर्जनों बार शिकायत करने के बाद भी समस्या का कोई हल नहीं निकला है।

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    एक तरफ सरकार जल मिशन योजना के तहत करोड़ों खर्च कर प्रदेश में सौ प्रतिशत नल से स्वच्छ जल पहुंचने का दावा कर रही है जबकि जमीनी हकीकत यह है कि आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी लोग बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं ।

    केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना, जिसका उद्देश्य हर घर तक नल से पानी पहुंचाना था, सोदरा गांव में बुरी तरह नाकाम साबित हुआ है। ग्रामीण बताते हैं कि कई बार अधिकारियों ने सर्वे किए, नक्शे बने, फंड की मंजूरी की बातें हुईं लेकिन जमीनी स्तर पर आज तक एक बूंद पानी भी गांव में नहीं पहुंचा।

    असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर चंद्रशेखर ने बताया कि जल मिशन योजना का निर्माण कार्य चल रहा है। फंड्स की कमी के कारण काम रुका था। जल्द उसे शुरू कर लोगों के घरों तक नल से पीने का पानी पहुंचाया जाएगा।

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