जम्मू-कश्मीर के जिला कठुआ में टक्की नाले की बाढ़ में फंसे स्कूली बच्चे, 4 घंटे बाद जलस्तर कम होने पर सुरक्षित निकाला
बिलावर में टक्की नाले पर पुल न होने से स्कूली बच्चे बाढ़ में फंस गए। दो साल पहले इसी नाले में दो छात्राओं की मौत हो गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि पुल न होने से हर बारिश में खतरा बना रहता है। लोगों ने सरकार से पुल निर्माण की मांग की है।

करुण शर्मा, जागरण, बिलावर। दो साल पहले बरसात के मौसम में डल नाले पर पुल न होने के कारण नाले में आई बाढ़ के पानी को पार करते हुए बाढ़ के में बह जाने से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बजोई की दो छात्राओं की मौत हो गई थी और तो गंभीर रूप से घायल हो गई थी। लेकिन आज तक पुल का निर्माण नहीं हुआ।
कुछ ऐसा ही हाल लोअर बग्गन पंचायत के गुज्जर बस्ती को जाने वाले कच्चे रास्ते की है । जिसके बीच बहने वाले टक्की नाले पर पुल नहीं होने के कारण बुधवार को स्कूल की छुट्टी कर लौट रहे बच्चे नाले में बारिश के चलते आई बाढ़ में फस गए और कई घंटे तक दरिया के किनारे पर फंसे रहे । जिससे बच्चों के परिजनों और दरिया में फंसे बच्चों को देखकर लोगों की जान आफत में आ गई थी ।
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क्षेत्रीय नालों में पानी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया
बुधवार दोपहर को बिलावर जिला के पहाड़ी क्षेत्रों और मैदानी इलाकों में जोरदार बारिश हुई। जिससे क्षेत्रीय नालों में पानी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया। जिस कारण लोअर बग्गन पंचायत के गुर्जर बस्ती के प्राइमरी स्कूल टक्की में छुट्टी होने के बाद घर जा रहे बच्चे बाढ़ के पानी में फंस गए और करीब 4 घंटे बाद टक्की नाले में आई बाढ़ का पानी कम होने के बाद स्थानीय लोगों ने सभी बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू किया।
बच्चों की जान जोखिम में पड़ गई थी
लोगों का कहना है कि बच्चों की जान जोखिम में पड़ गई थी और कभी भी हादसा हो सकता था। उन्होंने कहा कि पुल के अभाव में हर बारिश के समय में नाले में पानी पड़ता और लोगों के लिए आफत बनता है । लेकिन गुर्जर बस्ती को जाने वाले रास्ते पर बोलना न होने के कारण आज प्राइमरी स्कूल टक्की में छुट्टी होने के बाद जैसे ही बच्चे घरों के लिए निकले और टक्की नाले पर पुल के अभाव में नाले को पार करने लगे तो दोपहर को हुई बारिश के कारण नाले में एक का एक बाढ़ आ गई।
स्थानीय लोगों की मदद से बच्चों को सुरक्षित निकाला
स्कूल ही बच्चों की जान पर बन आई थी। और बच्चे दरिया की बाढ़ में फंस गए। जहां समय रहते ही बच्चे वापस लौटे और दरिया के दूसरे किनारे पर बारिश के बीच जान जोखिम में डालकर खड़े रहे इसके बाद 6:00 बजे की करीब नाले का जलस्तर कम हुआ और स्थानीय लोगों की मदद से सभी को सुरक्षित निकाला गया। प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि पुल के अभाव में आज कई बच्चे किसी हादसे का शिकार होने से बाल बाल बच्चे हैं।
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दो साल पहले दो लोगों की हुई थी मौत
आपको बताते चलें कि इसी नाले में बहकर 2 साल पहले दो लोगों की मौत हो गई थी जिसके बाद स्थानीय लोगों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था लोगों के विरोध को देखते हुए लोग निर्माण विभाग द्वारा पूर्ण निर्माण को लेकर डीपीआर बनाई थी लेकिन आज तक फंड्स नहीं मिले और ना ही पल का निर्माण कार्य हो पाया है
लोअर बग्गन पंचायत के गुर्जर बस्ती के टक्की नाले पर 176 मीटर डबल लेन पुल और गुज्जर बस्ती से बरेटल के लिए सड़क द्वारा 2 साल पहले बनी गई थी । जब नाले को पार करते हुए दो लोगों की बाढ़ के पानी में बह जाने से मौत हो गई थी। लोगों के भारी विरोध के चलते लोक निर्माण विभाग द्वारा डीपीआर तो बनाई गई थी । लेकिन आज तक कोई फंड्स नहीं मिला और ना ही काम शुरू नहीं किया गया। पुल निर्माण को लेकर पूर्व सरपंच ने पीएमओ राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह को ज्ञापन भी दिया था। लेकिन फिर भी कोई भी कार्रवाई नहीं हुई । - रीता देवी पूर्व सरपंच लोअर बग्गन पंचायत
टक्की नाले पर पुल होने ना होने के कारण स्थानीय प्राइमरी स्कूल के बच्चे नाले में आई बाढ़ में फंस गए थे। जिस कारण बच्चों और उनके परिजनों की जान आफत में आ गई थी सरकार को चाहिए कि लोगों की परेशानी को देखते हुए पुल का निर्माण किया जाए। ताकि गुर्जर बस्ती के लोगों को किसी बड़े हादसे से बचाया जा सके। - दीपू राजपूत
गुर्जर बस्ती को जाने वाले रास्ते की हालत खराब है और पुल ना होने के कारण लोगों की जिंदगी दुश्वार है। पुल निर्माण को लेकर डीपीआर तो बनाई गई थी लेकिन 2 साल के बाद भी पुल का निर्माण नहीं हुआ। - कर्म दीन स्थानीय निवासी
लोअर बागान पंचायत के टक्की पुल और 3 किलोमीटर एप्रोच रोड के लिए 2 साल पहले डीपीआर बनाई गई थी और विभाग के पास फंड्स की मंजूरी के लिए भेजी गई थी। - महबूब अहमद अतिरिक्त कार्यकारी अभियंता, लोक निर्माण विभाग बिलावर
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