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Jammu Kashmir: कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से अधिक खतरनाक, यह युद्ध है हमें जीतना होगा

राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू के माइक्राेबायालोजी विभाग के कंसल्टेंट डा. संदीप डोगरा का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण पहले की अपेक्षा अधिक घातक है। अगर हमने संक्रमण की चेन अभी भी नहीं तोड़ी तो संक्रमण और घातक साबित हो सकता है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 07:25 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 07:25 PM (IST)
राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू के माइक्राेबायालोजी विभाग के कंसल्टेंट डा. संदीप डोगरा

जम्मू, राज्य ब्यूरो । राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू के माइक्राेबायालोजी विभाग के कंसल्टेंट डा. संदीप डोगरा का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण पहले की अपेक्षा अधिक घातक है। अगर हमने संक्रमण की चेन अभी भी नहीं तोड़ी तो संक्रमण और घातक साबित हो सकता है।

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डा. डोगरा के अनुसार पहली लहर में 40 वर्ष से अधिक उम्र, बुजुर्ग और बीमारी लोग ही अधिक संक्रमित हो रहे थे लेकिन दूसरी लहर में हर आयु वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे हैं। दूसरी लहर ने तो ग्रामीण क्षेत्रों को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि हमारा संक्रमण को लेकर लापरवाह रवैया इसके लिए जिम्मेदार है। हमें यह सुनिश्चित बनाना हाेगा कि जो गलतियां हम पहले कर चुके हैं, उन्हें दोहराया न जाए। संक्रमण अपना स्वरूप तेजी के साथ बदल रहा है। मनुष्य की तरह ही वायरस भी अपने आप को जिंदा रखने के लिए कामकर रहा है। यह एक युद्ध है जिसे हमें जीतना ही होगा।

डा. संदीप ने कहा कि संक्रमण से बचाव का एक ही तरीका है कि हम बचाव के तरीके दोगुना कर दें। एक मास्क के स्थान पर दो मास्क पहनें। दो गज की दूरी बनाए रखें और सार्वजनिक स्थलों पर न जाएं। उन्होंने लोगों से धार्मिक समारोह, शादियों व अन्य किसी भी प्रकार के समारोह में भीड़ इकट्ठा न करने को कहा। डा. संदीप ने कहा कि वैक्सीन संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अहम है। उन्होंने 18 से 45 साल की उम्र तक के लोगों में टीकाकरण को लेकर उत्साह दिखाने पर संतोष जताया। उन्होंने किसी बीमारी से जूझ रहे 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण करने को कहा। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को फिलहाल टीकाकरण नहीं करवाने को कहा।

डा. डोगरा ने कहा कि जैसे ही कोई रैपकड एंटीजन टेस्अ में संक्रमित अाता है तो उसे तुरंत अपने आप को आइसोलेट कर लेना चाहिए। उसे आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाने की कोई जरूरत नहीं है। हां अगर रैपिड टेस्ट लक्षण होने के बावजूद नेगेटिव दिखाता है तो तुरंत आरटी-पीसीआर टेस्ट भी करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 80 से 85 फीसद मरीजों में मामूली लक्षण हें। उन्हें अपने आप को आइसाेलेट करने की जरूरत है। उन्होंने संक्रमितों से अपने शरीर के तापमान की नियमित रूप से निगरानी करने और आक्सीजन के स्तर की जांच करने को कहा। उन्होंने तीसरी लहर से बचने के लिए एसओपी का सख्ती के साथ पालन करने को कहा।


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