जम्मू-कश्मीर में चार वर्षों में 24 गुना बढ़ी एमएसएमई की संख्या, लद्दाख में भी 22 गुना की वृद्धि, आंकड़े बता रहे आत्मनिर्भरता की कहानी
जम्मू-कश्मीर में लघु उद्योग को बढ़ावा मिलने से एमएसएमई पंजीकरण में 24 गुना और इकाइयों की संख्या में 22 गुना वृद्धि हुई है जिससे इनकी संख्या 7.47 लाख तक पहुंच गई है। भारतीय रिजर्व बैंक की बैठक में एमएसएमई के लिए नए अवसरों पर चर्चा हुई जिसमें व्यापार समझौते के माध्यम से सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।

जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों का अब जमीनी स्तर पर प्रभाव नजर आ रहा है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पिछले चार वर्षों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पंजीकरण में 24 गुना वृद्धि हुई है तो वहीं केंद्र शासित प्रदेश में इन चार वर्षों में एमएसएमई की संख्या में 22 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है।
जम्मू-कश्मीर में अब एमएसएमई की संख्या बढ़कर 7.47 लाख पहुंच गई है। वहीं लद्दाख में इनकी संख्या 18 हजार 708 है। यह जानकारी जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एमएसएमई पर हुई 67वीं बैठक के दौरान दी गई।
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भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक चंद्रशेखर आजाद की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उद्योग और वाणिज्य विभाग जम्मू के संयुक्त निदेशक, जम्मू और कश्मीर बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू और कश्मीर ग्रामीण बैंक, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के प्रतिनिधि, पीएचडी चैंबर आफ कामर्स, इंडियन चैंबर आफ कामर्स और बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद रहे।
सीईटीए का मकसद एमएसएमई के लिए नए अवसर पैदा करना
क्षेत्रीय निदेशक ने अपने संबोधन में कहा कि 24 जुलाई, 2025 को हस्ताक्षरित हाल के भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) के तहत द्विपक्षीय सहयोग के लिए लघु और मध्यम उद्यमों की एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में पहचान की है, जिसका उद्देश्य व्यापार सुविधा और बाजार पहुंच के माध्यम से भारतीय एमएसएमई के लिए नए अवसर पैदा करना है।
राहुल सहाय ने एमएसएमई के समक्ष रखी चुनौतियां
वहीं इंडियन चैंबर आफ कामर्स की जम्मू इकाई के चेयरमैन राहुल सहाय ने इस दौरान एमएसएमई के समक्ष विभिन्न चुनौतियों को समिति के समक्ष रखा। उन्होंने आरबीआई से अपील की कि वे बैंकों को एमएसएमई के प्रति उदार रवैया अपनाने की सलाह दे ताकि इस क्षेत्र को आसानी से ऋण उपलब्ध हो सके। सहाय ने आटोमोबाइल सेक्टर की दिक्कतों को भी समिति के समक्ष रखा।
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