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    लद्दाख स्काउट्स के सिवांग ने सिल्क रूट अल्ट्रा मैराथन में दिखाया दम, चुनौतियां पार कर राष्ट्र को गौरवान्वित किया

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 01:30 PM (IST)

    लद्दाख स्काउट्स के सिवांग कुंदन ने लेह में 122 किलोमीटर सिल्क रूट अल्ट्रा मैराथन जीती। 2024 में रनर-अप रहे कुंदन ने 13 घंटे 50 मिनट और 1 सेकंड में रेस पूरी की। सेना के अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया। सिवांग को साढ़े तीन लाख रुपये का इनाम मिला। फुंत्सुक नाम्गयाल उपविजेता रहे।

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    मैराथन में देश-विदेश के करीब अस्सी धावकों ने भाग लिया।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। भारतीय सेना की लद्दाख स्काउट्स के सिवांग कुंदन ने लेह में 122 किलोमीटर सिल्क रूट अल्ट्रा मैराथन जीत ली।

    वर्ष 2024 में सिल्क रूट अल्ट्रा मैराथन के रनर-अप रहे सिवांग कुंदन ने बेहद कठिन हालात में 13 घंटे, 50 मिनट व 1 सेकंड में पूरा कर सिल्क रूट अल्ट्रा 2025 का खिताब अपने नाम किया।

    सिवांग कुंदन ने शुक्रवार सुबह 8 बजकर पचास मिनट पर लेह के एनडीएस स्टेडियम में 122 किलोमीटर की बेहद कठिन मैराथन को पूरा किया। लेह में लोगों की भारी भीड़ के साथ लद्दाख मैराथन का आयोजन करने वाली रीमो एक्पीपीडन के संस्थापक सोनम मोट़ुप गावा, सेना के अधिकारियों ने कुंदन के मैराथन जीतने पर फिनिश लाइन पर उनका जोरदार स्वागत किया।

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    सिल्क रूट अल्ट्रा मैराथन जीतकर सिवांग को साढ़े लाख रूपये के इनाम के हकदार हो गए हैं। वहीं फुंत्सुक नाम्गयाल 14 घंटे, 38 मिनट व 14 सेकंड के समय के साथ सिल्क रूट अल्ट्रा मैराथन के उपविजेता बने।

    सिल्क रूट अल्ट्रा मैराथन वीरवार शाम सात बजे नुबरा के क्यागर गांव से शुरू हुई थी। इसमें देश, विदेश के अस्सी के करीब धावकों ने हिस्सा लिया। अल्ट्रा मैराथन में हिस्सा लेने वालों में भारतीय सेना, इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस के जवान व सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।

    धावकों ने आधी रात को खारदूंगला पार किया था। वहीं वीरवार रात तीन बजे खारदूंग गांव से शुरू हुई 72 किलोमीटर की खारदूंगला चैलेंज मैराथन में 280 के करीब धावकों ने हिस्सा लिया। इन दोनों लंबी व कठिन दौड़ों को कामयाब बनाने के लिए सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर द्वारा पूरा सहयोग दिया गया।

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    लद्दाख के कठिन जलवायु व उंचाई को मात देते हुए सिवांग ने न केवल अपनी फिटनेस व धैर्य का प्रदर्शन किया, बल्कि चुनौतीपूर्ण हालात में लद्दाख में डटी भारतीय सेना का नाम रोशन किया। यह दौड़ न केवल एक शारीरिक परीक्षा ही नही थी।

    यह दौड़ लद्दाख के चुनौतीपूर्ण हालात में सीमाओं पर दुश्मन के सामने माेर्चा ले रहे सैनिकों की मानसिक दृढ़ता की भी प्रतीक है।

    इसी बीच लेह-नुबर रोड़ पर सिल्क रूट अल्ट्रा मैराथन व खारदूंगला चैलेंज के चलते सड़क को यातायात के लिए शुक्रवार शाम तक बंद रखा गया है। लद्दाख मैराथन में देश के विभिन्न हिस्सों के साथ विश्व के 31 देशों के 6600 धावकों ने अपना पंजीकरण करवाया है।

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    अब 14 सितंबर तक लेह के एनडीएस स्टेडियम से 42.195 किलोमीटर की फुल मैराथन, 21 किलोमीटर की किलोमीटर की हाफ मैराथन, 11.2 किलोमीटर की किलोमीटर का रन व 5 किलोमीटर का फन आफ रन होगा। लद्दाख मैराथन के विजेताओं को इस बार पचास लाख रूपये के इनाम दिए जा रहे हैं।