जम्मू में मरीजों को अब MRI के लिए नहीं करना होगा लंबा इंतजार, सरकार ने बनाई यह नई योजना
जम्मू के सरकारी मेडिकल कालेजों में एमआरआई की कमी से मरीजों को परेशानी हो रही है जीएमसी जम्मू में लंबा इंतजार करना पड़ता है। निजी सेंटर विकल्प हैं लेकिन महंगे हैं। जीएमसी कठुआ के लिए एमआरआई मंजूर होने से अन्य कालेजों को भी उम्मीद जगी है। वर्तमान में केवल जीएमसी जम्मू में यह सुविधा है लेकिन वहां भी एक मशीन खराब है।

रोहित जंडियाल, जागरण, जम्मू। वर्षों बाद भी जम्मू के सरकारी मेडिकल कालेजों व अस्पतालों में सिर्फ एक ही एमआरआइ होने से मरीजों को काफी परेशानी होनी पड़ती है। जीएमसी जम्मू में उन्हें टेस्ट के लिए कई बार कई सप्ताह तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
निजी डायाग्नोस्टिक सेंटर उनके लिए विकल्प बनते हैं। लेकिन अब जीएमसी कठुआ के लिए एमआरआइ मंजूर होने के बाद अन्य कालेजों को भी यह नैदानिक सुविधा शुरू होने की उम्मीद है।
जम्मू संभाग में इस समय पांच सरकारी मेडिकल कालेज हैं। लेकिन इनमें सिर्फ राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में ही एमआरआइ की सुविधा है। यहां पर हालांकि दो मशीनें हैं लेकिन एक मशीन अब खराब है। यह मशीन ढाई दशक पुरानी हो चुकी है। वहीं नए खुले जीएमसी राजौरी, कठुआ, उधमपुर और डोडा में कहीं पर भी यह सुविधा नहीं है।
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1.5 टेस्ला एमआरआइ मशीन की कीमत 17 से 18 करोड़ रुपये है।जबकि 3 टेस्ला एमआरआइ की कीमत बीस से 22 करोड़ रुपयों के बीच है। इस सुविधा को नए मेडिकल कालेजों में शुरू करने की लंबे समय से मांग चली आ रही है एमआरआइ का उपयोग हड्डडियों और जोड़ों की समस्याओं, रीढ़ की हड्डी की समस्याओं, हड्डियों में संक्रमण सहित कई प्रकार के रोगों के निदान के लिए किया जाता है।इसीलिए मरीजों को जीएमसी जम्मू में ही आना पड़ता है।
छह से दस हजार रुपये शुल्क
जीएमसी जम्मू में एमआरआइ टेस्ट करवाने के लिए मात्र ढाई हजार रुपये फीस है लेकिन यही टेस्ट निजी डायाग्नोस्टिक केंद्रों में करवाने पर छह से दस हजार रुपये तक देने पड़ते हैं। जम्मू में सरकारी मेडिकल कालेजों में एक ही एमआरआइ है लेकिन निजी सेंटरों में कम से कम पांच मशीनें हैं और अधिकांश मरीज निजी सेंटरों में ही टेस्ट करवाने के लिए जाते हैं।
जीएमसी में करना पड़ता इंतजार
जीएमसी जम्मू में टेस्ट करवाने के लिए कई बार आपको एक महीने तक का इंतजार भी करना पड़ता है। मरीज इतनी प्रतीक्षा नहीं करते। विशेषकर दूरदराज से आए मरीज तुरंत टेस्ट चाहते हैं ताकि वे अपनी जांच करवा वापस घरों को लौटें। वे निजी सेंटरों में मोटी फीस इेकर जांच करवाते हैं।
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जीएमसी जम्मू के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि इमरजेंसी पड़ने पर एक ही दिन में जांच कर दी जाती है लेकिन यहां पर मरीजों की इतनी भीड़ है कि यहां पर आपको इंतजार करना पड़ेगा। जब तक सभी मेडिकल कालेजों में सुविधा नहीं होगी तब तक ऐसा ही होगा।
जीएमसी कठुआ को मिली सुविधा
बीते वीरवार को जीएमसी कठुआ में 1.5 टेस्ला वाली एमआरआइ मशीन खरीदने के लिए 17,98,43461 रुपये मंजूर हुए हैं। जम्मू-कश्मीर मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन इसकी खरीद करेगी।कारपोरेशन ने कालेज के प्रिंसिपल को कहा गया है कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा प्रशासनिक विभाग ने मशीन खरीदने के लिए मशीन और उपकरण हेड के तहत एमआरआइ खरीदने के लिए फंड को मंजूरी दे दी है। अन्य कालेजों को भी अब उम्मीद हो गई है कि उन्हें भी सुविधा मिलेगी। जीएमसी राजौरी सीएसआर के तहत भी एमआरआइ मशीन लगाने का प्रयास कर रहा है।
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उमर ने दी की थी घोषणा
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस वर्ष सात मार्च को बजट पेश करते हुए कहा था कि तीन वषों के दौरान विभिन्न प्रकार के रोगों के निदान के लिए नैदानिक सेवाओं को मजबूत किया जाएगा। सभी मेडिकल कालेजों में एमआरआइ और पेट स्कैन के अलावा जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन सुविधा होगी। चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के लिए मशीनरी और उपकरणों के लिए निधि को दोगुना करके 400 करोड़ कर दिया था।कठुआ में एमआरआइ इसी घोषणा का हिस्सा है।
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