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    पीडीपी विधायक वाहिद परा पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा स्पीकर की कार्रवाई, जारी किया कारण बताओ नोटिस, जानें क्या है मामला

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 12:04 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर विधानसभा के स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने पीडीपी नेता वहीद उर रहमान परा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। परा पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर विधानसभा सचिवालय पर आप विधायक मेहराज मलिक की हिरासत का समर्थन करने का दावा किया था। स्पीकर राथर ने परा के आरोपों को गलत बताया और कहा कि उन्होंने जनता को गुमराह किया है।

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    परा को सात दिनों में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर विधानसभा के स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की युवा इकाई के प्रधान और पुलवामा के विधायक वहीद उर रहमान परा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

    परा को यह नोटिस इंटरनेट मीडिया उनके उस पोस्ट के लिए दिया गया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि विधानसभा सचिवालय ने आप विधायक मेहराज मलिक को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने यह पोस्ट गत सोमवार को अपने एक्स हैंडल पर किया था।

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    विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने अगले ही दिन मंगलवार स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि वहीद उर रहमान परा को नियमों का ज्ञान नहीं है, इसलिए वह यह आरोप लगा रहे हैं। विधानसभा स्पीकर या विधानसभा सचिवालय की मेहराज मलिक पर पीएसए लगाने मे कोई भूमिका नहीं है।

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    हमने विधानसभा के नियमों के मुताबिक, सभी सदस्यों को इस मामले के बारे में सूचित किया है। उन्होंने इस मुद्दे पर झूठ बोला है। उन्हें नियमों के तहत परिणाम भुगतने होंगे क्योंकि उन्होंने जानबूझकर जनता को गुमराह किया है।

    हम ऐसा नहीं होने दे सकते। इस पर परा ने कहा था विधानसभा के नियमों को हम सभी के साथ साझा किया जाना चाहिए था।

    विधानसभा सचिवालय के अनुसार, स्पीकर अब्दुल रहीम राथर की तरफ से विधायक वहीद उर रहमान परा काे यह नोटिस गत बुधवार को जारी किया गया है।

    इसमें उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने और यह बताने को कहा गया है कि उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन या अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।

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    पीडीपी विधायक को सात दिनों के भीतर व्यक्तिगत रूप से या लिखित रूप में अध्यक्ष के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया है।

    परा द्वारा सोमवार को अपने एक्स हैडल पर किया गया पोस्ट

    "शर्मनाक आत्मसमर्पण। विधानसभा सचिवालय द्वारा एक निर्वाचित विधायक के खिलाफ पीएसए का समर्थन लोकतंत्र पर सीधा हमला है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को कार्रवाई करनी चाहिए, विधायकों की संस्था, जनता की अंतिम संस्था, को चुप न होने दें। आज मेहराज हैं, कल आप भी हो सकते हैं।