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    जम्मू कश्मीर: भारी बारिश ने तबाह की 117 स्कूलों की इमारतें, दो हजार से अधिक को हुआ नुकसान

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 01:07 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण 117 सरकारी स्कूल पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं जिससे कक्षाएं चलाना मुश्किल हो गया है। शिक्षा निदेशक डॉ. नसीम जावेद चौधरी के अनुसार दो हजार से अधिक अन्य स्कूलों को भी नुकसान पहुंचा है और मरम्मत की आवश्यकता है। छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।

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    सुरक्षा ऑडिट और प्रमाणपत्र के बाद ही स्कूल खुलेंगे और साफ-सफाई का काम जारी है।फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू कश्मीर में हुई मुसलाधार बारिश ने 117 सरकारी स्कूलों की इमारतों को पूरी तरह से तबाह किया है। इन स्कूलों में अब कक्षाएं चलाना असंभव हैं और यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने पड़ेगी।

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    वहीं तबाह हुई इन इमारतों के अलावा दो हजार से अधिक ऐसे स्कूल भी हैं, जहां इमारतों को नुकसान पहुंचा है और उनको मरम्मत के बाद ही बच्चों के लिए पढ़ाया जा सकेगा।

    यह जानकारी शिक्षा निदेशक जम्मू डा. नसीम जावेद चौधरी ने दैनिक जागरण को दी। उन्होंने बताया कि अब तक हुए बारिश से नुकसान के आंकलन के दौरान यह संख्या सामने आई है।

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    इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए बंदोबस्त किए जा रहे हैं। जम्मू संभाग में अधिकतर प्राइवेट स्कूल बुधवार से कक्षाएं शुरू कर चुके हैं जबकि सरकारी स्कूलों में बच्चों का अभी इंतजार चल रहा है।

    इन स्कूलों में सुरक्षा आडिट व संबंधित विभाग से सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद ही कक्षाएं लेंगेगी।

    उधर सरकारी स्कूलों में कक्षाओ के शुरू होने को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि जिन स्कूलों को सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त हो चुका है। वहां भी शनिवार 13 सितंबर को कक्षाएं आरंभ हो सकती है। अन्य स्कूल सोमवार को पूरी तरह से खुल जाएंगे।

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    इस दौरान जिन स्कूलों में कक्षाएं नहीं लगाई जा सकेगी, उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी कर ली जाएगी। इस समय स्कूलों में साफ सफाई का काम जोराें पर हैं। जिन स्कूलों में पानी व गंदगी जमा हुई है, उन्हें साफ करवाया जा रहा है और वहां स्टाफ भी इस काम में जुटा है।

    शिक्षक भी जल्द से जल्द बच्चों का स्कूल में पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे अपना सिलेबस पूरा करवा सकें।