जम्मू-कश्मीर में 765 स्कूलों पर चलेगा बुलडोजर, शिक्षा विभाग ने क्यों लिया ये फैसला?
जम्मू-कश्मीर में जर्जर स्कूल भवनों को शिक्षा विभाग अब खुद गिराएगा। शिक्षा मंत्रालय ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। बारिश से क्षतिग्रस्त स्कूलों की पहचान की जाएगी और उनकी जगह नई इमारतें मैदान या पार्क बनाए जाएंगे। दैनिक जागरण के अभियान के बाद शिक्षा निदेशालय जम्मू ने सुरक्षा ऑडिट शुरू किया था।

सुरेंद्र सिंह, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में खस्ताहाल हो चुके स्कूल भवनों के गिरने का इंतजार करने की बजाए अब शिक्षा विभाग खुद ही गिराएगा। विभाग स्कूलों की निशानदेही करने जा रहा है जो मौजूदा बारिश के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।
नई इमारत का निर्माण के अलावा उस खाली जगह पर मैदान या पार्क आदि बनाएगा। शिक्षा विभाग को शिक्षा मंत्रालय की ओर से इस संदर्भ में पत्र मिला है, जिसमें बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह बड़ा कदम उठाने के लिए कहा गया है।
दैनिक जागरण ने भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर गत माह बड़े पैमाने पर अभियान चलाया था, जिसके बाद शिक्षा निदेशालय जम्मू ने भी स्कूलों की इमारतों को लेकर सुरक्षा ऑडिट शुरू कर दिया था। इस ऑडिट के बीच प्रदेश में मूसलाधार बारिश व भूस्खलन शुरू हो गया।
स्कूलों की इमारतों को खासा नुकसान पहुंचा है और यही कारण है कि अब लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद भी प्रदेश में सरकारी स्कूल बच्चों के लिए खुल नहीं पाए हैं।
शिक्षा मंत्रालय के लिखे पत्र में कहा है कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। स्कूलों की इमारत को सुरक्षित रखना बच्चों की सुरक्षा का संवैधानिक अधिकार है।
मंत्रालय ने खस्ताहाल स्कूलों काे चिन्हित करने, मरम्मत या उन्हें गिराने का फैसला लेने, गिराई गई इमारत में पढ़ने वाले बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में कुछ अधिकारियों के अनुसार अधिकांश सरकारी स्कूलों के ढांचों की हालत ठीक नहीं हुए। इस बारे में विभाग के आला आला अधिकारी भी समझते हैं, लेकिन फंड के अभाव में जर्जर भवनों को अपनी हालत में ही छोड़ देते।
जम्मू-कश्मीर में 765 असुरक्षित स्कूल हैं चिन्हित
जम्मू कश्मीर में अब तक 765 स्कूलों की इमारतें असुरक्षित चिन्हित हाे चुकी हैं। इन स्कूलों में अधिकतर असुरक्षित इमारतों में कक्षाएं नहीं चल रही हैं जबकि बच्चों को दूसरी जगह बिठाकर पढ़ाया जा रहा है।हालांकि परिसर में असुरक्षित इमारतों के होने से वहां बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी हर समय शिक्षकों व अभिभावकों के लिए चिंता बनी रहती है।
इन इमारतों को गिराने की मांग अभिभावक भी करते आ रहे हैं और दैनिक जागरण ने भी इस चिंता को लेकर एक व्यापक अभियान चलाया था, जिसने शिक्षा विभाग का इस ओर ध्यान केंद्रित किया था।अब बारिश के चलते असुरक्षित इमारतों का बढ़ गया है और उसका ब्यौरा एकत्रित करने के निर्देश भी शिक्षा निदेशक जम्मू ने सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को दिए हैं।
शिक्षा निदेशक जम्मू डॉ. नसीम जावेद चौधरी का कहना है कि शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। सभी जिलों से स्कूलों की सुरक्षा ऑडिट की रिपोर्ट मंगवाई जा रही है।
जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे स्कूलों की निगरानी
स्कूलों की सुरक्षा की जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी निगरानी करेंगे। वह इमारतों का सुरक्षा आडिट करेंगे और इमारतों का संबंधित विभाग से सुरक्षा आडिट करवा उसका प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगे और उस रिपोर्ट पर कार्रवाई करेंगे।
मौजूदा समय शिक्षा निदेशालय जम्मू के निर्देश पर जम्मू संभाग में स्कूलों की इमारतों की स्थिति की जायजा लेने के लिए टीमें लगातार वहां निरीक्षण कर रही हैं।बारिश में स्कूलों की इमारतों को काफी नुकसान हुआ है और यही कारण है कि अभी तक जम्मू संभाग में सरकारी स्कूल खुल नहीं पाए हैं।
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