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Siachin Day: दुनिया के सबसे दुर्गम युद्ध स्थल पर पराक्रम-शौर्य की वीरगाथा लिख रही सेना

सियाचिन में दुर्गम हालात से लड़कर सरहदों की सुरक्षा करने में भारतीय सेना के साथ भारतीय वायु सेना भी कुर्बानियां दे रही है। सियाचिन में साजोसामान पहुंचाने में वायु सेना चुनौतीपूर्ण हालात में काम कर रही है। ऐसे में कई हवाई यौद्धाओं ने भी सियाचिन में शहादत दी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 12:35 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 12:35 PM (IST)
देश की सरहदों की रक्षा की बात हो तो भारतीय सेना असंभव को भी संभव कर सकती है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। पश्चिमी लद्​दाख में विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध स्थल सियाचिन में भारतीय सेना के जवान 37 सालों से पराक्रम व शौर्य की वीरगाथा लिख रहे हैं। तेरह अप्रैल 1984 को सियाचिन कब्जाने के पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन अबाबील को नाकाम बनाने वाली भारतीय सेना आज भी उसी जोश के साथ दुश्मन के सामने सीना ताने खड़ी है।

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मंगलवार को 37वें सियाचिन दिवस पर सियाचिन में दुर्गम हालात में देश सेवा कर रहे जवानों में बुलंद हौसले के साथ देश की सरहदों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मुहिम को जारी रखने का प्रण लिया। सियाचिन दिवस पर सेना की उत्तरी कमान के साथ लद्​दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना की 14 कोर ने भी उन शहीदों को याद किया जिन्होंने सियाचिन में देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की कुर्बानी दी है।

आज से 37 साल पहले भारतीय सेना ने सियाचिन ग्लेशियर की अहम चोटियों व दर्रों पर कब्जा कर पाकिस्तान के ऑपरेशन अबाबील को नाकाम बनाया था। जब तक पाकिस्तानी सैनिक वहां पहुंचते, तब तक भारतीय सैनिकों ने सियाचिन में सिया ला, बिलापोंड ला और ग्योंग लॉ चोटियों पर कब्जा कर अपनी सरहद महफूज कर ली थी। आज इस दुर्गम सियाचिन में सेना के जवान डेरा डालकर दुश्मन के हौसले परास्त करने के साथ पूरे विश्व को यह संदेश दे रहे हैं कि देश की सरहदों की रक्षा की बात हो तो भारतीय सेना असंभव को भी संभव कर सकती है।

सियाचिन में दुर्गम हालात से लड़कर सरहदों की सुरक्षा करने में भारतीय सेना के साथ भारतीय वायु सेना भी कुर्बानियां दे रही है। सियाचिन में साजोसामान पहुंचाने में वायु सेना चुनौतीपूर्ण हालात में काम कर रही है। ऐसे में कई हवाई यौद्धाओं ने भी सियाचिन में शहादत दी है। सियाचिन दिवस पर भारतीय वायु सेना ने 11 अप्रैल 2007 में सियाचिन में सामान पहुंचाते समय हैलीकाप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से शहीद हुए हवाई यौद्ध स्कवार्डनलीडर शांतनु वसु व फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमित शर्मा को श्रद्धांजलि दी। वे लेह में तैनात 114 हैलीकाप्टर यूनिट के हवाई यौद्धा थे।


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