कांग्रेस ही बना सकती है जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए केंद्र पर दबाव, प्रदेश प्रधान करा ने बताई वजह
जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे पर कांग्रेस का रुख बदला है अब राज्य का दर्जा बहाल करना ही मुख्य लक्ष्य है। तारिक हमीद करा ने कहा कि कांग्रेस के बिना केंद्र सरकार पर दबाव बनाना मुश्किल है। कांग्रेस संसदीय बोर्ड ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है।

राज्य ब्यूरो,जागरण, जम्मू। कांग्रेस के लिए जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा या अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली अब कोई मायना नहीं रखती। कांग्रेस का अब मूल एजेंडा सिर्फ जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाली ही है। इसे गुरूवार को एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख तारिक हमीद करा ने दोहराया है।
उन्होंने कहा कि बिना कांग्रेस के सहयोग, बिना कांग्रेस के प्रयासों के जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए केंद्र सरकार पर कोई दबाव नहीं बना सकता। संसद में देखा जाए तो कांग्रेस व उसके सहयोगियों की संख्या 233 है। जम्मू कश्मीर में दोहरी शासन व्यवस्था लोकतंत्र के लिए ही नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर के लिए भी अत्यंत खतरनाक है।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत में करा ने कहा कि हम प्रदेश कांग्रेस और जम्मू कश्मीर की जनता की तरफ से अपने नेता मल्लिकार्जुन खरगे, कांंग्रेस संसदीय बोर्ड की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का आभार जताते हैं कि उन्होंने जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
जम्मू कश्मीर के लोगों के जज्बात को समझा, जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जो अभियान हमारी रियासत- हमारा हक चलाया है, उसे समझा और यह पत्र लिखा है। उन्होंने हमारे अभियान को उसके लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद की है। यह एक एतिहासिक पत्र है जो ऐतिहासिक समय पर लिखा गया है।
उन्होंने कहा कि 15 जुलाई को सोनिया गांधी के नेतृत्व में दिल्ली में एक बैठक में तय किया गया था कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के नाम पर वादे और जुमले हो चुके हैं, इसलिए कांग्रेस अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ मिकर प्रधानमंत्री के समक्ष यह बात रखी जाए कि इसमें और ज्यादा देरी नहीं होनी चाहिए। इसलिए यह पत्र लिखा गया है।
करा ने कहा कि कांग्रेस संसद में इस मामले को पूरे जोर शोर से उठाएगी,क्योंकि जम्मू कश्मीर में दोहरी शासन व्यवस्था किसी के भी हित में नहीं है। उन्होंने 14 जुलाई को मुख्मयंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ कथित दुव्र्यवहार का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक और शर्मनाक है। चयनित लोग-निर्वाचित प्रतिनिधियों को बेइज्जत करें। यह दोहरी शासन व्यवस्था का ही परिणाम है। इसलिए जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्द मिलना चाहिए।
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तारिक हमीद करा ने कहा कि कोई कुछ भी कहे,हमें उससे गर्ज नहीं है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ही जम्मू कश्मीर में हर जगह हमारी रियासत-हमारा हक अभियान चलाकर स्टेटहुड की बहाली की मांग को सही तरीक से उठाया है।
उन्होंने अनुच्छेद 370 और विशेष दर्जे की बहाली से संबधित सवाल का जवाब देते हुए कहा सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण को वैध करार दिया है और उसके बाद जो वैध है वह जममू कश्मीर का राज्य का दर्जा है। इसलिए हमने सर्वाेच्च न्यायालय के फैसले को मानते हुए राज्य के दर्जे की मांग पर ही जोर दिया है। उन्होंने कहा कि अपनी इस मांग को और मजबूती देने के लिए हम 19 जुलाई को श्रीनगर में और 20 जुलाई को जम्मू में प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर कोई यह मानता है कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा आसानी से बहाल कर देगी तो गलत समझता है। जम्मू कश्मीर को कांग्रेस का दर्जा दिलाने के लिए केंद्र सरकार पर बिना कांग्रेस के कोई दबाव नही बना सकता। संसद में कांग्रेस और उसके सहयेागियों की संख्याा 230 से ज्यादा है और जब वह वहां बात उठाएंगे तो सुनी जाएगी।
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