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    26 निडर महिला बाइकर्स जम्मू से करेंगी रेजांग ला तक का सफर, बोलीं-2000 किलोमीटर की शक्ति यात्रा ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 02:53 PM (IST)

    शक्ति उद्धोष फाउंडेशन के तत्वावधान में 26 महिला बाइकर्स का एक दल 19 जुलाई को बलिदान स्तंभ जम्मू से रेजांग ला के लिए रवाना होगा। यह शक्ति यात्रा ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित है। डॉ. प्रीति चौधरी के नेतृत्व में देश भर की महिला बाइकर्स 2000 किमी के कठिन अभियान के लिए तैयार हैं।

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    यह अभियान मातृभूमि, बलिदानियों और भारत की बेटियों के सम्मान का प्रतीक है।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। शक्ति उद्धोष फाउंडेशन संस्था के बैनर तले 26 निडर महिला बाइकर्स का दल 19 जुलाई की सुबह बलिदान स्तम्भ से रेजांग ला के लिए रवाना होगा। शक्ति यात्रा इस बार आपरेशन सिंदूर को समर्पित है।

    देशभर से महिला बाइकर्स जम्मू से रेजांग ला तक 2000 किलोमीटर के कठिन अभियान के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह अभियान भारत की आत्मा, देश के बलिदानियों और भारत की बेटियों का एक जबरदस्त उद्घोष है।

    इस साहसिक अभियान का नेतृत्व डा प्रीति चौधरी कर रही हैं, जाे स्वयं एक पेशेवर बाइकर हैं। शक्ति उद्धोष फाउंडेशन की संस्थापक डा प्रीति चौधरी द्वारा इस साहसिक एवं ऐतिहासिक अभियान के लिए जर्सी अनावरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें एसपी सिटी विवेक शेखर और बाइकर ब्रदरहुड मोटर साकिइल क्लब के संस्थापक जुगराज सिंह रियान भी मौजूद थे।

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    डॉ प्रीति चौधरी ने बताया कि गत वर्ष कारगिल विजय दिवस के रजत जयंती समारोह के मद्देनजर आपरेशन विजय में भाग लेने वाले सैनिकों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करने के लिए गत 18 जुलाई 2024 को जम्मू से सियाचिन के लिए बाइक रैली का आयोजन किया गया था। इसमें देशभर से 12 निडर महिलाओं ने भाग लिया था। इस बार महिला बाइकर्स की संख्या 12 से बढ़कर 24 तक पहुंच गई है।

    उन्होंने बताया कि शक्ति यात्रा आपरेशन सिंदूर को समर्पित है और यह यह जम्मू से रेजांग ला तक गूंजती भारतीय नारी की दहाड़ है। यह सिर्फ पहियों पर चलने वाली यात्रा नहीं है बल्कि यह भारत के हृदय तक पहुंचने की एक यात्रा है।

    हर किलोमीटर एक श्रद्धांजलि है, हर इंजन की गति एक सलामी है, और हर सवार भारत की नारी शक्ति का प्रतीक है। यह सिर्फ बाइक और सीमाओं के बारे में नहीं है—यह देशभक्ति की भावना जगाने, नारी शक्ति का जश्न मनाने और हमारे बलिदानियों की विरासत को आगे बढ़ाने के बारे में है। तिरंगा ऊँचे लहराते और इंजन गर्व से दहाड़ते हुए हम 26 महिलाएं इतिहास रचने के लिए तैयार हैं।

    डॉ प्रीति चौधरी ने बताया कि 18 जुलाई को जम्मू के बलिदान स्तम्भ से टाइगर डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल मुकेश भानवाला दल को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे जबकि दल 19 जुलाई की सुबह रेजांग ला के लिए रवाना होगा। वर्ष 2016 से शक्ति उद्घोष स्मृति और गौरव की इस मशाल को आगे बढ़ा रही हैं।

    महिला बाइकर्स दुर्गम रास्तों, ऊंचे दर्रों से गुजरते हुए लाखों लोगों को प्रेरित करेंगी कि राष्ट्र के लिए राइडिंग का असली मतलब क्या होता है। दिल्ली के लेट्स राइड, इंदौर के बाइकरनी ग्रुप जैसे राइडिंग क्लब और कई राज्यों के स्वतंत्र राइडर्स एक झंडे तले भाग लेंगी।

    रेजांग ला के बारे में कुछ रोचक तथ्य 

    रेजांग ला लद्दाख के चुशूल घाटी के दक्षिणपूर्व में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है। 18 नवंबर 1962 के भारत-चीन युद्ध में एक महत्वपूर्ण लड़ाई का स्थल था जहां भारतीय सेना की 13वीं कुमाऊं रेजीमेंट की चार्ली कंपनी के 120 वीर सैनिकों ने 3000 से अधिक चीनी सेना का मुकाबला किया था और रेजांग ला को बचाया था। इसकी ऊंचाई 16000 फीट है। इस लड़ाई में भारतीय सैनिकों ने असाधारण वीरता दिखाई और चीनी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया था। मेजर शैतान सिंह ने इस लड़ाई का नेतृत्व किया था। उन्हें बहादुरी के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। इस लड़ाई में 114 भारतीय सैनिक बलिदान हुए थे।