जिला जम्मू के मोहित का कारनामा, बाइक के इंजन से बना डाला मिनी ट्रैक्टर, 10वीं में पढ़ने वाले बच्चे की लोग कर रहे सराहना
बिश्नाह के हरसा दबड़ गांव के मोहित कुमार ने अपनी प्रतिभा से कबाड़ बाइक के इंजन से मिनी ट्रैक्टर बनाया है। 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले 16 वर्षीय मोहित ने बताया कि उसे बचपन से ही टूटे खिलौने जोड़ने का शौक था। यह मिनी ट्रैक्टर 70 किलोमीटर प्रति घंटे की एवरेज देता है।

संवाद सहयोगी, जागरण, बिश्नाह। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है। यह साबित किया है बिश्नाह के ग्रामीण क्षेत्र हरसा दबड़ के किशोर मोहित कुमार पुत्र सोहन लाल ने।
10 में पढ़ने वाले किशोर ने कबाड़ बनी बाइक के इंजन से मिनी ट्रैक्टर बनाया है, जो 70 किलोमीटर प्रति घंटे की एवरेज दे रहा है। उसकी प्रतिभा ग्रामीण काफी सराह रहे हैं और हौसला भी बढ़ा रहे हैं।
16 वर्षीय मोहित कुमार ने बताया कि एक कबाड़ चकी बाइक से इंजन निकल कर मिनी ट्रैक्टर तैयार किया है। बताया कि बचपन से ही टूटे खिलौने जोड़ने का शौका था।
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मोहित के अनुसार 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अब सिर्फ ट्रैक्टर की बाड़ी तैयार कर रहा हूं। इसे भी 20 दिन में तैयार करने के बाद रंग रोगन कर फाइनल रूप दिया जाएगा।
पिता बोले, बेटे पर है गर्व
पिता मोहन लाल ने बताया के बच्चे का लगाव इस तरफ है, जिस कारण उसे छूट दी है। अब सरकारी की ओर से उसका मनोबल बढ़ेगा। हमें बेटे पर गर्व है।
पक्का मकान गिराने के मामले में डीसी कठुआ से जवाब तलब
जेएनएफ, जम्मू : जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने कठुआ जिले के डीसी राकेश मन्हास को नोटिस जारी कर 24 जुलाई को गांव चक ध्रब खान में एक पक्के आवासीय मकान को गिराए जाने के मामले में जवाब मांगा है।
मकान मालिक परमजीत कुमार ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना या उचित प्रक्रिया के घर को ध्वस्त किया है। याचिका पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति राहुल भारती ने डीसी जम्मू को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से जवाब देने का निर्देश दिया है। यह जवाब न्यायालय ने सीधे डीसी से मांगा है और इसे किसी सरकार के वकील के माध्यम से न दायर करने के लिए कहा है।
न्यायालय ने एसएसपी कठुआ को भी एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है, जिसमें स्पष्ट किया जाए कि विध्वंस के दौरान पुलिस बल को किस आवश्यकता के तहत तैनात किया गया था। इसके अलावा एसएचओ कठुआ को निर्देश दिया है कि जब तक आगे के आदेश नहीं आते, तब तक स्थल से कोई मलबा नहीं हटाया जाए। डिप्टी कमिश्नर को सुनवाई की अगली तारीख पर जवाब दाखिल करना होगा और अदालत को यह भी बताना होगा कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन क्यों किया।
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