भारतीय सैनिकों ने लद्दाख मैराथन में दिखाया अपना जोश और जज्बा: उच्चतम इलाकों में जीते कई पदक, बनाया नया रिकॉर्ड
लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर गलवान और कारगिल की ऊंची चोटियों पर भारतीय सैनिकों की हाई एल्टीट्यूड माउंटेन वारफेयर की तैयारी खेल के मैदानों में काम आ रही है। लद्दाख मैराथन में सैनिकों ने वर्चस्व बनाकर यह साबित कर दिया है कि बर्फीले तूफानों और मौसम की चुनौतियों का सामना करने की उनकी तैयारी उन्हें हर लक्ष्य हासिल करने में सक्षम बनाती है।

विवेक सिंह, जागरण, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर, गलवन व कारगिल की उंची चोटियाें पर भारतीय सैनिकों की हाई अल्टीचयूड माउंटेन वारफेयर की तैयारी खेल मैदानों में काम आ रही है। सैनिकों की बर्फीले तूफानों से लड़ने की ताकत उन्हें दुर्गम इलाकों में मैराथन, साहसिक खेल जीतने के काबिल बनाती है।
लद्दाख में गत दिनों संपन्न हुई लद्दाख मैराथन पर अपना वर्चस्व बनाकर भारतीय सैनिकों ने देशवासियों को संदेश दिया है कि ग्लेशियर की बर्फीले तूफानों, मौसम की चुनौतियां का सामना करने की तैयारियों ने उन्हें हर लक्ष्य हासिल करने में सक्षम बनाया हो। चाहे उच्चतम इलाकों में देश के दुश्मनों के मंसूबे नकारने हों या फिर कठिनतम हालात में मैराथन जीतने हो, भारतीय सैनिक सबसे आगे हैं।
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लद्दाख मैराथन में सैनिकों का वर्चस्व
लद्दाख के उच्चतम इलाकों में देशसेवा करने में सबसे आगे रहने वाले सेना की लद्दाख स्काउट्स के सैनिकों ने इस बार भी लद्दाख मैराथन में कामयाबी हासिल कर अपने बेहतरीन फिटनेस स्तर का प्रदर्शन किया है। लेह में लेह में 17,618 फीट की ऊंचाई पर खारदूंग ला में 122 किलोमीटर की सिल्क रूट अल्ट्रा चैलेंज के पहले तीन स्थान भारतीय सैनिकों ने जीते हैं। वहीं लद्दाख मैराथन की पांच श्रेणियों के पुरुष वर्ग के पंद्रह पदकों में से सैनिकों ने 9 पदक जीते। मैराथन की चार श्रेणियों में सेना के जवान चैपिंयन बने।
सैनिकों की फिटनेस और धैर्य का प्रदर्शन
लद्दाख के कठिन जलवायु व उंचाई को मात देते हुए सेना के सिवांग कुंदन ने 22 किलोमीटर की सिल्क रूट अल्ट्रा चैलेंज जीता। वहीं दूसरा व तीसरा स्थान सेना के राइफलमैन फुंचुक नामग्याल व अग्निवीर स्मारमा फुरबू ने जीता। वहीं 72 किलोमीटर के खारदूंग ला चैलेंज को नायक शब्बीर हुसैन ने जीता। नायक सीरिंग नुरबू को इस दौड़ में दूसरा स्थान मिला।
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लेह में 42 किलोमीटर की मैराथन में सेना के राइफलमैन खादिम हुसैन उपविजेता रहे। लद्दाख मैराथन में 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन में पहला स्थान सेना के राइफलमैन सीतन नामग्याल ने जीता, राइफलमैन सिवांग नांगदन दूसरे स्थान पर रहे। वहीं 11.2 किलोमीटर की दौड़ राइफलमैन सोनम लोटस ने जीती।
सैनिकों की साहसिक खेलों में उपलब्धियां
लद्दाख में तैनात सेना के जवान साहसिक खेलों में आगे रहते हैं। लद्दाख में सेना की फारेवर इन आपरेशन डिवीजन के सैपर ओकांर बालासाहेब महास्के ने भोपाल में इस वर्ष मार्च महीने में हुई 42वीं सीनियर नेशनल रोइंग प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल हासिल किया था।
वहीं गत माह सेना के हवलदार स्टीवन शिमार ने 14वीं दक्षिण डेयर मोटरसाइकिल रैली में दूसरा स्थान हासिल किया। इसके साथ विश्व में होने वाली अाईस हाकी प्रतियोगिताओं के साथ लद्दाख स्काउट़्स के सैनिक लंबी दौड प्रतियोगिताओं में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
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लद्दाख मैराथन सैनिकों की मानसिक दृढ़ता का प्रतीक
लद्दाख के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल पीएस सिद्धू का कहना है कि क्षेत्र में तैनात सैनिक खेल के मैदान में अपनी फिटनेस व धैर्य का प्रदर्शन करते हैं। उनका कहना है कि लद्दाख मैराथन जैसी मुश्किलें दौड़े, शारीरिक परीक्षा ही नहीं हैं, ये लद्दाख के चुनौतीपूर्ण हालात में सीमाओं पर दुश्मन के सामने माेर्चा ले रहे सैनिकों की मानसिक दृढ़ता की भी प्रतीक है।
लद्दाख में सैनिक उच्चतम इलाकों में बेहतर शारीरिक प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षित हैं। लद्दाख जैसे प्रदेश के दुर्गम हालात में देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए उनकी तैयारी खेल के मैदान में नजर आती है।
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