कश्मीर फूड चेन का भंडाफोड़: 2500 कबाब, 150 किलो गोश्ताबा, 1000 किलो असुरक्षित मीट जब्त
श्रीनगर में खराब मीट मिलने की घटनाओं के बाद होटल रेस्तरां और ढाबों में मांसाहारी भोजन की जांच की जा रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने 150 किलो गोश्ताबा 2500 कबाब और 1000 किलो अनुपयुक्त मीट जब्त किया। अधिकारियों ने बताया कि जब्त किए गए कबाब जमे हुए मीट से बनाए गए थे और उनमें हानिकारक कैमिकल युक्त रंग इस्तेमाल किया गया था।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। कश्मीर में काफी तादाद में खराब मीट मिलने की घटना के बाद होटल, रेस्तरां व ढाबों में बेचे जाने वाला मांसाहारी भोजन जांच घेरे में है। पिछले एक हफ्ते में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने ज्यादा से ज्यादा श्रेणियों को असुरक्षित घोषित करके फेंक दिया।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने घाटी के कई फूड चेन की औचक जांच कर वहां से 150 किलो गोश्ताबा और 2500 कबाब के अलावा 1000 किलो अनुपयुक्त मीट जब्त किया। जम्मू-कश्मीर के बाहर से लाए गए मीट पर तेज कार्रवाई से खाद्य व्यवसाय संचालकों (FBO) में खलबली मच गई है। इसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर मीट और मीट उत्पादों की अवैध डंपिंग हुई है।
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खाद्य सुरक्षा, औषधि एवं खाद्य नियंत्रण संगठन की आयुक्त स्मिता सेठी ने कहा कि गुरुवार को काकापोरा, पुलवामा और खांडे कॉलोनी, श्रीनगर में लगभग 1000 किलो मीट डंप पाया गया।
उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में रेफरल प्रयोगशाला में मीट भंडारण सुविधाओं के साथ-साथ आपूर्तिकर्ताओं और वितरकों पर चल रही कार्रवाई के कारण कई दोषी एफबीओ ने खराब स्थिति वाले मीट का अवैध निपटान किया है। ये खराब मीट कश्मीर के विभिन्न खाद्य दुकानों को आपूर्ति किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह मीट न केवल अनुचित तरीके से संग्रहीत किया गया था बल्कि जांच टीमों ने इस अभियान बे दौरान खतरनाक तरीके से बनाए जाने वाले कई व्यंजनों का भी पर्दाफाश किया।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर के सफा कदल और परिमपोरा इलाके से 2500 कबाब बरामद किए गए। ये कबाब जमे हुए मीट से बनाए गए थे और इनमें कैमिकल युक्त रंग इस्तेमाल किया गया था। यही नहीं इनमें कारमिसिन, टार्ट्राज़िन और एरिथ्रोसिन जैसे कैमिकल भी इस्तेमाल किए गए थे जो मनुष्यों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनने के लिए जाने जाते हैं।
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सेठी ने बताया कि कई छापों के दौरान लगभग 150 किलोग्राम गोश्ताबा भी जब्त किया गया। डीएंडएफसीओ की खाद्य शाखा की टीमें कश्मीर में खराब मीट और मीट उत्पादों की फूड चेन के साथ-साथ बाजार में बिक रहे मीट उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के लिए एक सघन अभियान चला रही है।
इस सप्ताह की शुरुआत में गाजियाबाद स्थित एक रेफरल लैब ने कश्मीर के बाजारों से उठाए गए कई स्नैक्स की जांच के बाद पाया कि उनमें असुरक्षित और खतरनाक रंगों का इस्तेमाल किया गया था।
विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि खाने में अस्वीकृत रंग एक अदृश्य, मौन खतरा पैदा करते हैं और कश्मीर में कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को चटख रंगों वाले खाद्य पदार्थों के प्रति अपने जुनून पर काम करना चाहिए। ऐसा खाना खाएं जिसमें प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया हो।
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