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    जम्मू का एम्स बना देश का पहला सरकारी अस्पताल, देश भर के मरीजों को किफायती दरों पर दे रहा जीनोमिक परीक्षण सेवाएं

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 07:00 PM (IST)

    एम्स जम्मू देश का पहला सरकारी अस्पताल है जो किफायती दरों पर जीनोमिक परीक्षण सेवाएं दे रहा है। 4बेसकेयर सेंटर फॉर एडवांस्ड जीनोमिक्स एंड प्रिसिजन मेडिसिन में यह परीक्षण हो रहा है। केंद्र ने कई कैंसर रोगियों को जीनोमिक रिपोर्ट दी हैं। डॉ. शक्ति गुप्ता ने कहा कि वे लागत को कम करके रोगियों को लाभान्वित कर रहे हैं।

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    एम्स विजयपुर का यह केंद्र दुर्लभ रोगों के निदान में भी मदद करेगा।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जम्मू देश का पहला सरकारी अस्पताल बना जो देश भर के मरीजों को किफायती दरों पर अत्याधुनिक जीनोमिक परीक्षण सेवाएं प्रदान कर रहा है।यह परीक्षण एम्स के 4बेसकेयर सेंटर फार एडवांस्ड जीनोमिक्स एंड प्रिसिजन मेडिसिन में हो रहा है।

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    यह पहल इस साल की शुरुआत में शुरू की गई थी। केवल कुछ महीनों की अवधि में केंद्र ने 15 से अधिक कैंसर प्रकारों फेफड़े, स्तन, डिम्बग्रंथि और पेट के कैंसर के कैंसर रोगियों की 125 जीनोमिक रिपोर्ट सफलतापूर्वक प्रदान की हैं।

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    केंद्र को विभिन्न राज्यों से कर्नाटक के अपोलो अस्पताल, दिल्ली और भुवनेश्वर के एम्स, दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल और जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल सहित सार्वजनिक और निजी अस्पतालों से मामले प्राप्त हुए।

    एम्स जम्मू के कार्यकारी निदेशक और सीईओ डा. शक्ति गुप्ता ने बताया कि केंद्र की सेवाओं का विस्तार आन्कोलॉजी के अलावा अन्य जटिल बीमारियों तक करने की योजना पर काम चल रहा है जिससे व्यक्तिगत चिकित्सा और निवारक स्वास्थ्य सेवा में इसकी भूमिका और बढ़ेगी।

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    उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से कैंसर के लिए उन्नत जीनोमिक परीक्षण विदेश भेजे जाते थे जिनकी लागत 3 से 5 लाख रुपये के बीच होती थीए जबकि घरेलू प्रदाता 1.5 से 2.5 लाख रुपये लेते थे। हमारे केंद्र ने इन लागतों को लगभग एक चौथाई तक कम कर दिया है जिससे कई और मरीजों के लिए लाभ के द्वार खुल गए हैं।

    केंद्र दुर्लभ और वंशानुगत रोगों के लिए जीनोमिक्स आधारित विभेदक निदान प्रदान करने की योजना बना रहा है और खुद को भारत और पड़ोसी देशों के लिए एक संदर्भ केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है।

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    कैंसर के उपचार को व्यक्तिगत बनाने वाली वही उन्नत तकनीक दुर्लभ आनुवंशिक विकारों के निदान और परिवार स्वास्थ्य नियोजन में मार्गदर्शन में भी मदद करेगी।