लेह शहर में तीन दिन बाद दी कर्फ्यू में 4 घंटे की ढील; स्थिति शांतिपूर्ण, दुकानों-एटीएम के बाहर दिखी लंबी कतारें
लद्दाख के लेह शहर में कर्फ्यू में शनिवार को ढील दी गई। आवश्यक वस्तुओं की दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी गई। यह ढील उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता द्वारा सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद दी गई। पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने गश्त की। लेह एपेक्स बॉडी की मांगों के बाद हिंसा हुई थी जिसके बाद कर्फ्यू लगाया गया था।

डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। लद्दाख के हिंसा प्रभावित लेह शहर में तीन दिन पहले कर्फ्यू लगाए जाने के बाद पहली बार शनिवार दोपहर बाद चरणबद्ध तरीके से कुछ घंटों के लिए प्रतिबंधों में ढील दी गई। बाजार खुलते ही आवश्यक वस्तुओं की दुकानों के बाहर लोगों की कतारें देखने को मिली। लोगों ने राशन, दूध आदि की खरीददारी की।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले दिन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आज सुबह से ही गश्त और जांच तेज कर दी थी।
दिन भर शहर में शांति कायम रहने के बाद ही प्रशासन ने दोपहर बाद कर्फ्यू में ढील देने का निर्णय लिया ताकि घरों में बंद लोग आवश्यक सामग्री की खरीददारी कर सकें। फिलहाल कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
लद्दाख के पुलिस महानिदेशक एसडी सिंह जम्वाल ने कहा कि कर्फ्यू में कुल चार घंटे की ढील दी गई है। पहले चरण में पुराने शहर के इलाकों में दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक दो घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है जबकि उसके बाद नए इलाकों में दोपहर 3.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक दो घंटे की ढील दी जाएगी।
राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची को जारी करने की मांग
लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची को लद्दाख तक बढ़ाने की मांगों पर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए बुलाए गए बंद के दौरान व्यापक हिंसा में चार लोगों की मौत और 90 अन्य के घायल होने के बाद बुधवार शाम को शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
उपराज्यपाल कविन्द्र गुप्ता ने की सुरक्षा की समीक्षा
उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने राजभवन में एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसके बाद प्रतिबंधों में ढील दी गई। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस दलों ने शनिवार को जन-संबोधन प्रणाली का उपयोग करते हुए कर्फ्यू में ढील की घोषणा की और इसके तुरंत बाद, आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुल गईं, जहां भारी भीड़ देखी गई। लोगाें ने बताया कि अचानक से हालात बिगड़ जाने की वजह से घर में राशन की कमी हो गई थी। अब कुछ राहत मिली है।
एटीएम के बाहर भी दिखी कतारें
कर्फ्यू में ढील के दौरान शहर के एटीएम बूथ के बाहर भी लोगों की भीड़ रही। पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की निगरानी में लोगों ने एटीएम से जरूरत अनुसार रुपये निकाल। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुराने शहर के इलाकों में ढील के समय हर तरफ शांतिपूर्ण माहौल देखने को मिला।
अंतिम संस्कार के लिए हर व्यवस्था की गई
बुधवार की हिंसा में जान गंवाने वाले चार लोगों के अंतिम संस्कार में लोगों की भागीदारी पर डीजीपी जम्वाल ने कहा कि उनकी अंतिम यात्रा में उनके रिश्तेदारों की मदद के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। हम नहीं चाहते कि अंतिम संस्कार के दौरान किसी को किसी भी प्रकार की असुविधा हो। पुलिस का काम कानून-व्यवस्था बनाए रखना है और हम अपना काम कर रहे हैं।
वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद नहीं घटी कोई घटना
एक अधिकारी बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान लद्दाख में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लागू हैं। संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा गश्त और जांच लगातार की जा रही है। साथ ही फरार दंगाइयों को पकड़ने के लिए छापेमारी भी जारी है। पार्षद की भी तलाश की जा रही है जिसने कथित तौर पर हिंसा भड़काई थी। अभी तक 50 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।
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