जाम से बेहाल जम्मू, शोपीस बनकर रह गए 64 चौराहों पर लगे स्मार्ट सिग्नल
जम्मू शहर में ट्रैफिक सिग्नल लाइट बंद होने से यातायात व्यवस्था चरमरा कर रह गई है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत लगाए गए 64 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल निष्क्रिय हैं जिससे शहर में जाम की समस्या बढ़ गई है। ट्रैफिक पुलिस मरम्मत के लिए ठेका देने में देरी कर रही है।

दिनेश महाजन, जागरण, जम्मू। जम्मू शहर की ट्रैफिक व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है क्योंकि स्मार्ट सिटी योजना के तहत लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल लाइट लगभग बंद पड़ी हैं। शहर में लंबे समय से चारों तरफ जाम और अराजकता फैली हुई है।
जम्मू स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत जम्मू नगर निगम ने कुछ वर्ष पूर्व 64 चौराहों (इंटरसेक्शन) पर इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिग्नल प्रणाली स्थापित की थी। इस पूरे आयोजन पर लगभग 14.51 करोड़ रुपये का खर्च किया गया था। इस राशि में सिग्नल प्रकाश व्यवस्था, नियंत्रण कक्ष, संचार व्यवस्था व अन्य उपकरण शामिल थे।
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इन 64 सिग्नल लाइटों में से अधिकांश अब काम नहीं कर रही हैं। इस स्थिति का कारण यह है कि स्मार्ट सिटी की आरंभिक शर्तों में सिग्नल लगाने वाली कंपनी को वार्षिक रखरखाव का ठेका दिया गया था, लेकिन जब यह जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस को सौंप की गई, तो मरम्मत के ठेका देने में पुलिस मुख्यालय की ओर से अनियंत्रित देरी हो गई। इस देरी के कारण सिग्नल कई माह से निष्क्रिय पड़े हुए हैं।
जब सिग्नल लाइट काम नहीं करती हैं, तो खड़ी व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो जाती है। प्रत्येक चौराहा अटक जाता है, आटो, टैक्सी, निजी वाहन, बसें लंबी कतारों में फंस जाती हैं। मुख्य मार्गों पर वाहन एक दूसरे को आगे बढ़ने का स्थान ही नहीं छोड़ पाते।
आपातकालीन वाहन जैसे एम्बुलेंस, अग्निशमन वाहन या पुलिस गश्ती गाड़ियां भी समय रहते आगे नहीं निकल पातीं। इससे न सिर्फ यातायात जाम रहता है बल्कि दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है, सड़क पार करने वाले पैदल यात्रियों की सुरक्षा दांव पर लग जाती है, और रोजमर्रा की गतिविधियों में सामान्य नागरिक बेहद असुविधा महसूस करते हैं।
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करोड़ों रुपये खर्च कर भी नहीं मिला लाभ
वित्तीय रूप से करोड़ों रुपये खर्च करके भी इस परियोजना का लाभ जनता को नहीं मिल पाया। चूंकि, अधिकांश सिग्नल निष्क्रिय हो चुके हैं, अब शहर भर में हर जगह जाम की स्थिति बनी हुई है। दिन के समय तथा सुबह-शाम की अवधि में जाम और लंबी कतारों से वाहनों की गति लगभग शून्य हो जाती है।
इस स्थिति को सुधारने के लिए अब ट्रैफिक पुलिस एवं प्रशासन मिलकर तेजी से मरम्मत ठेका जारी करें। यदि समय रहते सिग्नल जल्द कार्यशील नहीं किए गए, तो जम्मू की ट्रैफिक समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है। ट्रैफिक व्यवस्था का सबसे बुरा हाल उस दिन होता है जब शहर में कोई रैली, विरोध प्रदर्शन या धार्मिक कार्यक्रम होता है। उस दिन शहर में वाहन दौड़ते नहीं रेंगते हुए नजर आते है।
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जल्द मरम्मत का ठेका दिया जाएगा
एसएसपी ट्रैफिक फारूक केसर का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला है। जल्द सभी औपचारिकताओं को पूरा कर ट्रैफिक सिग्नल लाइट की मरम्मत का काम शुरू होगा।
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