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    Jammu Kashmir: स्वास्थ्य मंत्री सक्रिय, रात के समय कर रही दौरे, तबादलों का संकेत दे उड़ाई कइयों की नींद

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 12:04 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य मंत्री सकीना इट्टू अस्पतालों में लापरवाही और मारपीट की घटनाओं के बाद सक्रिय हो गई हैं। उन्होंने कश्मीर के छह बड़े अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया जिससे जम्मू संभाग के अस्पतालों में भी सुधार की उम्मीद है। स्वास्थ्य मंत्री ने एक ही स्थान पर कई वर्षों से जमे डॉक्टरों के तबादले के संकेत दिए हैं जिससे डॉक्टरों में हड़कंप है।

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    अस्पतालों में सफाई और मरीजों की देखभाल को प्राथमिकता देने की बात कही है।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। अस्पतालों में लापरवाही की बढ़ रही शिकायतों के बीच हो रही मारपीट की घटनाओं के बाद स्वास्थ्य मंत्री सकीना इट्टू सक्रिय हो गई है।

    बीते चार दिनों में ही उन्होंने कश्मीर के छह बड़े अस्पतालों का रात के समय निरीक्षण किया। इससे अब जम्मू संभाग के अस्पतालों में भी निरीक्षण की उम्मीद जगी है। वहीं डाक्टरों का तबादला करने के संकेत देने के बाद अब एक ही जगह वषों से बैठे डाक्टरों में भी हड़कंप है।

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    स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने एक दिन पहले रविवार रात को जिला अस्पताल पुलवामा का निरीक्षण करने के बाद कहा था एक ही अस्पताल में चार से पांच वर्ष तक सेवा दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों के कारण समस्या आ रही है। व्यापक स्तर फेरबदल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक जगह पर तीन या चार वर्ष से अधिक वर्ष से डयूटी दे रहे डाक्टरों का तबादला होगा।

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    स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद डाक्टरों में हड़कंप है। हालांकि प्रभावशाली डाक्टरों के तबादलों की उम्मीद कम ही है। स्वास्थ्य निदेशालय जम्मू में ही कई डाक्टर ऐसे हैं जो कि वषों से नौकरी कर रहे हैं। उन्हें किसी अस्पताल में नियुक्त नहीं किया गया है।

    वहीं कुछ सप्ताह पूर्व राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू से वापस स्वास्थ्य निदेशालय में बुलाए गए कई डाक्टरों की अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई है। मेडिकल कालेजों सहित अधिकांश अस्पतालों में डाक्टरों की कमी बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग में अगर प्रभावशाली डाक्टरों का तबादला होता भी है तो भी बाद में वे अटैचमेंट करवा कर वापस अपनी पसंदीदा जगहों पर आ जाते हैं।

    कामचलाऊ व्यवस्था से भी परेशानी

    स्वास्थ्य विभाग में स्थायी नियुक्तियां करने के स्थान पर कामचलाऊ व्यवस्था होने के कारण भी मरीजों को परेशानी होती है। वषों से विभाग में निदेशक की स्थायी नियुक्ति नहीं हो पाई है। वर्तमान निदेशक डा. जरगर को इंचार्ज डिप्टी डायरेक्टर हेडक्वार्टर नियुक्त किया गया है। उनके पास स्वास्थ्य निदेशक का अतिरिक्त प्रभार है। उनसे पहले के निदेशक डा. राकेश मगोत्रा भी स्थायी नहीं थे और उनके पास भी अतिरिक्त प्रभार था।

    डिप्टी डायरेक्टर स्कीम्स भी इंचार्ज हैं। उनकी नियुक्ति भी स्थायी नहीं है। असिस्टेंट डायरेक्टर स्कीम्स, असिस्टेंट डायरेक्टर हेल्थ एजूकेशन ब्यूरो, स्टेट मलेरियालोजिस्ट, स्टेट टीबी अधिकारी सभी इंचार्ज हैं। वहीं जम्मू के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरबख्श सिंह को छोड़ कर अन्य मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी भी इंचार्ज है। चिकित्सा अधीक्षकों की स्थिति भी इसी प्रकार की है। इससे निपटना बड़ी चुनौती है।

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    अस्पतालों की स्थिति भी बेहतर नहीं

    स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ दिनों में जेवीसी बेमिना, जिला अस्पताल पुलवामा, चिल्ड्रेन अस्पताल, श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल, काजीगुंड अस्पताल सहित छह अस्पतालों का रात के समय दौरा किया। कुछ जगह पर आपरेशन थियेटर बंद थे तो कुछ जगहों पर सफाई व्यवस्था चरमराई हुई थी। इसे देखकर स्वास्थ्य मंत्री भड़की हुई है। उनका कहना है कि पिछले दस वर्ष से जो आदतें पड़ी हैं, उन्हें बदलना होगा।

    मरीजों की देखभाल के साथ समझौता नहीं हो सकता। सफाई का प्रबंध नहीं है। इतनी बदबू है कि मरीज ठीक होने के स्थान पर और बीमार होगा। अस्पताल में सफाई व्यवस्था अहम है। इस पर ध्यान देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम कुछ कदम उठाने जा रहे हैं। जिन मरीजों को खून बहा होगा, ब्रेन हेमरेज वाला मरीज हो उनको इलाज में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें विरासत में समस्याएं मिली हैं। लेकिन हम अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेंगे।

    अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे। डाक्टरों की कमी है। हमने सरकार बनने के बाद 500 डाक्टरों को नियुक्त किया है। कई कंसल्टेंट दूरदराज के क्षेत्रों में नियुक्त किए गए हैं। सभी कमियों को दूर किया जाएगा। गौरतलब है कि कुछ दिनों से स्वास्थ्य मंत्री लगातार रात के समय कश्मीर के विभिन्न अस्पतालों का दौरा कर रही हैं। 

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