जम्मू-कश्मीर में बाढ़ राहत कार्य जोरों पर: हवाई मार्ग से पहुंचाई खाद्य सामग्री, मंत्री बोले-खाद्य भंडार की कमी नहीं
जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में हवाई मार्ग से खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है। खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री सतीश शर्मा ने बताया कि सभी जिलों में पर्याप्त राशन उपलब्ध है और अगस्त का राशन वितरित हो चुका है। कुछ क्षेत्रों में सितंबर का कोटा भी जारी किया गया है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के बाढ़ ग्रस्त दुर्गम और संपर्क से कटे हुए गांवों में खाद्य आपूर्ति हवाई मार्ग से पहुंचाई गई है। इन क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ के कारण सड़क संपर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि संकट के दौरान कोई भी परिवार भोजन और बुनियादी आवश्यक वस्तुओं के बिना न रहे। यह जानकारी खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के आयुक्त सचिव सौरव भगत ने विभाग के मंत्री सतीश शर्मा को दी।
शर्मा बाढ़ के कारण जम्मू-कश्मीर के हिस्सों में खाद्यान्न, रसोई गैस और पेट्रोलियम उत्पादों सहित आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता और वितरण की समीक्षा कर रहे थे।
यह भी पढ़ें- लद्दाख में सिल्क रूट अल्ट्रा मैराथन का आगाज आज शाम से, दमखम दिखाने देश-विदेश से पहुंचे धावक
मंत्री को बताया गया कि सभी जिलों में खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। अगस्त महीने का राशन पहले ही वितरित किया जा चुका है, जबकि कुछ बाढ़ प्रभावित और संवेदनशील क्षेत्रों में, निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सितंबर का कोटा भी अग्रिम रूप से जारी कर दिया गया है।
इसके अलावा विभाग ने लंबे समय तक व्यवधान की स्थिति में भविष्य की किसी भी आवश्यकता को पूरा करने के लिए खाद्यान्न, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं का बफर स्टाक बनाए रखा है।
दूरसंचार आपरेटरों के सक्रिय सहयोग से, स्मार्ट पीडीएस प्रणाली को पूरी तरह कार्यात्मक बनाया गया है, जिससे बाढ़ से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद राशन वितरण सुचारू और पारदर्शी बना हुआ है।
बैठक में बताया गया कि पेट्रोलियम उत्पादों और अन्य आवश्यक आपूर्तियों से लदे लगभग 400 ट्रक मुगल रोड के माध्यम से कश्मीर संभाग पहुँच चुके हैं, जो राष्ट्रीय राजमार्ग के अस्थायी रूप से बाधित होने के बाद जीवनरेखा प्रदान कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- जम्मू में दो सप्ताह बाद स्कूलों में लौटने लगी रौनक, कुछ निजी स्कूलों में शुरू हुई ऑफलाइन कक्षाएं
इसी प्रकार, सिमथान टाप मार्ग के माध्यम से किश्तवाड़ और डोडा के दूर-दराज जिलों में आपूर्ति सुनिश्चित की गई है, जिससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि इन क्षेत्रों के लोगों को आवश्यक वस्तुओं की किसी भी कमी का सामना न करना पड़े।
अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद, जम्मू-कश्मीर में खाद्यान्न, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि खाद्यान्न भंडार की कोई कमी नहीं है।
वैकल्पिक मार्गों से सड़क परिवहन और दुर्गम क्षेत्रों में हवाई मार्ग से खाद्यान्न पहुंचाने सहित सभी संभव उपाय हर घर तक पहुँचाने के लिए किए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें- 'विधायक ने अस्पताल मांगा... PSA लगा दिया', मेहराज मामले में भड़के AAP MP संजय सिंह ने लोकतंत्र पर ही खड़े कर दिए सवाल
मंत्री ने अधिकारियों को ज़िला प्रशासन और क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखने, ज़मीनी स्थिति की नियमित निगरानी करने और उभरती चुनौतियों से निपटने में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का भी निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि समान आपूर्ति सुनिश्चित करने और जनता को किसी भी कठिनाई से बचाने के लिए दूरदराज और संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
सतीश शर्मा ने कठिन परिस्थितियों में अथक परिश्रम करने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग और विभिन्न तेल कंपनियों के अधिकारियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना की और पूरी तरह से सामान्य स्थिति बहाल होने तक निरंतर समर्पण का आह्वान किया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।