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    साइलेंट किल्लर है हाई बल्ड प्रेशर, नियंत्रित करना है बड़ा जरूरी, डॉ सुशील ने दिए इस नुकसान से बचने के सुझाव

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 01:31 PM (IST)

    जीएमसी जम्मू के कार्डियोलाजी विभागाध्यक्ष डॉ. सुशील शर्मा ने हृदय रोग के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। उन्होंने हाई बल्ड प्रेशर को एक गंभीर खतरा बताया है जिसे नियंत्रित करना आवश्यक है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने भी रक्तचाप के दिशानिर्देशों में संशोधन किया है। डॉ. शर्मा ने सीआरपीएफ मुख्यालय गंग्याल में हृदय जागरूकता शिविर में जीवनशैली में बदलाव।

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    डॉ. सुशील ने शीघ्र जांच पर जोर दिया ताकि हृदय रोगों से बचा जा सके

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जीएमसी जम्मू के कार्डियोलाजी विभागाध्यक्ष डॉ. सुशील शर्मा ने कहा कि चिकित्सा जगत में हुई प्रगति के बावजूद हृदय रोग विश्व स्तर पर मृत्यु का प्रमुख कारण बने हुए हैं और हाई बल्ड प्रेशर इस महामारी के केंद्र में है। हाई बल्ड प्रेशर एक साइलेंट किल्लर है जिसे अगर नियंत्रित न किया जाए तो गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं पैदा कर सकता है।

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    हाई बल्ड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) के निदान के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन

    अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और अमेरिकन कालेज ऑफ कार्डियोलाजी ने उच्च रक्तचाप के निदान के लिए दिशानिर्देशों को संशोधित किया है। थोड़ा सा रक्तचाप बढ़ना भी हानिकारक है। उन्होंने हृदय संबंधी जोखिम को कम करने के लिए शीघ्र पहचान और रक्तचाप पर सख्त नियंत्रण पर ज़ोर दिया गया है।

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    हृदय जागरूकता एवं स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन

    रविवार को 76 बटालियन सीआरपीएफ मुख्यालय गंग्याल जम्मू में एक दिवसीय हृदय जागरूकता एवं स्वास्थ्य जांच शिविर में उन्होंने यह बात कही। शिविर का उद्देश्य उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना था।

    जीवनशैली में संशोधन की आवश्यकता

    उन्होंने स्क्रीनिंग, शिक्षा और सामुदायिक स्तर पर हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उच्च रक्तचाप अक्सर पता ही नहीं चल पाता खासकर कम संसाधन वाले क्षेत्रों में जहां जागरूकता और देखभाल तक पहुंच सीमित है।

    डा. सुशील ने उच्च रक्तचाप के प्रबंधन के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की वकालत की जो जीवनशैली में संशोधन पर और आवश्यक होने पर औषधीय उपचार पर केंद्रित हो।

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    स्वस्थ जीवनशैली के लिए सुझाव

    उन्होंने फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करने को कहा। शारीरिक गतिविधि सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाले एरोबिक व्यायाम करें।

    शराब का संयम और धूम्रपान बंद करना दोनों आक्सीडेटिव तनाव और संवहनी सूजन को कम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं और तनाव प्रबंधन, स्वायत्त गतिविधि को नियंत्रित करने के लिए माइंडफुलनेस, योग और विश्राम तकनीकों को शामिल करें।

    सम्मान और आभार

    76वीं बटालियन सीआरपीएफ के कमांडेंट विज़ोटो टिनी, चिकित्सा कमांडेंट डॉ. मोनिका पाल, द्वितीय प्रभारी जय राम, उप कमांडेंट विवेक सारस्वत ने अपने परिसर में हृदय जागरूकता व जांच शिविर आयोजित करने के लिए डॉ. सुशील और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की और हार्दिक आभार व्यक्त किया।

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    इस शिविर में डा. भोला कुमार और डा. आदित्य शर्मा भी शामिल थे। पैरामेडिक्स और स्वयंसेवकों में राजकुमार, रणजीत सिंह, राजिंदर सिंह, विकास कुमार, राहुल वैद, शुभम शर्मा, मक्खन शर्मा, संजय सिंह, गौरव शर्मा, मुकेश शर्मा और निरवैर सिंह बाली शामिल हैं।