सरकार चाहती है जम्मू-कश्मीर में साल भर आएं पर्यटक, सीआईआई से भी मांगी मदद, निजी क्षेत्र भी आए आगे
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को पूरे साल पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना चाहती है। श्रीनगर में सीआईआई की बैठक में पर्यटन को पुनर्जीवित करने पर चर्चा हुई। सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने सुरक्षा को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदायों को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने कहा कि सरकार का इरादा जम्मू-कश्मीर को मौसमों से परे पूरे साल एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) से आग्रह किया कि वह सरकार को गर्मियों व सर्दियों के व्यस्ततम समय से हटाकर साल भर के पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करने में सहयोग प्रदान करे।
श्रीनगर में भारतीय उद्योग परिसंघ की पर्यटन एवं आतिथ्य पर उत्तरी क्षेत्रीय समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही । इस बैठक का उद्देश्य पर्यटन के पुनरुद्धार और जम्मू-कश्मीर को वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए रणनीतिक हस्तक्षेपों पर चर्चा करना था।मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम असलम वानी और गुलमर्ग के विधायक फारूक अहमद शाह बैठक में उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन और कश्मीर इस तरह से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं कि एक को दूसरे के बिना वर्णित नहीं किया जा सकता। ऐसा नहीं है कि कश्मीर में पर्यटन किसी एक मौसम के लिए होता है बल्कि साल भर होता है। हर मौसम का अपना महत्व होता है। उन्होंने कहा कि सीआईआई नीतिगत मुद्दों पर सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है जिससे विशिष्ट सेवाओं और वैश्विक संबंधों के माध्यम से उद्योग के लिए दक्षता, प्रतिस्पर्धात्मकता और व्यावसायिक अवसरों का विस्तार हो रहा है।
उन्होंने सीआईआई से पर्यटन, हथकरघा और हस्तशिल्प साहसिक खेलों और कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया ताकि जम्मू-कश्मीर में उच्च संभावनाओं के बारे में प्रचार और जागरूकता की अधिक संभावनाओं का पता लगाया जा सके।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सीआईआई के साथ हमारी साझेदारी सतत विकास को गति देगी, रोजगार सृजन करेगी और हमारी सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करेगी। उन्होंने दोहराया कि सरकार जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी कदम उठा रही है जिसमें बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, पर्यटन पेशकशों में विविधता लाने, सुरक्षा को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदायों को शामिल करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के सलाहकार ने कहा कि सीआईआई को अपने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ सतत विकास और पर्यटकों के अधिक खर्च के लिए विशिष्ट बाजारों को लक्षित करने में सरकार की मदद करनी चाहिए। उन्होंने सीआईआई सदस्यों और उद्योग जगत को एमआईसीई पर्यटन मानचित्र पर जम्मू-कश्मीर को बढ़ावा देने और जम्मू-कश्मीर में पर्यटन बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के तरीके सुझाने के लिए आमंत्रित किया।
जम्मू-कश्मीर अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के लिए प्रसिद्ध है और हमारा एक प्रयास श्रीनगर, जम्मू में लोक उत्सवों, सूफी संगीत सर्किट और हेरिटेज वाक को पुनर्जीवित करना होना चाहिए।
गुलमर्ग के विधायक फारूक अहमद शाह ने कहा कि साहसिक खेल पर्यटन को बढ़ावा देने में एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं और सुझाव दिया कि गुलमर्ग और पहलगाम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साहसिक खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां सरकार और सीआईआई संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं और पारदर्शी पीपीपी माडल के माध्यम से एडवेंचर पार्क, वेलनेस सेंटर, हेरिटेज होटल जैसे विशिष्ट बुनियादी ढांचे का विकास कर सकते हैं।
उन्होंने एयरलाइनों, होटल श्रृंखलाओं और ट्रैवल एग्रीगेटर्स के साथ संयुक्त विपणन अभियानों की संभावना तलाशने और होमस्टे निर्देशित पर्यटन और कारीगर बाजारों के लिए स्थानीय सहकारी समितियों को सशक्त बनाने का भी सुझाव दिया।
इससे पहले पर्यटन एवं आतिथ्य पर सीआईआई उत्तरी क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष केबी काचरू ने बैठक के एजेंडे पर प्रकाश डाला जिसमें मुख्य रूप से पुलिस हस्तक्षेप, वार्षिक कार्य योजना, उत्तरी राज्यों की पर्यटन समीक्षा, कौशल विकास, क्षमता निर्माण और प्रमुख योजनाएं शामिल थीं।
सीआईआई ने बड़े उद्योगों को यह संदेश देने के लिए श्रीनगर में अपनी पहली क्षेत्रीय पर्यटन समिति की बैठक आयोजित करने का एक निर्णय लिया कि हमें इस समय जम्मू-कश्मीर को बढ़ावा देना चाहिए।
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उन्होंने दोहराया कि सीआईआई और उसके सदस्य इस क्षेत्र के समग्र पर्यटन विकास में योगदान देना चाहेंगे। उन्होंने कहाए हमारी प्राथमिकता नीतिगत सुधारों, स्थायी प्रथाओं और सार्वजनिक निजी तालमेल को बढ़ावा देना है।
अंत में सीआईआई जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष डा. एमए अलीम ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार और सीआईआई जल्द ही इस क्षेत्र में विकास को और बढ़ावा देने के लिए कुछ पहल शुरू करेंगे।
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