जम्मू में बारिश, बाढ़ और उफनती नदियों से सटी सीमाओं की सुरक्षा कर रही है बीएसएफ की जल शाखा, आप करेंगे सलाम
बारिश के कारण जम्मू की नदियों में जलस्तर बढ़ने से BSF की जल शाखा पाकिस्तान की ओर बहने वाली बिना बाड़ वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा कर रही है। आधुनिक गश्ती नौकाओं से BSF का गश्ती दल सीमा पर चौकसी रख रहा है। आतंकवादी घुसपैठ के प्रयासों को देखते हुए BSF जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

डिजिटल डेस्क, जम्मू। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की जल शाखा भारी बारिश के कारण बढ़ते जलस्तर के बीच पाकिस्तान की ओर बहने वाली जम्मू की उफनती नदियों से सटी बिना बाड़ वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा कर रही है।
अत्याधुनिक गश्ती नौकाओं के साथ बीएसएफ का गश्ती दल उफनती नदियों में भी सीमा पर चौकसी बरते हुए है। भारी बारिश के बीच संभावित आतंकवादी घुसपैठ के प्रयासों के मद्देनजर जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के नदी क्षेत्र में "24x7 पहरा" देने के लिए बीएसएफ जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
बीएसएफ में महिला जवान भी जम्मू सेक्टर में अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारत-पाक सीमा पर गश्त कर रही हैं। स्वतंत्रता दिवस से पहले पाकिस्तान से लगी सीमा पर होने वाली गतिविधियों पर सतर्क नजर रखी जा रही हैं।
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आपको बता दें कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवादी का जलमार्गों या थल मार्गों से घुसपैठ करने और ड्रोन के जरिए हथियार ले जाने का खतरा हमेशा बना रहता है। ऐसे में किसी भी मौसम में बीएसएफ के सतर्क जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में एक पल के लिए भी अपनी चौकसी में ढील नहीं दे सकते।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार आज जम्मू के लिए पूर्वानुमान में कहा गया है कि "मध्यम बारिश के साथ सामान्यतः बादल छाए रहेंगे"। अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
गत बुधवार की बात करें तो जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई। दरिया चिनाब के अलावा पुंछ दरिया का जलस्तर बढ़ गया, जिसके कारण राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को स्थिति पर नजर रखने और भारी नुकसान को रोकने के लिए कर्मियों को तैनात करना पड़ा।
एसडीआरएफ पुंछ के सहायक उप-निरीक्षक जाकिर ने पुष्टि की कि बारिश की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा उन्हें क्षेत्र में तैनात किया है। यहां सोमवार से ही भारी बारिश हो रही है। हमने सभी को जलस्रोतों से दूर रहने की सलाह दी है। हम किसी भी तरह की जनहानि को रोकने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरत रहे हैं। जल स्तर बढ़ गया है।
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वहीं राजौरी जिले की बात करें तो यहां कालाकोट संभाग में लगातार तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है, जिससे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं।
कालाकोट के सहायक विकास आयुक्त (एडीसी) तनवीर हुसैन खान ने बताया कि टीमें स्थिति से निपटने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। भारी बारिश के कारण सभी सरकारी व निजी स्कूल बंद हैं।
राजौरी जिले में भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ और भूस्खलन हुआ है। अधिकारियों ने आपातकालीन सहायता के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं और निवासियों को घर के अंदर रहने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से यात्रा करने से बचने की सलाह दी है।
एडीसी कालाकोट ने बताया कि इस बार बारिश में लोगों को भारी नुकसान हुआ है। कम से कम 25 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। हमने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। चूंकि यह एक पहाड़ी इलाका है, भूस्खलन के कारण लोगों को भारी नुकसान हुआ है। बीआरओ सड़कों को हुए नुकसान को कम करने के लिए काम कर रहा है। हमने कालाकोट में पुनर्वास केंद्र बनाए हैं।
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आपको बता दें कि गत 21 जुलाई को पुंछ में भूस्खलन के बाद एक युवा छात्र की मौत हो गई थी। जिला अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि एक 5 वर्षीय बच्चे को मृत अवस्था में लाया गया था जबकि अन्य 4 को मामूली चोटें आई थीं और वे वर्तमान में निगरानी में हैं। एक शिक्षक भी घायल हुआ है, लेकिन उसकी हालत स्थिर है।
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