Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा का एक भी सदस्य नहीं, सभी चारों सीटें खाली

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 02:15 PM (IST)

    15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन जम्मू-कश्मीर की भूमिका सीमित रहेगी। यहां के केवल पांच लोकसभा सदस्य ही मतदान कर पाएंगे क्योंकि राज्यसभा की चारों सीटें खाली हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सीटों को भरने की मांग की है जबकि पीडीपी ने संसद में क्षेत्र के प्रतिनिधित्व की कमी पर चिंता जताई है।

    Hero Image
    उपराष्ट्रपति चुनाव : जम्मू कश्मीर से राज्यसभा का एक भी सदस्य नहीं (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। 15वें उपराष्ट्रपाति के चयन के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर अगस्त के अंत तक उपराष्ट्रपति का चयन हो जाएगा, लेकिन उसके चुनाव में जम्मू कश्मीर भूमिका सीमित रहेगी।

    जम्मू कश्मीर के सिर्फ पांच लोकसभा सदस्य ही नए उपराष्ट्रपति के लिए मतदान कर पाएंगे जबकि राज्यसभा मे चार सीटें होने के बावजूद ,जम्मू कश्मीर का कोई भी राज्यसभा सदस्य मतदान नहीं कर पाएगा।

    सभी चार सीटें खाली

    जम्मू कश्मीर के कोटे की राज्यसभा की चारों सीटें रिक्त हैं।  उल्लेखनीय है कि जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था, जिससे संसद के चल रहे मानसून सत्र के दौरान एक पद रिक्त हो गया। ठीक दो दिन बाद, भारत निर्वाचन आयोग ने उनके उत्तराधिकारी के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संविधान के अनुच्छेद 63 से 71 और उपराष्ट्रपति (निर्वाचन) नियम, 1974 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के 788 सदस्यों - लोकसभा से 543 और राज्यसभा से 245 - वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है।

    382 मतों की आवश्यकता

    हालांकि, मौजूदा रिक्तियों के कारण, इस चुनाव में केवल 782 सदस्य ही भाग लेंगे। एक लोकसभा और पांच राज्यसभा सीटें रिक्त होने के कारण, विजयी उम्मीदवार को 392 मतों की आवश्यकता होगी। राज्यसभा की पांच रिक्त सीटों में से चार जम्मू-कश्मीर और एक पंजाब की है, जो संजीव अरोड़ा के विधानसभा में जाने के बाद खाली हुई है।

    छह साल से भी ज़्यादा समय बाद 2023 में पहली बार विधानसभा चुनाव होने के बावजूद, जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटें खाली हैं। 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा इन सदस्यों के चुनाव के लिए ज़िम्मेदार है, फिर भी चुनाव आयोग ने रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है।

    हालांकि, मई में गुजरात, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल के लिए उपचुनावों की घोषणा की गई थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर की राज्यसभा सीटों या बडगाम और नगरोटा विधानसभा क्षेत्रों के लिए कोई तारीख तय नही की गई।

    जम्मू-कश्मीर से पांच लोकसभा सांसद हैं

    वर्तमान में, जम्मू-कश्मीर से पांच लोकसभा सांसद हैं- तीन कश्मीर से और दो जम्मू से । लेकिन 245 सदस्यीय राज्यसभा में जम्मू कश्मीर का एक भी सदस्य नहीं है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर को देश के सर्वोच्च विधायी निकायों में उसका उचित स्थान नहीं दिया जा रहा है।

    उन्होंने कहा कि हम लगातार इन सीटों को भरने की मांग कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने इस विषय में कोई कदम नहीं उठाया है। विधानसभा में 42 सीटों और कांग्रेस तथा माकपा जैसे सहयोगियों के समर्थन के साथ, नेशनल कॉन्फ्रेंस को राज्यसभा की चार में से तीन सीटें जीतने की उम्मीद है, जबकि 29 विधायकों वाली भाजपा एक सीट जीत सकती है।

    भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में राज्यसभा का चुनाव कराने की ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग पर है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं।

    हमारी पार्टी लोकतंत्र के पक्ष में है और रिक्त सीटों को भरने का समर्थन करती है।  पीडीपी नेता फैयाज मीर जो राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के अंतिम सांसदों में से एक हैं, ने कहा कि संसद में इस क्षेत्र की अनुपस्थिति एक गंभीर चिंता का विषय है।

    उन्होंने आगे कहा, हमारे हितों की रक्षा के लिए प्रतिनिधित्व बेहद ज़रूरी है। कोई सुरक्षा चिंता या बड़ी बाधा नहीं है - फिर भी राज्यसभा के चुनाव नहीं करा जा रहे हैं,जो कई सवाल पैदा करता है।