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    नशे के दलदल में डूब रहा जम्मू-कश्मीर, संसद में पेश किए सरकारी आंकड़ों को जान हैरान रह जाएंगे आप!

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 02:12 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में तेज़ी से बढ़ रहे नशे के कारोबार ने चिंता बढ़ा दी है। लोकसभा में पेश किए गए सरकारी आँकड़े बताते हैं कि 2018 से 2022 के बीच यहाँ 1.12 लाख किलोग्राम से ज़्यादा नशीली दवाएँ ज़ब्त की गईं। हालाँकि आँकड़ों में प्रति वर्ष उतार-चढ़ाव दिखता है लेकिन 2022 के बाद से नशीली दवाओं की जब्ती में लगातार वृद्धि हो रही है।

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    सरकार नशे के इस दलदल से निपटने के लिए प्रयासरत है।

    डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में जिस तेजी के साथ नशे का कारोबार बढ़ रहा है, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत का मुकुट कहे जाने वाला जम्मू-कश्मीर नशे के दलदल में डूब गया है। जम्मू-कश्मीर में नशीली दवाओं की बरामदगी की मात्रा नशीली दवाओं के गिरोहों के बढ़ते प्रभाव की एक ज्वलंत तस्वीर पेश करते हैं।

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    लोकसभा में नशीली दवाओं की बरामदगी को लेकर पेश किए गए सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं कि जम्मू-कश्मीर नशीली दवाओं की गिरफ्त में है और अधिकारी कई मोर्चों पर युद्ध लड़ रहे हैं। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जम्मू-कश्मीर सहित भारत के अन्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ लड़ाई का विस्तृत विवरण दिया।

    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए राज्य मंत्री ने खुलासा किया कि 2018 से 2022 के बीच यानी पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर में 1.12 लाख किलोग्राम से अधिक नशीली दवाएं जब्त की गई हैं।

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    जम्मू-कश्मीर के हालांकि ये आंकड़े प्रति वर्ष उतार-चढ़ाव दर्शाते हैं। 2018 में अधिकारियों ने 19,353.68 किलोग्राम ड्रग्स, 87713 यूनिट और 7,997.22 लीटर नशीले पदार्थ ज़ब्त किए। यह एक चौंकाने वाला आंकड़ा है। वर्ष 2019 में यह आंकड़ा और भी बढ़ गया। इस वर्ष में 26,517.39 किलोग्राम ड्रग्स, 1,64,428 यूनिट और 2,133.30 लीटर नशीले पदार्थ जब्त किए गए।

    वर्ष 2020 में इन आंकड़ों में और वृद्धि दर्ज की गई। जबकि 2019 में जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अलग कर दिया गया था। जब्ती की संख्या बढ़कर 27,361.35 किलोग्राम, 6,18,361 यूनिट और 40,890.11 लीटर तक पहुंच गई। ये आंकड़े सड़कों पर ड्रग्स की बाढ़ लाने के लिए पर्याप्त थे।

    वर्ष 2021 में नशीली दवाओं की जब्ती कम हुई। इस दौरान 22,082.41 किलोग्राम ड्रग्स, 1,71,954 यूनिट और 4,069.23 लीटर रह गई। वर्ष 2022 में इसमें और गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान 17,192.41 किलोग्राम, 3,00,776 यूनिट और 956.10 लीटर नशीले पदार्थत जब्त हुए।

    जम्मू-कश्मीर सरकार के आंकड़ों के अनुसार 2022 से नशीली दवाओं की जब्ती में लगातार वृद्धि हो रही है। सरकार ने अगस्त 2024 में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 2023 में 29,306 किलोग्राम नशीली पदार्थ और 74,179 नशीली दवाएं नष्ट की जबकि 2024 की पहली छमाही में 4,365 किलोग्राम ड्रग्स और 26,772 नशीली दवाएं नष्ट की।" 

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    जम्मू-कश्मीर में इस अवधि के दौरान नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत 6851 लोगों पर मामला दर्ज किया गया। 2018 में इस अधिनियम के तहत पकड़े गए नशा तस्करों की संख्या 938 थी जबकि 2022 में दोगुनी होकर 1837 हो गई।

    जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2023 से अब तक अवैध मादक पदार्थों के व्यापार नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई में कुल 3190 मामले दर्ज किए और 4536 लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले साल अगस्त में जारी एक बयान में कहा गया था कि आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ने के लिए कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने ड्रग सरगनाओं के खिलाफ पीआईटी एनडीपीएस अधिनियम लागू किया है।

    जिसके परिणामस्वरूप पिछले 18 महीनों में 463 लोगों को हिरासत में लेने के आदेश दिए गए। जम्मू-कश्मीर ने मनो-प्रभावी पदार्थों की आपूर्ति और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम भी उठाए हैं। पिछले एक साल में औषधीय ओपिओइड और संबंधित पदार्थों के अवैध कब्जे, खरीद और वितरण से संबंधित मामलों में कई गिरफ्तारियां और चालान हुए हैं।