फैक्स मशीन खराब है! सत्यपाल मलिक के कार्यकाल से जुड़ी वो घटना, जिसने बदल दिया जम्मू-कश्मीर का नक्शा
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। उनके कार्यकाल में 2018 में एक महत्वपूर्ण घटना घटी जब भाजपा ने महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस ले लिया। पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने मिलकर सरकार बनाने की कोशिश की लेकिन राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी। राजभवन ने फैक्स मशीन खराब होने की बात कही जिससे राजनीतिक दलों में हंगामा मच गया।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक अब हमारे बीच में नहीं रहे हैं लेकिन उनका कार्यकाल हमेशा सुर्खियों में बना रहा। वर्ष 2018 में एक ऐसी घटना घटी जिसने बाद में जम्मू-कश्मीर का नक्शा और राजनीति दोनों ही पूरी तरह से बदलकर रख दिया। छह वर्ष बाद भी आज तक राजनीतिक दलों के बीच इस घटना का कहीं न कहीं जिक्र होता रहता है।
जब भाजपा ने 19 जून 2018 को महबूबा मुफ्ती सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया तब जम्मू-कश्मीर में भाजपा के बिना सरकार बनाने पर मंथन होने लगा। एक दूसरे के चिरप्रतिद्वंद्वी रहे पीडीपी और नेशनल काफ्रेंस एक साथ आ गए।
पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन को मुख्यमंत्री बनाने के लिए चर्चाओं का बाजार गर्म होने लगा। फिर राजभवन में एक ऐसी घटना घटी जिससे सभी कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दलों के सपने टूट गए।
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जब राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी
नेकां, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस, कांग्रेस व अन्य कश्मीर केंद्रित दलों में राजभवन को नई गठबंधन सरकार बनाने का पत्र फैक्स किया लेकिन राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी। जब इन राजनीतिक दलों ने इनका विरोध किया तो राज्यपाल की ओर से कहा गया कि उन्हें कोई पत्र नहीं मिला।
राजभवन की फैक्स मशीन खराब है। इस पर काफी हंगामा भी हुआ। बाद में राजभवन की फैक्स खराब होने का मुद्दा कई बार राजनीतिक दलों ने उठाया। लेकिन इस घटना ने इसके मात्र नौ महीने बाद ही जम्मू-कश्मीर की दशा और दिशा दोनों ही बदलकर रख दी।
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया
उस समय सरकार भंग होने के बाद जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया और यही अनुच्छेद 370 हटने का आधार बना। उस समय राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा था कि फैक्स खराब होना तब कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दलों को सरकार बनाने से रोकना भी था लेकिन इसका जम्मू-कश्मीर की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा और उस खराब फैक्स के कारण जम्मू-कश्मीर राजनीतिक रूप से पूरी तरह से बदल गया था।
इसके बाद जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया और कुछ महीनों के बाद ही यही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का आधार भी बना। अगर उस समय कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दल जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बना लेते तो शायद ही तब पांच अगस्त 2019 को कभी अनुच्छेद 370 हट पाता।
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केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया
फैक्स मशीन खराब होने की घटना के ठीक नौ महीने बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया। एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख। इसमें तत्कालीन उपराज्यपाल सत्यपाल मलिक की भूमिका अहम रही।
इसे संयोग ही कहा जाएगा कि छह वर्ष पूर्व आज ही के दिन जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर इसे केंद्र शाासित प्रदेश में बदल दिया गया था और आज ही के दिन सत्यपाल मलिक का निधन हुआ।
बेबाक बयानों और कार्यशैली के कारण जाने जाते थे मलिक
जम्मू-कश्मीर के मामलों पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि सत्यपाल मलिक अपने बेबाक बयानों और कार्यशैली के कारण जाने जाते थे। अगर उस उस दिन राजभवन की फैक्स मशीन खराब नहीं होती तो आज इस प्रकार की स्थिति देखने को नहीं मिलती। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने में सत्यपाल मलिक ने अहम भूमिका निभाई है।
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